आपको अपना राष्ट्र मुबारक़, मुझे तो अपना देश चाहिए…

राष्ट्रवाद के शोर के बीच कवि भगवत रावत की एक कविता जिसे अभिनेत्री रत्ना पाठक शाह, निर्देशक तिग्मांशु धूलिया और अभिनेत्री रसिका दुग्गल ने स्वरबद्ध किया है.

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वीडियो: राष्ट्रवाद के शोर के बीच कवि भगवत रावत की एक कविता जिसे अभिनेत्री रत्ना पाठक शाह, निर्देशक तिग्मांशु धूलिया और अभिनेत्री रसिका दुग्गल ने स्वरबद्ध किया है.

भगवत रावत हिंदी के एक प्रगतिशील लेखक, कवि और निबंधकार थे. उन्होंने बुंदेलखंडी में भी लिखा है. उनका जन्म मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ ज़िले में 13 सितंबर 1939 को हुआ था.

उनकी प्रमुख रचनाओं में ‘देश एक राग है’, ‘समुद्र के बारे में’ (1977), ‘दी हुई दुनिया’ (1981), ‘हुआ कुछ इस तरह’ (1988), ‘सुनो हीरामन’ (1992), ‘सच पूछो तो’ (1996), ‘अथ रूपकुमार कथा’, ‘बिथा कथा’ (1997) आदि शामिल हैं.

साल 1998-99 उन्हें मध्य प्रदेश सरकार के शिखर सम्मान से सम्मानित किया गया था. लंबी बीमारी के चलते 73 वर्ष की आयु में 25 मई 2012 को उनका निधन हो गया.