यूपी सरकार ने पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलपति से मांगा जवाब, छात्रों को मर्डर करने की दी थी सलाह

उत्तर प्रदेश के वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजाराम यादव ने कहा था कि अगर पूर्वांचल विश्वविद्यालय के छात्र हो तो मेरे पास रोते हुए मत आना, बल्कि कभी झगड़ा हो तो पीटकर आना और ज़रूरत पड़े तो मर्डर कर देना, बाकी मैं देख लूंगा.

/
पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलपति राजाराम यादव. (फोटो साभार: फेसबुक)

उत्तर प्रदेश के वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजाराम यादव ने कहा था कि अगर पूर्वांचल विश्वविद्यालय के छात्र हो तो मेरे पास रोते हुए मत आना, बल्कि कभी झगड़ा हो तो पीटकर आना और ज़रूरत पड़े तो मर्डर कर देना, बाकी मैं देख लूंगा.

पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलपति राजाराम यादव. (फोटो साभार: फेसबुक)
पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलपति राजाराम यादव. (फोटो साभार: फेसबुक)

लखनऊ/जौनपुर: उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने छात्रों को ‘मर्डर’ करके आने की सीख देने के मामले में जौनपुर स्थित पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलपति से अपना पक्ष रखने को कहा है. कुलपति ने अपने भाषण को तोड़-मरोड़कर पेश किए जाने का आरोप लगाया है.

राज्य के उप-मुख्यमंत्री और उच्च शिक्षा मंत्री दिनेश शर्मा ने लखनऊ में इस मामले का जिक्र आने पर कहा कि उन्होंने वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजाराम यादव से अपने बयान पर अपना पक्ष रखने को कहा है.

मालूम हो कि कुलपति यादव का हाल में एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें वह अपने छात्रों से कथित रूप से कह रहे हैं, ‘अगर आप पूर्वांचल विश्वविद्यालय के छात्र हो, तो रोते हुए मेरे पास मत आना. एक बात बता देता हूं, अगर किसी से झगड़ा हो जाए तो उसकी पिटाई करके आना और तुम्हारा बस चले तो उसका मर्डर करके आना. उसके बाद हम देख लेंगे.’

इस बीच, कुलपति ने जौनपुर में कहा कि पिछले दिनों गाजीपुर के एक कॉलेज में उनके दिए गए भाषण को गलत तरीके से तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत किया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि मेरे कहने का अर्थ यह था कि विद्यार्थी हताशा और निराशा का परित्याग कर सफल, स्वावलंबी और बहादुर बनें. छात्रहित मेरी सर्वोच्च प्राथमिकता है. मेरे वक्तव्य को सही अर्थों में प्रस्तुत नहीं करके दुष्प्रचार किया जा रहा है.

योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कुलपति यादव के बयान पर आपत्ति जताते हुए कहा, यह गलत है. वह ऐसी टिप्पणी नहीं कर सकते हैं. उन्हें छात्रों को शांति का तरीका सिखाना चाहिए लेकिन वह ‘गुंडा राज’ कर रहे हैं. ऐसी मानसिकता वाले कुलपति को अपने पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है. मुझे उम्मीद है कि उप-मुख्यमंत्री उचित कार्रवाई करेंगे.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)