सीबीआई निदेशक के पद से हटाए जाने के बाद आलोक वर्मा को अग्निशमन विभाग, नागरिक सुरक्षा और होम गार्ड्स का निदेशक नियुक्त किया गया था.
नई दिल्ली: बीते गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली चयन समिति ने आलोक वर्मा को सीबीआई निदेशक के पद से हटा दिया था. उन्हें अग्निशमन विभाग, नागरिक सुरक्षा और होम गार्ड्स का निदेशक नियुक्त किया गया है. हालांकि आलोक वर्मा ने इस पद को संभालने से मना कर दिया है.
Former CBI Chief Alok Verma refuses to take charge as DG, Fire Services. A statement says "natural justice was scuttled and the entire process was turned upside down in ensuring that the undersigned is removed from the post of the Director." pic.twitter.com/cgStJpOR0V
— ANI (@ANI) January 11, 2019
आलोक वर्मा ने डीओपीटी सचिव चंद्रमौलि सी. को लिखे पत्र में कहा कि उन्हें सीबीआई निदेशक पद से हटाने के लिए प्राकृतिक न्याय का गला घोंट दिया गया और कायदे कानून को ताक पर रख दिया गया.
वर्मा ने कहा कि समिति को सीबीआई निदेशक के तौर पर उनके भविष्य की रणनीति तय करने का काम सौंपा गया था. उन्होंने कहा, ‘मैं संस्था की ईमानदारी के लिए खड़ा रहा और यदि मुझसे फिर पूछा जाए तो मैं कानून का शासन बनाए रखने के लिए दोबारा ऐसा ही करूंगा.’
छुट्टी पर भेजे जाने के 77 दिन बाद वर्मा बुधवार को अपनी ड्यूटी पर लौटे थे. एजीएमयूटी काडर के आईपीएस अधिकारी वर्मा बुधवार को सुबह करीब दस बजकर 40 मिनट पर सीबीआई मुख्यालय पहुंचे. सुप्रीम कोर्ट ने वर्मा को छुट्टी पर भेजने के विवादास्पद सरकारी आदेश को मंगलवार को रद्द कर दिया था.
एजेंसी के इतिहास में इस तरह की कार्रवाई का सामना करने वाले वह सीबीआई के पहले प्रमुख बन गए हैं. सीवीसी की रिपोर्ट में वर्मा के खिलाफ आठ आरोप लगाए गए थे.
यह रिपोर्ट उच्चाधिकार प्राप्त समिति के समक्ष रखी गई. समिति में लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई के प्रतिनिधि के रूप में उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश जस्टिस एके सीकरी भी शामिल थे.
आलोक वर्मा के भविष्य पर विचार करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई उच्चाधिकार प्राप्त चयन समिति की बैठक में लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सीबीआई निदेशक को पद से हटाने के कदम का विरोध किया.