ममता बनर्जी का आरोप, भाजपा नेता हिमंता बिस्वा शर्मा ने शारदा समूह के मालिक से लिए तीन करोड़

मंगलवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जेल में बंद शारदा समूह के मालिक सुदीप्त सेन का एक पत्र साझा किया. 6 अप्रैल, 2013 के इस पत्र में सेन ने सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा को संबोधित करते हुए कहा था कि हिमंता बिस्वा शर्मा ने उनसे तीन करोड़ रुपये ठगे हैं.

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हिमंता बिस्वा शर्मा. (फोटो: पीटीआई)

मंगलवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जेल में बंद शारदा समूह के मालिक सुदीप्त सेन का एक पत्र साझा किया. 6 अप्रैल, 2013 के इस पत्र में सेन ने सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा को संबोधित करते हुए कहा था कि हिमंता बिस्वा शर्मा ने उनसे तीन करोड़ रुपये ठगे हैं.

हिमंता बिस्वा शर्मा. (फोटो: पीटीआई)
हिमंता बिस्वा शर्मा. (फोटो: पीटीआई)

कोलकाता: पश्चिम बंगाल सरकार और सीबीआई के बीच चिट फंड घोटाले में चल रहे विवाद के बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा नेता हिमंता बिस्वा शर्मा पर शारदा समूह के मालिक सुदीप्त सेन से तीन करोड़ रुपये लेने का आरोप लगाया है.

इस संबंध में मंगलवार को कोलकाता में अपने धरना मंच से ममता बनर्जी ने सेन के 2013 के उस पत्र को जारी किया, जिसमें सेन ने आरोप लगाया था कि भाजपा नेता हिमंता बिस्वा शर्मा ने उनसे तीन करोड़ रुपये ठगे थे.

इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के अनुसार, अनशन स्थल पर ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इशारे पर काम कर रही है. ममता ने कहा, ‘सीबीआई चुनिंदा विपक्षी नेताओं को निशाना बना रही है. भाजपा में शामिल होने वाले सुरक्षित हैं जबकि अपनी आवाज उठाने वालों को दोषी ठहराया जा रहा है. देश के संस्थानों को बचाने की तत्काल आवश्यकता है.’

उन्होंने कहा कि सीबीआई उन बीजेपी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है, जिन्होंने चिट फंड कंपनियों से पैसा लिया था? आज मैं आपके साथ एक दस्तावेज़ साझा कर रही हूं. किसी ने यह दस्तावेज़ हमारे पार्टी कार्यालय में जमा किया था.’

ममता द्वारा साझा किए गए पत्र के अनुसार, कोलकाता में सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा को संबोधित करते हुए 6 अप्रैल, 2013 के पत्र में सेन ने कहा, ‘एक अन्य उच्च-स्तरीय व्यक्ति ने मुझे धोखा दिया है. वह हिमंता बिस्वा शर्मा हैं. पिछले दो सालों के दौरान उन्होंने हमसे लगभग तीन करोड़ रुपये की नकदी के साथ कुछ वाउचरों भी लिए हैं. बंगाल क्षेत्र के लेनदारों को भुगतान करने के लिए यह राशि भी कंपनी को लौटाई जानी चाहिए क्योंकि यह राशि हमेशा कलकत्ता कार्यालय से दी गई है.’

सेन ने शर्मा पर 20 लाख रुपये प्रति माह लेने का आरोप लगाया गया था ताकि सेन को असम में व्यवसाय चलाने में मदद मिल सके. शर्मा के घर और गुवाहाटी में उनकी पत्नी के स्वामित्व वाले एक समाचार चैनल के छापे के महीनों बाद नवंबर 2014 में सीबीआई द्वारा उनसे पूछताछ की गई थी. हालांकि, किसी भी आरोप पत्र में उनका नाम नहीं है.

ममता के आरोपों के बाद शर्मा ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘ममता दीदी द्वारा मेरे खिलाफ लगाया गया आधारहीन आरोप बहुत दर्दनाक है. मैं आपके पुलिस कमिश्नर की तरह सौभाग्यशाली नहीं हूं. मैं जांच में शामिल हुआ और एक गवाह के रूप में अपना पूरा सहयोग देने की पेशकश की. यह सब मेरे भाजपा में शामिल होने से बहुत पहले हुआ है.’

शर्मा ने कहा, ‘यह बहुत दर्दनाक है कि ममता बनर्जी, जिनका मैं सम्मान करता हूं, वो मुझ पर तथ्यों और परिस्थितियों की पुष्टि किए बिना आरोप लगा रही हैं.’

बता दें कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी केंद्र सरकार पर यह आरोप लगाते हुए धरने पर बैठ गई हैं कि वह विपक्षी पार्टियों को परेशान करने के लिए सीबीआई का दुरुपयोग कर रही है.

बीते तीन फरवरी की शाम को कोलकाता में तब नाटकीय घटनाक्रम हुआ जब सीबीआई के 40 अधिकारियों की एक टीम चिट फंड घोटाला मामले में सबूतों को नष्ट करने के आरोप में शहर के पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार की भूमिका की जांच के लिए पहुंची थी.

इसके जवाब में कोलकाता पुलिस ने पांच सीबीआई अधिकारियों को यह जानने के लिए हिरासत में ले लिया कि उनके पास पुलिस कमिश्नर से पूछताछ करने के लिए आवश्यक मंजूरी है या नहीं.

ज्ञात हो कि सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार की गिरफ्तारी सहित उनके खिलाफ कोई भी कदम उठाने से सीबीआई पर रोक लगा दी. हालांकि शीर्ष अदालत ने राजीव कुमार को आदेश दिया कि वे शारदा चिट फंड घोटाला मामले में जांच के लिए सीबीआई के सामने पेश हों.

मुख्यमंत्री ममता ने इसे नैतिक जीत बताते हुए मंगलवार की शाम को अपना धरना ख़त्म कर दिया.