महिला का आरोप, सबरीमाला मंदिर में प्रवेश करने के कारण सास ने की मारपीट

सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कनकदुर्गा और बिंदू अम्मिनी ने दो जनवरी को मंदिर में प्रवेश कर पूजा की थी.

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सबरीमाला मंदिर में प्रवेश करने वाली बिंदू अम्मिनी और कनकदुर्गा (फोटो: पीटीआई)

सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कनकदुर्गा और बिंदू अम्मिनी ने दो जनवरी को मंदिर में प्रवेश कर पूजा की थी.

सबरीमाला मंदिर में प्रवेश करने वाली बिंदू अम्मिनी और कनकदुर्गा (फोटो: पीटीआई)
सबरीमाला मंदिर में प्रवेश करने वाली बिंदू अम्मिनी और कनकदुर्गा (फोटो: पीटीआई)

कोच्चि: सबरीमाला मंदिर में प्रवेश करने वाली दो महिलाओं में से एक कनकदुर्गा ने अपने ससुराल वालों के खिलाफ घरेलू हिंसा की शिकायत दर्ज कराई है. कनकदुर्गा का आरोप है कि दो जनवरी को सबरीमाला मंदिर में प्रवेश करने के बाद घर लौटने पर उनके साथ पति के घर वालों ने मारपीट की.

मालूम हो कि दो जनवरी को कनकदुर्गा और एक अन्य महिला बिंदू अम्मिनी ने केरल के सबरीमाला मंदिर में प्रवेश कर सदियों पुरानी परंपरा को तोड़ दिया, जहां महिलाओं का मंदिर में प्रवेश वर्जित था.

इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के अनुसार, कनकदुर्गा द्वारा मलप्पुरम जिले के पेरिंथलम्ना पुलिस स्टेशन में दर्ज शिकायत में कहा गया है कि जब वह मंगलवार सुबह घर लौटी तो उनकी सास ने उन्हें छड़ी से पीटा. आईपीसी की धारा 341 और धारा 324 के तहत मामला दर्ज किया गया है. अधिकारी ने कहा कि उन्होंने शिकायत में केवल अपनी सास का नाम लिया है.

अधिकारी ने बताया कि कनकदुर्गा को पेरिंथलम्ना के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. वो अब ठीक हैं. साथ ही कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया है कि कनकदुर्गा द्वारा मारपीट किए जाने के बाद उनकी सास को भी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन पुलिस अधिकारी ने इसकी पुष्टि नहीं की.

कनकदुर्गा और बिंदू अम्मिनी दोनों पिछले दो सप्ताह में दक्षिणपंथी प्रदर्शनकारियों के हमले के डर से एक स्थान से दूसरे स्थान रह रहे हैं, क्योंकि दोनों ने सबरीमाला मंदिर में पूजा की थी. दोनों महिलाएं मंगलवार को ही अपने घर लौट कर आई हैं.

कनकदुर्गा के परिवार का कहना था कि उन्होंने मंदिर में प्रवेश की मंजूरी नहीं दी क्योंकि वे मंदिर की परंपराओं और रीति-रिवाजों के पक्ष में हैं. कनकदुर्गा के परिवार को मंदिर में प्रवेश करने के बाद पुलिस द्वारा एक सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित कर दिया गया था.