एक टीवी चैनल द्वारा यूपी के तीन मंत्रियों ओम प्रकाश राजभर, अर्चना त्रिपाठी और संदीप सिंह के निजी सचिव को कथित तौर पर तबादलों और कॉन्ट्रैक्ट देने के बदले में रिश्वत मांगने के आरोप में स्टिंग ऑपरेशन चलाया गया था.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मंत्रियों के तीन निजी सचिवों ओम प्रकाश कश्यप, रामनरेश त्रिपाठी और संतोष अवस्थी को एक समाचार चैनल द्वारा स्टिंग ऑपरेशन किए जाने के कुछ दिनों बाद शनिवार को भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया गया.
न्यूज़ 18 की ख़बर के मुताबिक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर तीनों को निलंबित कर दिया गया. अधिकारियों को इन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करने का भी निर्देश दिया है. इस मामले की जांच एक विशेष जांच दल (एसआईटी) कर रहा है, जिसे सभी पक्षों के बयान लेने के बाद 10 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट देने को कहा गया है.
अधिकारियों ने कहा कि ऐसे मामलों की समीक्षा के लिए सचिवालय प्रशासन को निर्देश भी जारी किए गए हैं ताकि फिर कभी इस प्रकार के मामलों की पुनरावृत्ति न हो.
मीडिया में आई खबरों के अनुसार, एक टीवी चैनल द्वारा मंत्रियों के तीन निजी सचिवों को कथित तौर पर तबादलों और कॉन्ट्रैक्ट जारी करने के बदले में रिश्वत मांगने के आरोप में स्टिंग ऑपरेशन चलाया गया था.
Rajiv Krishna,ADG Lucknow Zone: The personal secretaries of three UP ministers who were caught in a sting taking a bribe have now been arrested and sent to judicial custody. All angles are being probed pic.twitter.com/dZeMR7gVBx
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 6, 2019
स्टिंग ऑपरेशन में, पिछड़ा कल्याण मंत्री ओम प्रकाश राजभर के निजी सचिव ओम प्रकाश कश्यप को कथित तौर पर एक ट्रांसफर के लिए 40 लाख रुपये की मांग करते हुए देखा गया.
राजभर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से मंत्री हैं. ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि उन्होंने अपने निजी सचिव को हटा दिया है और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है.
इसी स्टिंग ऑपरेशन में, खनन राज्य मंत्री अर्चना त्रिपाठी के सहयोगी, को कथित तौर पर चैनल के रिपोर्टर के साथ लगभग छह जिलों में खनन का ठेका दिलाने के लिए एक सौदा किया जा रहा है.
स्टिंग ऑपरेशन में कथित तौर पर किताबों के लिए एक कॉन्ट्रैक्ट का सौदा करते हुए बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री संदीप सिंह के निजी सचिव संतोष अवस्थी को भी देखा गया है. सिंह यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह के पोते हैं.
स्टिंग ऑपरेशन ने एक सचिवालय स्टाफ की कथित रिकॉर्डिंग भी तैयार की, जिसमें एक ठेकेदार के रूप में पेश हुए रिपोर्टर को आश्वासन दिया गया था कि उसके पक्ष में एक स्कूल बैग और यूनिफॉर्म का कॉन्ट्रैक्ट होगा.