रामस्वरूप वर्मा: अंधविश्वास-सांप्रदायिकता के ख़िलाफ़ तर्क व मानवतावाद की बात करने वाला नेता

जन्मदिन पर विशेष: लगभग पचास साल तक राजनीति में सक्रिय रहे रामस्वरूप वर्मा को राजनीति का ‘कबीर’ कहा जाता है. किसान परिवार मेें जन्मे वर्मा ने एक लेखक, समाज सुधारक और चिंतक के रूप में उत्तर भारत पर गहरा असर डाला.

एनआरसी की जड़ें असम के इतिहास से जुड़ी हुई हैं

असम देश का इकलौता राज्य है, जहां राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर यानी एनआरसी बनाया जा रहा है. एनआरसी क्या है? असम में ही इसे क्यों लागू किया गया है और इसे लेकर विवाद क्यों है?

मेवात के मुसलमानों का गायों से नाता हिंदुत्व की राजनीति में फिट नहीं बैठता

मेव समुदाय धार्मिक रूप से मुसलमान है लेकिन सांस्कृतिक रूप से हिंदू परंपराओं के क़रीब है. इनका गायों से एक सांस्कृतिक नाता है. कई ऐसे परिवार हैं, जिनके पास 500 से हज़ार गाएं हैं. यहां तक कि बेटियों की शादी में भी गाय देने की रीत है.

अकबर के गांव से ग्राउंड रिपोर्ट: यकीन की टूटती सांस और इंसाफ की आस

अकबर ख़ान अपने घर के अकेले कमाने वाले थे, अब उनके 60 साल के पिता पर बीमार बहू, बुज़ुर्ग पत्नी, 7 पोते-पोतियों और 5 गायों की ज़िम्मेदारी है. बेटे की मौत ने उन्हें इतना डरा दिया है कि वे किसी पर विश्वास नहीं कर पा रहे हैं. हर मिलने आने वाले से बस यही पूछ रहे हैं कि कहीं कोई जगह है जहां इंसाफ की फरियाद की जा सके.

अब तो जज भी बोल रहे हैं कि लोकतंत्र ख़तरे में है: भाजपा सांसद सावित्री बाई फुले

दलितों के मसले पर भाजपा में बाग़ी सुर अपनाने वाली उत्तर प्रदेश के बहराइच से सांसद सावित्री बाई फुले से अमित सिंह की बातचीत.

कैराना उपचुनाव: क्या विपक्षी एकता ‘पूरब’ में मिली सफलता को ‘पश्चिम’ में दोहरा पाएगी?

उत्तर प्रदेश में कैराना सीट पर लोकसभा उपचुनाव के लिए आज मतदान हो रहा है. यहां मुख्य मुक़ाबला भाजपा और राष्ट्रीय लोक दल के ​बीच है. राष्ट्रीय लोक दल को सपा, बसपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और कई छोटे दलों का समर्थन प्राप्त है.

मोदी के ख़िलाफ़ बन रहे महागठबंधन की राह इतनी आसान भी नहीं

कर्नाटक के मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में एकजुटता दिखाने वाले विपक्ष के नेताओं के सामने सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या वे 2019 के आम चुनावों तक साथ बने रहेंगे?

आज ही के दिन 1947 में पेश हुआ हिंदू कोड बिल, ​कट्टरपंथियों ने काटा था बवाल

आज जैसे तीन तलाक़ में बदलाव की मांग को कट्टरपंथी धड़ा इस्लाम में दख़ल बताता है, कुछ वैसा ही आज़ादी के बाद हिंदू रूढ़ियों में बदलाव किए जाने पर अतिवादियों ने उसे हिंदू धर्म पर हमला बताया था.

जेएनयू के कुलपति पर विश्वविद्यालय को स्कूल बनाने का आरोप क्यों लग रहा है?

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में छात्रों की उपस्थिति अनिवार्य करने के प्रशासन के फैसले को छात्र-छात्राएं और शिक्षकों का एक समूह जेएनयू की परंपरा के ख़िलाफ़ बता रहा है.

क्या जिस राजनीति को बदलने ‘आप’ आई थी उसने ‘आप’ को ही बदल दिया?

आप की राजनीति पर नज़र रखने वालों का कहना है कि जिस नेता ने भी अरविंद केजरीवाल के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई या उनसे असहमति व्यक्त की, उसे खामियाज़ा भुगतना पड़ा है.

गुजरात विधानसभा चुनाव: ‘सरकार हमारे रीति-रिवाज़ों को न मानते हुए हिंदू धर्म थोप रही है’

ग्राउंड रिपोर्ट: ए​क विधानसभा सीट वाले डांग ज़िले में रोज़गार के लिए पलायन और आदिवासियों की धार्मिक पहचान अहम मुद्दा है.

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