दिल्ली पुलिस द्वारा पेश किए गए आंकड़ों के मुताबिक साल 2017 से लेकर 2018 के बीच में छह प्रतिशत अपराध बढ़ गए हैं.
नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में 2017 की तुलना में 2018 में वार्षिक अपराध दर में छह प्रतिशत वृद्धि होने पर बुधवार को दिल्ली पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक ने इसके लिए दूसरे राज्यों से आए लोगों (प्रवासियों) के अलावा अधिक महत्वाकांक्षा और युवाओं में बढ़ती निराशा को जिम्मेदार बताया है.
हिंदुस्तान टाइम्स की ख़बर के अनुसार, 2018 के लिए वार्षिक अपराध आंकड़ों को पेश करते हुए पटनायक ने कहा, ‘जब संपन्न इलाकों के बगल में झुग्गियों में रहने वाले युवा अमीर लोगों को आरामदायक जीवन जीते देखते हैं, तो उन्हें भी जल्दी अमीर होने की महत्वाकांक्षा होती है. इसलिए, वे सड़क पर कीमती सामान छीनने और लूटने जैसे अपराध में शामिल हो जाते हैं.’
पटनायक ने बढ़ते अपराध के लिए अमीर और गरीब के बीच सामाजिक-आर्थिक असमानता को कारण बताते हुए कहा कि अक्सर महत्वाकांक्षी युवा निराश हो जाते हैं, जिसके चलते वे ऐसे कृत्यों में शामिल हो रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि सामाजिक संरचना में ढिलाई आ गई है, जिसके चलते अब परिवार युवाओं पर नियंत्रण खो रहे हैं.
दिल्ली के एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर में प्रेस को संबोधित करते हुए दिल्ली पुलिस आयुक्त ने अपराध के आंकड़ों को भी प्रस्तुत किया. साल 2017 से लेकर 2018 के बीच में छह प्रतिशत अपराध बढ़ गए हैं.
आंकड़ों के मुताबिक 2018 में कुल 2,36,476 मामले दर्ज किए गए, जिसमें हत्याओं की संख्या में 3.25% वृद्धि और चोरी के मामले में 7.7% वृद्धि हुई है. विशेष रूप से वाहनों की चोरी मामले में 12.98% की वृद्धि आई है. पिछले वर्ष की तुलना में सड़क से जुड़े अपराध जैसे डकैती और स्नैचिंग में कमी आई है.
पटनायक ने बताया कि दिल्ली पुलिस ने डकैती, हत्या, दंगा और बलात्कार जैसे जघन्य अपराधों को नियंत्रित करने में कामयाबी पाई है. इसकी वजह से 2017 की तुलना में 11.72% की गिरावट देखी गई.
पुलिस ने यह भी दावा किया कि 2017 की तुलना में सभी अपराधों के लगभग 36 प्रतिशत मामले सुलझा लिए गए हैं, जो कि 2017 के मुकाबले में दो प्रतिशत वृद्धि है.
रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए पटनायक ने यह भी कहा कि बढ़ते अपराध के पीछे ड्रग्स, नशीले पदार्थ, शराब और अवैध हथियार भी कारण है, जिस पर नियंत्रण करने के लिए पुलिस काम कर रही है.
अपराध के आंकड़ों से पता चलता है कि 2018 में बरामदगी के मामले में अवैध हथियारों की 38%, हेरोइन की 281% और अवैध शराब में 4% की बढ़ोतरी हुई है.
पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि ठगी के मामलों में 59 प्रतिशत की कमी आई है, जबकि वाहनों की चोरी से जनता के साथ-साथ पुलिस भी परेशान है. आंकड़ों के मुताबिक राजधानी में हर दिन 121 गाड़ियों की चोरी हो जाती है.
पुलिस ने दावा किया है कि चोरी हुए वाहनों में से 20 प्रतिशत बरामद कर लिए गए हैं. हालांकि चोरी हुए वाहनों की बरामदगी को लेकर कोई आंकड़े सार्वजनिक नहीं किए गए हैं.
महिलाओं के खिलाफ अपराधों में मामूली कमी आई है. पिछले साल औसतन हर चार घंटे और 28 मिनट पर एक महिला के साथ बलात्कार होता था. साल 2017 में दुष्कर्म के 2059 दर्ज हुए थे, जबकि साल 2018 में मामूली कमी के साथ 2043 मामले दर्ज हुए.