जम्मू-कश्मीर: भाजपा-पीडीपी सरकार आने के बाद संघ की शाखाओं में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी

संघ प्रांत कार्यवाह पुरुषोत्तम दधीचि ने बताया कि राज्य में संघ का तेजी से विस्तार हो रहा है. हमारी राष्ट्रवादी विचारधारा यहां की जनता को आकर्षित कर रही है.

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संघ प्रांत कार्यवाह पुरुषोत्तम दधीचि ने बताया कि राज्य में संघ का तेजी से विस्तार हो रहा है. हमारी राष्ट्रवादी विचारधारा यहां की जनता को आकर्षित कर रही है.

प्रतीकात्मक फोटो (रॉयटर्स)

केंद्र में सत्ता और जम्मू-कश्मीर में पहली बार भाजपा के सरकार में शामिल होने के बाद से राज्य में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ तेजी से विस्तार कर रहा है. जम्मू-कश्मीर में जॉइन आरएसएस के तहत हर माह 45 युवा ऑनलाइन माध्यम से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ रहे हैं. पिछले तीन साल में जम्मू, श्रीनगर व लद्दाख संभाग से 1600 से भी अधिक युवा ऑनलाइन के जरिए संघ से जुड़ चुके हैं.

यही नहीं, जम्मू-कश्मीर में शाखाओं में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. केंद्र में सत्ता में आने के पहले जहां राज्य में करीब 372 शाखाएं चल रही थीं, वो अब बढ़कर 465 हो गई हैं.

प्रांत संघचालक बिग्रेडियर सुचेत सिंह का कहना है कि राज्य में संघ का फैलाव लगातार हो रहा है. अब राज्य में 180 स्थानों पर 279 शाखाएं चल रही हैं. इसके अलावा 110 साप्ताहिक मिलन व 76 मासिक मंडलियां चल रही हैं.

संघ से जुड़े सूत्रों का कहना है कि नियमित तौर पर शाखाओं की समीक्षा का भी काम चल रहा है. साथ ही इनके विस्तार के लिए भी रणनीति बनाने का काम चल रहा है.

जम्मू-कश्मीर में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) और बीजेपी की गठबंधन सरकार बनने के बाद से विपक्षी दलों समेेत विश्लेषकों ने राज्य में आरएसएस के विस्तार की बातें कहीं थी.

राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने तो यहां तक कहा था, जम्मू और कश्मीर की नई राजधानी नागपुर बन गया है.

हालांकि संघ प्रांत कार्यवाह पुरुषोत्तम दधीचि ने बताया, राज्य में संघ का तेजी से विस्तार हो रहा है. हालांकि इसका प्रदेश में सरकार आने से कोई नाता नहीं है. प्रदेश की जनता को हमारी राष्ट्रवादी विचारधारा आकर्षित कर रही है. जब प्रदेश में सरकार नहीं थी तब भी हम लोगों को जोड़ने का काम कर रहे थे. अब भी हम लगातार इसमें लगे हुए हैं.

जम्मू-कश्मीर में तेजी से विस्तार करने के लिए संघ युवाओं और छात्रों को साथ जोड़ने पर जोर दे रहा है. इसके लिए आॅनलाइन प्लेटफॉर्म सहायक साबित हो रहा है. हालांकि जम्मू व लद्दाख में संघ ज्यादा सक्रिय है तो वहीं घाटी में अब भी उसका प्रभाव कम है.

दधीचि कहते हैं, घाटी में हालात बहुत खराब हैं लेकिन हम लोग घाटी में काम कर रहे हैं. लोगों को जोड़ने का काम हो रहा है. हालांकि अभी वहां ज़्यादा शाखाएं नहीं चल रही हैं. हमारी कोशिश है कि घाटी में जनजीवन जल्दी सामान्य हो जाए.

हालांकि सूत्रों का कहना है कि आरएसएस कश्मीर के कई इलाकों में मुस्लिम राष्ट्रीय मंच (एमआरएम) के जरिये विस्तार कर रहा है. उनका कहना है कि एमआरएम प्रत्येक पखवाड़े और मासिक आधार पर मीटिंग आयोजित करता है, लेकिन दधिचि ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.

उन्होंने कहा, एमआरएम अपना काम कर रहा है और हम लोग अपना काम कर रहे हैं. ऐसे में वे कितना और क्या काम कर रहे हैं. हमें इसकी जानकारी नहीं है.