इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति आरएल हंगलू के खिलाफ वित्तीय अनियमितता, प्रशासनिक कुप्रबंधन के साथ एक महिला को अनुचित तरीके से लाभ पहुंचाने का आरोप है.
नई दिल्ली: केंद्रीय मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रालय ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति आरएल हंगलू के खिलाफ प्रशासनिक जांच कराने की सिफारिश की है. इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, मंत्रालय को हंगलू के खिलाफ वित्तीय अनियमितता और प्रशासनिक कुप्रबंधन की कई शिकायतें मिली हैं.
दिसंबर 2015 में एनडीए सरकार द्वारा नियुक्त किए गए हंगलू के खिलाफ प्रशासनिक जांच बिठाने की मौजूदा सरकार की यह दूसरी कोशिश है. एचआरडी मंत्रालय ने इससे पहले 2018 की शुरुआत में ऐसी कोशिश की थी जिसे राष्ट्रपति भवन ने खारिज कर दिया था. राष्ट्रपति भवन का कहना था कि इसके लिए पर्याप्त आधार नहीं है.
बता दें कि, भारत के राष्ट्रपति देश के केंद्रीय विश्वविद्यालयों के प्रशासनिक संरक्षक होते हैं. किसी भी कुलपति को नियुक्त करने या हटाने के लिए उनकी मंजूरी आवश्यक होती है. वहीं गंभीर शिकायतों के मामले में जांच के लिए भी उनकी मंजूरी चाहिए होती है.
विश्वविद्यालय परिसर में हिंसा भड़कने के बाद अप्रैल 2016 के बाद से सरकार और कुलपति के बीच तनातनी शुरू हो गई थी. मंत्रालय की एक जांच समिति ने तब आरोप लगाया था कि हंगलू की निगरानी में प्रशासनिक और वित्तीय प्रबंधन में खामियां मिली हैं. वहीं परिसर में हुई हिंसा को संभाल पाने में उनकी असफलता भी उनके खिलाफ गई थी.
कुलपति के खिलाफ नए आरोप एक महिला के साथ उनके व्यक्तिगत वीडियो चैट से संबंधित हैं. आरोप है कि उन्होंने महिला को अनुचित तरीके से लाभ पहुंचाया है.
इस मामले में आरएसएस के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) सहित कई अन्य संगठनों ने भी उन्हें निकाले जाने की मांग की है.
पिछले साल अक्टूबर में उन्हें तब छुट्टी पर भेज दिया गया था जब एक रिटायर्ड जज उनके मामले की जांच कर रहे थे. हालांकि उनके खिलाफ शिकायत के लिए कोई भी सामने नहीं आया तो जज ने उन्हें बरी कर दिया था.
बता दें कि हंगलू कई भारतीय और विदेशी विश्वविद्यालयों में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति का पदभार संभालने से पहले वे पश्चिम बंगाल के कल्याणी विश्वविद्यालय के भी कुलपति रह चुके हैं.