गृह मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि रॉयटर्स के पत्रकार कैथल मैकनॉटन ने अपनी पिछली यात्रा में जम्मू कश्मीर के प्रतिबंधित और संरक्षित क्षेत्रों में बिना अनुमति के जाकर वीजा शर्तों का उल्लंघन किया है.
नई दिल्ली: दिल्ली कार्यालय में वैश्विक समाचार एजेंसी रॉयटर्स के साथ मुख्य फोटोग्राफर के रूप में काम कर रहे पुलित्जर पुरस्कार विजेता पत्रकार कैथल मैकनॉटन को वीजा शर्तों के कथित उल्लंघन के लिए भारत में वापस प्रवेश से वंचित कर दिया गया है.
कैथल मैकनॉटन और उनके सहयोगियों को उनकी तस्वीरों के लिए मई 2018 में पुलित्जर पुरस्कार से सम्मानित किया गया था जिसमें म्यांमार से भागते वक्त रोहिंग्या शरणार्थियों पर की गई हिंसा को दिखाया गया था.
जब इंडियन एक्सप्रेस ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों से संपर्क किया गया, तो उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में प्रतिबंधित और संरक्षित क्षेत्रों में बिना अनुमति के यात्रा करके मैकनॉटन ने वीजा शर्तों का उल्लंघन किया है.
सूत्रों ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि जब मैकनॉटन को दिल्ली एयरपोर्ट से वापस भेजा गया था तो उस समय उनके पास भारत आने के लिए ‘मान्य वीज़ा’ था.
मैकनॉटन की इंस्टाग्राम टाइमलाइन देखने से पता चलता है कि वे अप्रैल 2018 में जम्मू कश्मीर में थे और कठुआ में एक नाबालिग के बलात्कार और हत्या के बाद विरोध प्रदर्शन को कवर किया था.
इंस्टाग्राम पर पोस्ट किए गए पथराव करने वालों की एक तस्वीर में उन्होंने लिखा, ’13 अप्रैल, 2018 को कश्मीर में हत्या के विरोध में एक प्रदर्शनकारी ने भारतीय पुलिस पर पत्थर फेंका.’ उन्होंने श्रीनगर के हजरतबल मंदिर में ली गई तस्वीरों को भी पोस्ट किया था.
बीते 26 दिसंबर को लिखे एक इंस्टाग्राम मैसेज में उन्होनें लिखा, ‘2018 दिलचस्प रहा है. पुलित्जर जीतने से लेकर भारत में वापस प्रवेश से वंचित होना. जकार्ता में एशियाई खेलों की तेज गर्मी से लेकर प्योंगयांग शीतकालीन ओलंपिक की भीषण ठंड. अंत में व्हाइट हाउस के थिएटर और पिट्सबर्ग में एक बड़े पैमाने पर शूटिंग की त्रासदी. अगले कुछ दिनों में, मैं कुछ अच्छी और दुखद चीजें साझा करूंगा.’
मैकनॉटन और रॉयटर्स को इस मामले के संदर्भ में इंडियन एक्सप्रेस की ओर से ई-मेल भेजा गया था हालांकि उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. मैकनॉटन के ट्विटर और इंस्टाग्राम पर दी गई जानकारी में उन्होंने अब भी खुद को भारत में रॉयटर्स का चीफ फोटोग्राफर बताया है.
गृह मंत्रालय के अधिकारियों का आरोप है कि मैकनॉटन ने जम्मू और कश्मीर में प्रतिबंधित क्षेत्रों का दौरा किया और बिना वैध अनुमति के इस क्षेत्र से रिपोर्ट भी की. एक सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘उन पर वीजा नियमों के उल्लंघन का आरोप नहीं लगाया गया था लेकिन उन्हें प्रवेश से वंचित कर दिया गया था.’
विदेशी पत्रकारों के लिए वीज़ा नियमों के अनुसार यदि एक विदेशी पत्रकार, टीवी कैमरापर्सन आदि व्यक्ति प्रतिबंधित या संरक्षित क्षेत्र या जम्मू कश्मीर या उत्तर पूर्वी राज्यों का दौरा करना चाहते हैं तो उन्हें विशेष अनुमति के लिए विदेश मंत्रालय (बाहरी प्रचार विभाग) के माध्यम से आवेदन करना पड़ता है.
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि विदेशी संवाददाताओं को सीमावर्ती जिलों, रक्षा क्षेत्रों और सामरिक महत्व के अन्य स्थानों, राष्ट्रीय उद्यानों और वन्यजीव अभयारण्यों जैसे प्रतिबंधित और संरक्षित क्षेत्रों में भी शूट करने के लिए पूर्व गृह मंत्रालय की मंजूरी की आवश्यकता होती है.
सूत्रों ने कहा कि सामान्य परिस्थितियों में भारत विदेशी पत्रकारों को तीन महीने तक के लिए वीजा देता है लेकिन दुर्लभ कुछ मामलों में अकेले या किसी एक अन्य के साथ छह महीने का पत्रकार वीजा जारी किया जा सकता है.