मुंबई के नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट में हुए एक कार्यक्रम में फिल्मकार और अभिनेता अमोल पालेकर ने संस्कृति मंत्रालय की आलोचना की थी. पालेकर ने कहा कि अभिव्यक्ति की आज़ादी दिन-ब-दिन कम होती जा रही है.
मुंबई: केंद्र की मोदी सरकार की आलोचना करने पर अभिनेता और निर्देशक अमोल पालेकर को एक कार्यक्रम में बोलने से रोक दिए जाने का मामला सामने आया है.
मुंबई के नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट (एनजीएमए) में मशहूर पेंटर प्रभाकर बर्वे पर आयोजित एक प्रदर्शनी के दौरान ‘इनसाइड द इम्पटी बॉक्स’ विषय पर बतौर अतिथि शामिल हुए अमोल पालेकर अपना भाषण दे रहे थे. इस बीच संस्कृति मंत्रालय की आलोचना करने पर उन्हें बोलने से रोक दिया गया.
अभिनेता नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट के मुंबई और बेंगलुरु केंद्रों की एडवाइज़री समिति को कथित तौर पर ख़त्म करने के लिए संस्कृति मंत्रालय की आलोचना कर रहे थे, इसी बीच मंच पर बैठीं एक महिला ने उन्हें रोक दिया और कार्यक्रम से जुड़ी हुईं बातें कहने को कहा.
अमोल पालेकर कह रहे थे कि स्थानीय कलाकारों की समितियों को भंग कर दिया गया है और दिल्ली से तय होता है कि किस कलाकार की प्रदर्शनी लगेगी. स्क्रॉल डॉट इन की रिपोर्ट के अनुसार, नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट की निदेशक अनीत रूपावतराम ने अमोल पालेकर के आरोपों का ख़ारिज किया है.
बहरहाल, सोशल मीडिया पर इस घटना का वीडियो भी वायरल हुआ है. वीडियो में देखा जा सकता है कि मंच पर बैठीं एक महिला उन्हें रोकते हुए कहती हैं, ‘यह कार्यक्रम प्रभाकर बर्वे पर आधारित है और आपको उन्हीं पर बोलना हैं.’
Just got this video of one of my favourite actors, Amol Palekar, being cut off while ruing the loss of independence in art at @mumbai_ngma simply because he seemed critical of a Ministry of Culture/NGMA decision.
This is what #intolerance in the present times is all about. Sad! pic.twitter.com/u8L30qeiz7
— Annu Tandon (@AnnuTandonUnnao) February 9, 2019
अभिनेता अमोल पालेकर कहते नज़र आ रहे हैं, ‘2017 में यह जानकर बहुत खुशी हुई कि नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट कोलकाता और उत्तर पूर्व में अपनी शाखा खोलने जा रहा है. मुंबई में भी इसको बढ़ाने की ख़बर आई थी, लेकिन 13 नबंवर, 2018 को एक और त्रासदीपूर्ण निर्णय ले लिया गया.
इस बीच उन्हें महिला ने टोका और कहा कि आप प्रभाकर बर्वे के बारे में बोलिए, यह कार्यक्रम उनके योगदान को लेकर हो रहा है. इस पर अमोल कहते हैं, ‘मैं इस बात को प्रभाकर बर्वे से ही जोड़ रहा हूं.’ इस पर वह महिला कहती हैं कि आपको यह बात कहनी बंद करनी होगी.
बताया जा रहा है कि यह महिला कार्यक्रम की क्यूरेटर जेसल ठक्कर हैं.
अमोल कहते हैं, ‘आप मुझसे नहीं बोलने के लिए कह रही हैं और आपने मुझे कार्यक्रम में बोलने के लिए बुलाया हुआ है.’
तब महिला फिर दोहराती हैं, ‘मैंने आपको बर्वे पर बोलने के लिए आमंत्रित किया है. यह कार्यक्रम प्रभाकर बर्वे पर आधारित है.’
अमोल कहते हैं, ‘हाल ही में लेखिका नयनतारा सहगल का एक कार्यक्रम में बोलने के लिए आमंत्रित किया गया था, लेकिन आख़िरी समय में उन्हें मना कर दिया गया क्योंकि वह जो भी बोलने वाली थीं वह थोड़ा आलोचनात्मक था.’
Watch how veteran actor Amol Palekar is stopped from making any critical comments during his speech for the inaugural of the Prabhakar Barwe retrospective at the NGMA Mumbai on Feb 8, 2019. pic.twitter.com/7lQAxcA1U1
— geeta seshu (@geetaseshu) February 9, 2019
उन्होंने उस महिला से पूछा, ‘क्या हम भी वैसा ही माहौल यहां पैदा कर रहे हैं. आप मुझ पर सेंसरशिप लगा रहे हैं. अगर आप मुझे नहीं बोलने के लिए कह रही हैं तो मैं नहीं बोलूंगा.’
दैनिक जागरण की रिपोर्ट के अनुसार, संस्कृति मंत्रालय ने मुंबई और बेंगलुरु की नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट में लगने वाली प्रदर्शनियों को लेकर नियम में बदलाव किया है. नए नियम के मुताबिक, इन गैलरियों में प्रदर्शनी के विषय और कंटेंट को चुनने का एकाधिकार अब संस्कृति मंत्रालय के पास होगा, जबकि पहले स्थानीय कलाकारों की एक एडवाइज़री कमेटी को भी इस फैसले में शामिल किया जाता था.
स्क्रॉल डॉट इन से बातचीत में अमोल पालेकर ने कहा, ‘यह स्थिति वास्तव में परेशान करने वाली है. यह कहां जाकर रुकेगी. अभिव्यक्ति की आज़ादी दिन-ब-दिन कम होती जा रही है. हम इसे लेकर चुप क्यों हैं?’
पालेकर ने कार्यक्रम के बाद कहा, ‘ठक्कर ने मुझसे कहा की नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट की निदेशक ने यह सुनिश्चित करने के लिए कहा था कि कार्यक्रम में कोई सरकार विरोधी बयान न दे. इस पर मैंने उनसे कहा कि आपने इस बारे में मुझे बताया नहीं, अगर आप मुझे इस बारे में बता देतीं तो मैं ऐसा कुछ कहने से बच जाता.’
स्क्रॉल डॉट इन से शनिवार को हुई बातचीत में जसेल ठक्कर ने कहा, ‘मेरा इरादा अमोल पालेकर को अपना भाषण ख़त्म करने के रोकना नहीं था. मैं उनसे आग्रह कर रही थी कि वह पेंटर (प्रभाकर बर्वे) के बारे में कहानियां और उनसी जुड़ी यादें साझा करें.’