मुख्य आरोपी सुरेंद्र कोली ने कोर्ट को दी गई अर्ज़ी में कहा है कि उनका वकील जान-बूझकर उन्हें एक ऐसे अपराध में फंसा रहा है जो उन्होंने किया ही नहीं है.
साल 2006 में सामने आए बहुचर्चित निठारी हत्याकांड में नया मोड़ आ गया है. मुख्य आरोपी सुरेंद्र कोली ने अपना केस ख़ुद लड़ने की मांग की है.
सुरेंद्र का कहना है कि उनका वकील उन्हें मामले में फंसा रहा है. अदालत में अर्ज़ी दाख़िल कर उन्होंने अपने वकील का वकालतनामा अपने केस से ख़ारिज करने की गुहार लगाई है.
अमर उजाला अख़बार की रिपोर्ट के अनुसार, अर्जी में कोली ने कहा है कि उनका वकील जान बूझकर उन्हें एक ऐसे अपराध में फंसा रहा है जो उन्होंने किया ही नहीं है. इतना ही नहीं उन्होंने अपने केस की पैरवी ख़ुद करने के लिए अदालत से मांग की है.
रिपार्ट के अनुसार, सीबीआई के विशेष न्यायाधीश पवन कुमार तिवारी ने इस अर्ज़ी को मंज़ूर कर लिया है. सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक जेपी शर्मा ने बताया कि डासना जेल की हाई सिक्योरिटी बैरक में बंद सुरेंद्र कोली ने सोमवार सुबह जेल प्रशासन द्वारा यह अर्ज़ी कोर्ट में दाख़िल की है.
अर्जी में कोली ने कहा है, ‘एक एनजीओ के वकील को मेरा केस लड़ने के लिए नियुक्त किया गया है. वकील ने मुझे मानसिक रूप से बीमार बताया है और कहा है कि मानसिक स्थिति ठीक न होने की वजह से मुझसे अपराध हुए, जबकि मैंने ये अपराध किए ही नहीं हैं.’
कोली ने कहा, ‘मेरे वकील कोर्ट में ऐसे अपराध की बात कर रहे हैं जो मैंने किया ही नहीं है.’
कोली ने कोर्ट से अपील की है कि वे ग़रीब है और पैसे देकर अपना वकील ख़ुद नहीं चुन सकते. कोली के अनुसार, उन्होंने पहले भी अपने मामलों में पैरवी की है. ऐसे में उन्हें अपनी पैरवी ख़ुद करने की इजाज़त दी जाए.
निठारी हत्याकांड
इस जघन्य हत्याकांड का खुलासा साल 2006 में तब हुआ था जब नोएडा के निठारी गांव में मोनिंदर सिंह पंढेर के घर के नज़दीक कई मानव खोपड़ियां और हड्डियां मिली थीं.
जांच में पता चला था कि ये 19 मानव शरीरों के अवशेष हैं. इनमें से 16 पूर्ण रूप में मौजूद थे जबकि तीन बेहद खराब हाल में मिले थे.
सुरेंद्र कोली नोएडा सेक्टर-31 स्थित डी-5 कोठी के मालिक मोनिंदर सिंह पंढेर के यहां घरेलू नौकर थे. मामले का खुलासा होने के बाद मोनिंदर सिंह पंढेर और सुरेंद्र कोली को गिरफ्तार किया गया था.
दोनों पर आरोप था कि इन्होंने छोटे बच्चे-बच्चियों और महिलाओं को अगवा करके उनके साथ दुष्कर्म किया. फिर उनकी हत्या कर उनके शरीर के टुकड़े घर के बाहर नाले में फेंक दिए.
इस सिलसिलेवार हत्याकांड में सिर्फ़ एक पीड़िता बालिग थी. मामले में कुल 19 मामले दर्ज किए गए थे. सुरेंद्र कोली के ख़िलाफ़ 16 मामले दर्ज किए गए हैं.
गाजियाबाद की विशेष सीबीआई अदालत ने निठारी हत्याकांड से जुड़े छह मामलों में सुरेंद्र कोली को दोषी ठहरा चुकी है. सुरेंद्र कोली को इन मामलों में मौत की सज़ा मिली हुई थी.
10 सितंबर, 2009 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मामले के आरोपी मोनिंदर सिंह पंढेर मामले से बरी कर दिया. मामले की शुरुआत से ही उन्हें मुख्य आरोपी नहीं माना गया था.
पंढेर को उसी दिन बरी किया गया था जिस दिन हाईकोर्ट ने सुरेंद्र कोली की मौत की सज़ा को उम्रक़ैद में तब्दील किया था.