बीती 26 जनवरी को श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर स्टेडियम में गणतंत्र दिवस समारोह में कई पत्रकारों ख़ासकर फोटोग्राफरों को वैध पास होने के बावजूद भी कथित तौर पर प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई. एडिटर्स गिल्ड ने इसे प्रेस की आज़ादी पर हमला बताया.
श्रीनगर/नई दिल्ली: श्रीनगर में बीते 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने से कई पत्रकारों को रोक दिया गया. एडिटर्स गिल्ड ने इसे प्रेस की आज़ादी पर हमला बताया है.
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया की ओर से बीते सोमवार को कहा गया कि श्रीनगर के एक स्टेडियम में गणतंत्र दिवस समारोह में कई वरिष्ठ पत्रकारों को प्रवेश नहीं देना प्रेस की आज़ादी पर राज्य प्रायोजित अभूतपूर्व हमला है. उसने इस मामले में जांच की मांग की.
गिल्ड ने कहा कि वह इस एकपक्षीय तरीके की निंदा करती है, जिसमें जम्मू कश्मीर के कई पत्रकारों को स्टेडियम में घुसने नहीं दिया गया.
गिल्ड ने कहा कि गणतंत्र दिवस समारोह को कवर करने के लिए कई अन्य वरिष्ठ पत्रकारों को पास नहीं देने का राज्य सरकार का पहले का फैसला भी उतना ही निंदनीय है. गिल्ड ने सरकार से इस तरह के आश्वासन की भी मांग की है कि इस तरह की चीज़ें दोहराई नहीं जाएंगी.
The Editors Guild of India has issued a statement. pic.twitter.com/WqXniu5Jai
— Editors Guild of India (@IndEditorsGuild) January 28, 2019
शनिवार को श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर स्टेडियम में गणतंत्र दिवस समारोह में कई पत्रकारों ख़ासकर फोटोग्राफरों को वैध पास होने के बावजूद भी कथित तौर पर प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई थी. इसके बाद श्रीनगर में पत्रकारों ने जम्मू कश्मीर सरकार के ख़िलाफ़ प्रदर्शन किया था.
फर्स्टपोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, इन पत्रकारों में से कुछ एएफपी, एपी, रॉयटर्स और एएनआई जैसे समाचार पत्रों में काम करते हैं. एएफपी के वरिष्ठ फोटोग्राफर तौसीफ़ मुस्तफ़ा के अलावा एसोसिएडेड प्रेस (एपी) के मेहराज-उद-दीन, एपी के ही उमर मेहराज, रॉयटर्स के फोटोग्राफर दानिश इस्माइल, एएनआई के बिलाल भट और ग्रेटर कश्मीर अख़बार के हबीब नक़्श को कार्यक्रम में शामिल होने से रोका गया.
कश्मीर में तीन दशक से काम कर रहे हबीब नक्श ने कहा, ‘पिछले कुछ महीनों से सरकार ने उन्हें पत्रकारों के मेल वाली उस सूची से भी हटा दिया है, जिस पर सूचना विभाग सरकार की गतिविधियों से जुड़ी प्रेस विज्ञप्तियां हर दिन भेजता है.’
उन्होंने कहा, ‘कट्टरपंथ के चरम पर भी कश्मीर में पत्रकारों को इस तरह से निशाना नहीं बनाया गया जैसा पिछले चार सालों में हुआ. यह अप्रत्याशित है और निराशजनक के साथ अपमानजनक भी है.’
प्रारंभिक जांच के बाद पता चला कि अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दर्जे के अधिकारी ने एक सीआईडी रिपोर्ट के आधार पर पत्रकारों की सूची तैयार की और अपने अधीनस्थ अधिकारियों को निर्देश दिया कि इन पत्रकारों को समारोह में शामिल होने से रोका जाए, जिसमें शनिवार को कई गणमान्य लोगों ने भाग लिया था.
सीआईडी पत्रकारों की पृष्ठभूमि पर नियमित रिपोर्ट देती है, जिसमें उनका अलगाववादियों से या उग्रवादी संगठनों से जुड़े उनके किसी परिजन के प्रति संभावित झुकाव शामिल है.
जिस सीआईडी रिपोर्ट के आधार पर अधिकारी ने निर्देश दिए, उसमें कहीं भी यह उल्लेख नहीं है कि पत्रकारों या फोटो-पत्रकारों को समारोह को कवर करने से रोका जाना चाहिए.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)