पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने कहा है कि टीवी चैनल कोई भी ऐसी सामग्री प्रसारित ना करें जो हिंसा को भड़का सकती है या क़ानून एवं व्यवस्था को प्रभावित कर सकती है.
नई दिल्लीः जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में गुरुवार को हुए आतंकवादी हमले की टीवी कवरेज को लेकर केंद्र सरकार ने एडवाइजरी जारी की है.
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सभी निजी टीवी चैनलों को एडवाइजारी जारी कर यह सुनिश्चित करने को कहा है कि ऐसी किसी भी सामग्री को प्रसारित नहीं करें, जिससे देश की अखंडता प्रभावित होती हो.
Union I&B Ministry issues advisory for television channels in wake of #PulwamaAttack pic.twitter.com/rvDvpfeLmZ
— ANI (@ANI) February 14, 2019
मंत्रालय ने एडवाइजरी में कहा, ‘हाल ही में हुए आतंकवादी हमले के मद्देनजर निजी टीवी चैनलों को किसी भी तरह की सामग्री के प्रसारण को लेकर सावधानी बरतने की जरूरत है. वे किसी भी ऐसी सामग्री के प्रति सावधान रहें जो हिंसा को भड़का सकती हैं या जो कानून एवं व्यवस्था को प्रभावित करे या देश विरोधी रुख को बढ़ावा देती हो या फिर देश की अखंडता को प्रभावित करती हो.’
एडवाइजरी में सभी निजी टीवी चैनलों से इसका पालन करने का आग्रह किया गया है.
गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में गुरुवार को हुए आतंकवादी हमले में शहीद हुए जवानों की संख्या बढ़कर 40 हो गई है.
पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक की अध्यक्षता की. केंद्र सरकार ने फॉरेंसिक एक्सपर्ट के साथ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) की टीमों को श्रीनगर भेजा है, जो हमले वाली जगह से फॉरेंसिक साक्ष्य जुटाएंगी.
मालूम हो कि जैश-ए-मोहम्मद के एक आतंकवादी ने गुरुवार को विस्फोटकों से लदे वाहन से सीआरपीएफ जवानों की बस को टक्कर मार दी थी.
अधिकारियों का कहना है कि यह 2016 में हुए उरी हमले के बाद सबसे भीषण आतंकवादी हमला है. उन्होंने बताया कि आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने इस घटना की ज़िम्मेदारी ली है. इस हमले में लगभग 350 किलो विस्फोटक का इस्तेमाल हुआ था.
एनडीटीवी इंडिया के मुताबिक, सीआरपीएफ जल्द ही पुलवामा हमले में शहीद हुए जवानों की सूची जारी कर सकती है. जवानों के नाम जारी किए जाने में देरी की वजह कई शवों का क्षत-विक्षत होना है. हालांकि, आधिकारिक तौर पर अभी तक 37 जवानों के शहीद होने की बात कही जा रही है.