शिक्षिका उत्तरा बहुगुणा ने कहा है कि उन्हें प्रशासन द्वारा पिछले आठ महीने से बेवजह परेशान किया जा रहा है, जिससे परिवार को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.
देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के जनता दरबार से करीब आठ महीने पहले अपमानित करके बाहर निकाली गईं शिक्षिका उत्तरा बहुगुणा ने एक बार फिर दर्द बयां करते हुए राज्य सरकार पर अपना गुस्सा निकाला है.
उन्होंने कहा है कि एक छोटी सी बात के लिए उन्हें पिछले आठ महीने से बेवजह परेशान किया जा रहा है. उनका परिवार तमाम मुश्किलों का सामना कर रहा है, लेकिन प्रशानिक अधिकारी उनकी समस्या पर ध्यान नहीं दे रहे हैं.
57 वर्षीय उत्तरा बहुगुणा उत्तरकाशी के नौगांव क्षेत्र के एक प्राइमरी स्कूल में प्रिंसिपल हैं. साल 2015 में अपने पति की मृत्यु के बाद से ही शिक्षिका परेशान चल रही थीं और अपने ट्रांसफर को लेकर शिक्षा विभाग के अधिकारियों से लेकर मुख्यमंत्रियों तक अपनी गुहार लगा चुकी हैं.
Uttara Bahuguna, teacher suspended for protesting at CM Trivendra Rawat's prog in June 2018 alleges injustice for last 8 months. Says "I was working with honesty and a small issue was unnecessarily hyped up. My family is going through a crisis." #Uttarakhand pic.twitter.com/PqjApedVME
— ANI (@ANI) January 16, 2019
उनका कहना है कि वह अपने बच्चों के साथ देहरादून में रहना चाहती हैं. इसी तरह, करीब आठ महीने पहले उत्तरा मुख्यमंत्री के जनता दरबार में अपने तबादले की मांग को लेकर पहुंची थीं. हालांकि इस दौरान मुख्यमंत्री उन पर बिफर गए और शिक्षिका की उनसे झड़प हो गई.
इसके बाद मुख्यमंत्री ने तत्काल महिला शिक्षक की बर्खास्तगी के आदेश दे दिए थे. उन्होंने शिक्षिका को हिरासत में लेने को भी कहा था. मुख्यमंत्री के आदेश के बाद बहुगुणा को हिरासत में लेकर उनके खिलाफ पुलिस ने शांति भंग के तहत चालान कर दिया था. इसके बाद उन्हें सिटी मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया जहां से उन्हें जमानत पर रिहा किया गया.
जनसत्ता की खबर के मुताबिक हाल ही में नौगांव ब्लॉक के तीन राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में लंबे समय से अनुपस्थित चल रही शिक्षिकाओं पर शिक्षा विभाग ने कार्रवाई शुरु की जिनमें दो सहायक और एक प्रिंसिपल शामिल हैं.
इनको शिक्षा विभाग ने नोटिस जारी कर दिया है. विभाग के अनुसार, इन लोगों में उत्तरा बहुगुणा भी शामिल थीं. इसके बाद एएनआई से बात करते हुए उत्तरा ने राज्य सरकार और प्रशासन पर उन्हें परेशान करने का आरोप लगाया है.