मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने स्पष्ट किया कि विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा ईवीएम की आलोचना से हम परेशान होने वाले नहीं. चुनाव आयोग ईवीएम और वीवीपीएटी का इस्तेमाल जारी रखेगा.
नई दिल्ली: इस साल होने वाले लोकसभा चुनावों में ईवीएम की जगह बैलट पेपर का इस्तेमाल करने की मांग के संबंध में चुनाव आयोग ने स्पष्टीकरण देते हुए इसे ख़ारिज कर दिया है.
मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने गुरुवार को स्पष्ट कर दिया कि चुनाव आयोग वापस बैलट पेपर से चुनाव कराने के पक्ष में नहीं है.
दिल्ली में गुरुवार को एक कार्यक्रम के दौरान अरोड़ा ने कहा, ‘मैं आपको स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि हम वापस बैलट पेपर्स के दौर में नहीं लौट रहे हैं.’
CEC Sunil Arora in Delhi: We will continue to use EVMs & VVPATs. We are open to any criticism & feedback from any stakeholder including political parties. At the same time, we are not going to be intimidated, bullied or coerced into giving up these and start era of ballot papers. pic.twitter.com/bco5DOSfTd
— ANI (@ANI) January 24, 2019
सुनील अरोड़ा ने आगे कहा, ‘हम ईवीएम और वीवीपीएटी का इस्तेमाल जारी रखेंगे. हम किसी भी पक्ष जिसमें राजनीतिक पार्टियां भी शामिल हैं, की आलोचना और फीडबैक का स्वागत करते हैं, लेकिन हम इन सबसे डरने या परेशान होने वाले नहीं हैं. ऐसे में बैलट पेपर्स का दौर फिर से नहीं लौटेगा.’
बीती 21 जनवरी को लंदन में हुए एक कार्यक्रम के दौरान सैयद शुजा नाम के एक कथित साइबर हैकर ने दावा किया था कि वह भारत में बनने वाले ईवीएम डिज़ाइन टीम का सदस्य था और ईवीएम को हैक कर सकते हैं.
शुजा ने दावा किया था कि ईवीएम हैक की जा सकती है और 2014 लोकसभा चुनावों में धांधली हुई थी.
शुजा ने यह भी दावा किया था कि भारत में 2014 के लोकसभा चुनाव और 2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान उसने ईवीएम हैक की थी. हैकर ने यह भी दावा किया कि ट्रांसमीटर के ज़रिये ईवीएम में हैकिंग की गई थी और हैकिंग के लिए विभिन्न दलों ने उससे संपर्क किया था.
शुजा के दावे के बाद बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी जैसे कुछ दलों ने मांग की है कि 2019 का लोकसभा चुनाव ईवीएम की जगह बैलट पेपर से होना चाहिए.
चुनाव आयोग ने सैयद शुजा के इन दावों को ख़ारिज करते हुए दिल्ली पुलिस को इस संबंध में केस दर्ज करने के लिए एक पत्र लिखा था.
चुनाव आयोग से मिली शिकायत के आधार पर दिल्ली पुलिस ने संसद मार्ग थाने में बीती 23 जनवरी को भारतीय दंड संहिता की धारा 505 (लोगों के मन में डर पैदा करने वाली अफवाह फैलाना) के तहत प्राथमिकी दर्ज कर ली है.
हैकर के दावों के बाद कांग्रेस ने भी निर्वाचन आयोग से स्पष्टीकरण मांगा. भाजपा और जनता दल यूनाइटेड ने ईवीएम के इस्तेमाल को जारी रखने की बात कही. हालांकि भाजपा ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि सैयद द्वारा प्रेस कांफ्रेंस के पीछे कांग्रेस का हाथ है.