भाजपा ने कहा कि ओवैसी मानसिक दिवालियेपन का शिकार हैं. उन्हें तथ्यों की जानकारी नहीं है. प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार क़ानून व्यवस्था को सर्वोपरि मानती है और नोएडा पुलिस ने जो कुछ भी किया, ठीक किया.
हैदराबाद/लखनऊ: एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने नोएडा पुलिस के सार्वजनिक स्थलों में जुमे की नमाज़ पढ़ने के ख़िलाफ़ जारी एक आदेश को लेकर कहा कि यूपी पुलिस कांवरियों पर तो फूल बरसाती है किंतु सार्वजनिक स्थलों पर प्रार्थना करने वाले मुस्लिमों को नोटिस जारी कर रही है.
नोएडा में पुलिस ने अपने कार्य क्षेत्र में आने वाली निजी फर्मों को नोटिस जारी कर उनसे कहा कि वे एक स्थानीय पार्क में जुमे की नमाज़ पढ़ने से अपने मुस्लिम कर्मचारियों को रोकें. जिला प्रशासन ने मंगलवार को कहा था कि सार्वजनिक स्थलों पर ‘अनधिकृत’ धार्मिक जमावड़े को अनुमति नहीं दी जाएगी.
पुलिस के आदेश की आलोचना करते हुए ओवैसी ने ट्वीट किया, ‘यूपी पुलिस ने कांवरियों पर फूलों की बारिश की थी किंतु सप्ताह में एक बार नमाज़ का मतलब है कि शांति एवं भाईचारे में बाधा.’
UP Cops literally showered petals for Kanwariyas, but namaz once a week can mean “disrupting peace & harmony”. This is telling Muslims: aap kuch bhi karlo, ghalti to aapki hi hogi.
Also, by law, how does one hold an MNC liable for what their employees do in individual capacity? https://t.co/b90Jw5ZMHY
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) December 25, 2018
आॅल इंडिया मजलिस-ए-इतेहाद-उल-मुस्लमीन (एआईएमआईएम) नेता ने कहा, ‘मुसलमानों से कहा जा रहा है कि आप कुछ भी कर लो, गलती आपकी ही होगी.’
हैदराबाद के सांसद ओवैसी ने सवाल किया, ‘कानून के तहत किसी एमएनसी (बहुराष्ट्रीय कंपनी) को उनके कर्मचारी द्वारा वैयक्तिक क्षमता से किए जाने वाले काम के लिए कैसे ज़िम्मेदार ठहराया जा सकता है?’
नोएडा के अधिकारियों ने 2009 के उच्चतम न्यायालय के एक आदेश का हवाला देते हुए कहा कि सभी समुदायों द्वारा सार्वजनिक स्थलों के धार्मिक गतिविधियों के अनधिकृत उपयोग पर स्पष्ट प्रतिबंध लगाया गया है.
ओवैसी मानसिक दिवालियेपन का शिकार: भाजपा
उत्तर प्रदेश के नोएडा में नमाज़ पढ़ने को लेकर एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी की टिप्पणी पर भाजपा ने बुधवार को कहा कि ओवैसी मानसिक दिवालियेपन के शिकार हो गए हैं.
लखनऊ में भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता चंद्रमोहन ने कहा, ‘ओवैसी मानसिक दिवालियेपन का शिकार हैं. उन्हें तथ्यों की जानकारी नहीं है. प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार क़ानून व्यवस्था को सर्वोपरि मानती है और नोएडा पुलिस ने जो कुछ भी किया, ठीक किया.’
चंद्रमोहन ने कहा कि सार्वजनिक पार्क में इस तरह के (नमाज़) आयोजन, जिस पर लोग आपत्ति कर रहे हों, उसे प्रतिबंधित करने और शांति व्यवस्था को लेकर उठाया गया क़दम सराहनीय है.
उन्होंने कहा कि ओवैसी को पता ही नहीं है कि कांवड़ यात्रा क्या है? कांवड़ यात्रा की पुष्प वर्षा क्या है? प्रवक्ता ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार सभी धर्मों में मनाए जाने वाले पर्वों का ध्यान रखती है.
गौरतलब हो कि नोएडा पुलिस ने कंपनियों को एक विवादित नोटिस भेजा है. जिसमें कंपनियों से कहा गया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि उनके मुस्लिम कर्मचारी सार्वजनिक स्थलों जैसे पार्क आदि में जगहों पर शुक्रवार (जुमा) की नमाज़ न पढ़ें. नोएडा सेक्टर-58 के थाना प्रभारी की ओर से यह नोटिस जारी किया गया है.
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, यूपी पुलिस के आदेश को संज्ञान में लेते हुए नोएडा पुलिस के विभिन्न थानों में पिछले हफ्ते एक नोटिस जारी किया गया था. इसमें कहा गया है कि अगर नोएडा सेक्टर-58 स्थित इंडस्ट्रियल हब के कार्यालयों के कर्मचारी सार्वजनिक स्थलों पर नमाज़ पढ़ते हुए पाए गए तो उसके लिए संस्थान को ज़िम्मेदार ठहराया जाएगा.
पुलिस की ओर से कहा गया है कि आने वाले 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ सकता है इसलिए ऐसा निर्देश जारी किया गया है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)