प्रणब मुखर्जी, संघ विचारक नानाजी देशमुख, संगीतकार भूपेन हज़ारिका को भारत रत्न

संघ विचारक नानाजी देशमुख और संगीतकार भूपेन हज़ारिका को मरणोपरांत यह सम्मान दिया जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दी बधाई.

नानाजी देशमुख, प्रणब मुखर्जी, भूपेन हज़ारिका. (फोटो साभार: पीटीआई/विकिपीडिया)

संघ विचारक नानाजी देशमुख और संगीतकार भूपेन हज़ारिका को मरणोपरांत यह सम्मान दिया जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दी बधाई.

नानाजी देशमुख, प्रणब मुखर्जी, भूपेन हज़ारिका. (फोटो साभार: पीटीआई/विकिपीडिया)
नानाजी देशमुख, प्रणब मुखर्जी, भूपेन हज़ारिका. (फोटो साभार: पीटीआई/विकिपीडिया)

नई दिल्ली: इस साल देश के सर्वोच्च सम्मान ‘भारत रत्न’ के लिए नामों की घोषणा हो चुकी है. गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर बीते शुक्रवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने तीन हस्तियों को ‘भारत रत्न’ सम्मान से नवाज़े जाने की घोषणा की.

इन तीन शख्सियतों में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के अलावा संघ विचारक नानाजी देशमुख और मशहूर संगीतकार भूपेन हजारिका शामिल हैं.

शुक्रवार को राष्ट्रपति भवन से जारी बयान में कहा गया कि नानाजी देशमुख और भूपेन हजारिका को यह सम्मान मरणोपरांत प्रदान किया जाएगा.

मालूम हो कि संघ से जुड़े नानाजी देशमुख पूर्व में भारतीय जनसंघ के साथ थे. अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने उन्हें राज्यसभा का सदस्य मनोनीत किया था. इसी दौरान भारत सरकार ने उन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य व ग्रामीण स्वालंबन के क्षेत्र में अनुकरणीय योगदान के लिए पद्म विभूषण सम्मान भी दिया था.

वहीं राष्ट्रपति बनने से पूर्व प्रणब मुखर्जी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे. वह संप्रग सरकार के दोनों कार्यकालों में महत्वपूर्ण पदों पर रहें.

वहीं संगीतकार भूपेन हज़ारिका असम के मूल निवासी थे. वह असम के सदिया इलाके में वर्ष 1926 में पैदा हुए थे. उन्हें पद्मभूषण सम्मान भी मिल चुका है. अपनी मूल भाषा असमी के अलावा उन्होंने हिंदी, बंगला समेत कई अन्य भारतीय भाषाओं में गाने गाए.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर तीनों हस्तियों को भारत रत्न दिए जाने पर खुशी ज़ाहिर की है.

एक ट्वीट में नरेंद्र मोदी ने लिखा, ‘ग्रामीण विकास की दिशा में नानाजी देशमुख के अहम योगदान ने हमारे गांव के लोगों को सशक्त बनाने का एक नया रास्ता दिखाया. वह सच्चे मायनों में भारत रत्न हैं.’

एक अन्य ट्वीट में प्रधानमंत्री ने लिखा, ‘श्री भूपेन हज़ारिका के गीत और संगीत की हर पीढ़ी के लोगों ने प्रशंसा की है. इसके ज़रिये उन्होंने न्याय, सौहार्द्र और भाईचारे का संदेश दिया. उन्होंने भारत की संगीत परंपरा को विश्व स्तर पर लोकप्रिय बनाया. भूपेन दा को भारत रत्न दिए जाने पर प्रसन्नता हुई.’

एक ट्वीट में मोदी ने कहा, ‘प्रणब दा हमारे समय के उत्कृष्ट नेता हैं. उन्होंने दशकों तक नि:स्वार्थ भाव से अनवरत देश की सेवा की है. उन्होंने राष्ट्र के विकास पथ पर एक मज़बूत छाप छोड़ी है.’