जम्मू कश्मीर के पुलवामा ज़िले में श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर हुए आतंकवादी हमले में सीआरपीएफ के तकरीबन 40 जवान मारे गए हैं.
नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर के पुलवामा में गुरुवार को हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान से ‘मोस्ट फेवर्ड नेशन’ का दर्जा वापस ले लिया है. शुक्रवार सुबह सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीएस) की बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मीडिया को यह जानकारी दी.
सीसीएस की बैठक श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर पुलवामा जिले में सुरक्षा बलों पर आतंकवादी हमले के बाद बुलाई गई थी, जिसमें लगभग 40 केंद्रीय पुलिस रिजर्व बल (सीआरपीएफ) के जवान मारे गए हैं.
Arun Jaitley: The 'most favoured nation' status which was granted to Pakistan, stands withdrawn https://t.co/OKHXS69Ukq
— ANI (@ANI) February 15, 2019
सीसीएस की बैठक के बाद जेटली ने कहा कि विदेश मंत्रालय अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान को पूर्ण रूप से अलग-थलग करने के लिए राजनयिक कदम उठाएगा.
Union Minister Arun Jaitley: People who are responsible and have supported this act of terrorism will have to pay a heavy price for it. #PulwamaTerrorAttack pic.twitter.com/iFvBxOHwJr
— ANI (@ANI) February 15, 2019
जेटली ने कहा, ‘जो लोग जिम्मेदार हैं और आतंकवाद के इस कृत्य का समर्थन करते हैं, उन्हें इसके लिए भारी कीमत चुकानी होगी.’ सीसीएस बैठक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई, जिसमें रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और वित्त मंत्री अरुण जेटली शामिल थे.
बैठक के बाद प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘मैं पुलवामा हमले में अपनी जान गंवाने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि देता हूं. हमारे सुरक्षा बलों को पूरी आजादी दी गई है. हमें उनकी बहादुरी पर पूरा भरोसा है.’
Prime Minister Narendra Modi: I pay tribute to soldiers who lost their lives in #PulwamaAttack. Our security forces have been given full freedom. We have full faith in their bravery. pic.twitter.com/kXtK3GyV70
— ANI (@ANI) February 15, 2019
मोदी ने कहा कि आतंकवाद के इस कृत्य के पीछे की ताकतें और इसके लिए जिम्मेदार लोगों को निश्चित रूप से दंडित किया जाएगा.
PM Modi on #PulwamaAttack : The forces behind this act of terrorism & those responsible for it, will be definitely be punished. pic.twitter.com/ucSXnB9BvO
— ANI (@ANI) February 15, 2019
मोदी ने आगे कहा, ‘अगर हमारा पड़ोसी, जो दुनिया में पूरी तरह से अलग-थलग है, वह सोचता है कि वो भारत को अपनी रणनीति और साजिशों के माध्यम से अस्थिर कर सकता है, तो यह एक बड़ी गलती है.’
PM Narendra Modi: If our neighbour which is totally isolated in the world thinks it can destabilise India through its tactics and conspiracies, then it is making a big mistake #PulwamaTerrorAttack pic.twitter.com/0GdB3scaCi
— ANI (@ANI) February 15, 2019
गुरुवार को एक बयान में विदेश मंत्रालय ने मांग की कि पाकिस्तान आतंकवादी समूहों को अपने क्षेत्र से काम करने की अनुमति दे रहा है. इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र से जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर को एक नामित आतंकवादी के रूप में सूचीबद्ध करने का भी आग्रह किया.
ज्ञात हो कि जैश-ए-मोहम्मद ने वीडियो जारी कर हमले की ज़िम्मेदारी ली है. पाकिस्तान ने भी अपना बयान जारी कर हमला के पीछे पाकिस्तान का हाथ होने का खंडन किया है.
अमेरिकी विदेश विभाग ने अपने नागरिकों के लिए एक यात्रा परामर्श (एडवाइजरी) जारी किया है जिसमें लोगों से आतंकवाद के कारण पाकिस्तान की यात्रा पर पुनर्विचार करने को कहा गया है.
US State Department has issued a travel advisory to its citizens asking them to reconsider travel to Pakistan due to terrorism.
— ANI (@ANI) February 15, 2019
क्या है मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा ?
मोस्ट फेवर्ड नेशन (एमएफ़एन) दर्जा मिलने वाले देश को व्यापार संबंधी सुविधाएं मिल जाती हैं. व्यापार संबंधी फ़ायदों का मतलब कम कीमतें और आयात को बढ़ावा देने वाले कदम होता है.
विश्व व्यापार संगठन यानी वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाईजेशन (डब्लूटीओ) के सदस्य देश आपस में एक दूसरे को एमएफएन का दर्जा दे सकते हैं. इसके तहत अंतरराष्ट्रीय व्यापार नियमों का पालन करना होता है और आम धारणा ये है कि आर्थिक रूप से थोड़े कमजोर देशों की अर्थव्यवस्था को इससे लाभ पहुंच सकता है.
अंतरराष्ट्रीय बाजार के मुक्त व्यापार क्षेत्र, आबकारी संघ (एक्साइस यूनियन) और साझा बाजारों को एमएफएन प्रावधानों से छूट दी गई है.
एबीपी न्यूज़ के अनुसार, डब्ल्यूटीओ बनने के साल भर बाद भारत ने पाकिस्तान को 1996 में एमएफएन का दर्जा दिया था. लेकिन पाकिस्तान ने भारत को कभी एमएफएन का दर्जा नहीं दिया.