अवैध खनन मामले में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की कथित भूमिका की जांच की निगरानी कर रहीं सीबीआई की डीआईजी गगनदीप गंभीर का तबादला कर दिया गया.
नई दिल्ली: अवैध खनन मामले में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की कथित भूमिका की जांच की निगरानी कर रहीं सीबीआई की डीआईजी गगनदीप गंभीर का तबादला कर दिया गया. सीबीआई में इसके साथ कई अन्य अधिकारियों का तबादला किया गया.
सूत्रों ने सोमवार को कहा कि गंभीर को श्रीजन घोटाला और पत्रकार उपेंद्र राय के खिलाफ मामले की जांच कर रही इकाई में तबादला किया गया है. वह संयुक्त निदेशक साई मनोहर की अध्यक्षता वाले विशेष जांच दल में डीआईजी का अतिरिक्त पदभार संभालेंगी.
यह दल विजय माल्या और अगस्ता वेस्टलैंड जैसे महत्वपूर्ण मामलों की जांच कर रहा है. पहले इस दल की अध्यक्षता राकेश अस्थाना कर रहे थे. यह दल कोयला घोटाले के कुछ मामलों की जांच भी कर रहा है.
ताजा बदलाव एम. नागेश्वर राव ने किए जिन्हें जांच एजेंसी का अंतरिम प्रमुख बनाया गया है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, जस्टिस एके सीकरी और लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने गुरुवार को खंडित फैसले में आलोक वर्मा को सीबीआई निदेशक के पद से हटा दिया था.
सूत्रों ने कहा कि उत्तर प्रदेश अवैध खनन मामले की जांच की निगरानी अब डीआईजी अनीश प्रसाद करेंगे. प्रसाद पहले उपनिदेशक (कार्मिक एवं प्रशासन) थे.
इससे पहले अंतरिम सीबीआई निदेशक एम. नागेश्वर राव ने पूर्व सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा द्वारा किए गए तबादलों संबंधी फैसले को रद्द कर दिया था. सीबीआई निदेशक का प्रभार फिलहाल अतिरिक्त निदेशक एम. नागेश्वर राव के पास है.
बता दें कि 1986 बैच के ओड़िशा काडर के आईपीएस अधिकारी एम नागेश्वर राव (तत्कालीन संयुक्त निदेशक) को 23 अक्टूबर, 2018 को देर रात को पहली बार सीबीआई निदेशक के दायित्व और कार्य सौंपा गया था. उन्हें बाद में अतिरिक्त निदेशक के रुप में प्रोन्नत किया गया था.
वहीं नागेश्वर राव को सीबीआई निदेशक का प्रभाव सौंपने को लेकर विवाद है. कांग्रेस समते कई विपक्षी दल और सामाजिक कार्यकर्ता इसका विरोध कर रहे हैं.
गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) कॉमन कॉज ने एम. नागेश्वर राव को सीबीआई का अंतरिम निदेशक नियुक्त करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है.
इस मामले में आरटीआई कार्यकर्ता अंजली भारद्वाज सह-याचिकाकर्ता हैं, जिसमें ये आरोप लगाया गया है कि सीबीआई निदेशक की नियुक्ति में सरकार पारदर्शिता का पालन नहीं कर रही है.
याचिका में कहा गया है कि नागेश्वर राव की नियुक्ति उच्च स्तरीय चयन समिति की सिफारिशों के आधार पर नहीं की गई थी, जैसा कि दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम (डीएसपीई) के तहत अनिवार्य है.
सीबीआई निदेशक की नियुक्ति करने वाली उच्चाधिकार प्राप्त चयन समिति के सदस्य और लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी ये कहा है कि चयन समिति की सिफारिश के बिना ही नागेश्वर राव को सीबीआई का अंतरिम निदेशक बना दिया गया है.
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मांग किया है कि जल्द से जल्द चयन समिति की बैठक बुलाई जाए और नए सीबीआई निदेशक की नियुक्ति हो.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)