एक पुलिस अधिकारी ने शेल्टर होम प्रबंधन पर सहयोग नहीं करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने गुपचुप तरीके से काम किया है. उन्होंने कहा कि सरकार की महिला प्रतिनिधियों को भी लड़कियों से मिलने की अनुमति नहीं दी जा रही.
नई दिल्लीः बिहार के पटना के मोकामा बालिका आश्रय गृह से सात लड़कियों के लापता होने का मामला सामने आया है. इनमें से चार लड़कियां मुज़फ़्फ़रपुर बालिका आश्रय गृह की पीड़िता हैं.
यह घटना शुक्रवार और शनिवार की दरम्यानी रात की है. मुज़फ़्फ़रपुर बालिका गृह कांड के उजागर होने के बाद इन पीड़िताओं को मोकामा के बालिका आश्रय गृह में शिफ्ट किया गया था.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, पुलिस का कहना है कि यह घटना शनिवार रात लगभग दो बजे के आसपास की है. अधिकारियों को आश्रय गृह की एक ग्रिल कटी हुई मिली.
शेल्टर होम के कर्मचारियों से पूछताछ की जा रही है. हालांकि, इस पूरे मामले पर बालिका आश्रय गृह ने कुछ भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है.
पटना के डीएम और एसएसपी शनिवार सुबह शेल्टर होम पहुंचे.
Bihar: Seven girls have gone missing from a shelter home in Mokama. Kumar Ravi, District Magistrate Patna says, "A missing report for the seven girls has been registered. We're trying to locate the girls." pic.twitter.com/50NEqa8phe
— ANI (@ANI) February 23, 2019
पटना के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट कुमार रवि ने कहा, ‘सात लड़कियों के लापता होने के मामले को दर्ज कर लिया गया है. हम लड़कियों का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं.’
बिहार के पुलिस महानिरीक्षक गुप्तेश्वर पांडे ने बताया, ‘डीएम मौके पर पहुंच गए हैं. हमने सातों लड़कियों की खोजबीन के लिए सभी सरकारी रेलवे स्टेशन को अलर्ट कर दिया है.’
पुलिस अधिकारी ने शेल्टर होम प्रबंधन से सहयोग नहीं मिलने का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने गुपचुप तरीके से काम किया है. यहां तक कि सरकार की महिला प्रतिनिधियों को भी लड़कियों से मिलने की अनुमति नहीं दी जा रही.
सरकार ने शेल्टर होम प्रबंधन से ट्रॉमा से जूझ रही लड़कियों के लिए नियमित काउंसिलिंग सत्र चलाने को कहा था. बता दें कि मुज़फ़्फ़रपुर शेल्टर होम बीते मई से बंद है.
बता दें कि बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर ज़िले में 31 मई 2018 को एक बालिका गृह में बच्चियों के साथ यौन शोषण का मामला सामने आया था. कुछ बच्चियों के गर्भवती होने की भी पुष्टि हुई थी.
उसके बाद मीडिया में आई ख़बरों के अनुसार, इस बालिका गृह में रह रहीं 42 लड़कियों में से 34 के साथ बलात्कार होने की पुष्टि हुई थी. बलात्कार की शिकार हुई लड़कियों में से कुछ 7 से 13 साल के बीच की हैं.
मामला तब सामने आया जब इस साल के शुरू में मुंबई के एक संस्थान टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज़ (टिस) की ‘कोशिश’ टीम ने अपनी समाज लेखा रिपोर्ट में दावा किया था कि बालिका गृह की कई लड़कियों ने यौन उत्पीड़न की शिकायत की है.
बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर स्थित एक एनजीओ द्वारा संचालित बालिका गृह में रहने वाली बच्चियों से बलात्कार मामले में ब्रजेश ठाकुर मुख्य आरोपी हैं.