बुधवार को पाकिस्तान ने भारतीय वायुसेना के दो विमान मार गिराने और एक भारतीय पायलट को हिरासत में लेने का दावा किया था. गुरुवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने कहा कि शांति का संदेश देने के लिए वे भारतीय पायलट अभिनंदन को रिहा करेंगे.
लाहौर/इस्लामाबाद: भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान शुक्रवार को लाहौर से वाघा सीमा के रास्ते भारत पहुंच गए. दो दिन पहले 27 फरवरी को पाकिस्तान की सेना ने उन्हें हिरासत में ले लिया था.
वायुसेना के पायलट अभिनंदन पाकिस्तानी अधिकारियों के वाहनों के काफिले में लाहौर से रवाना हुए. पाकिस्तान के अफसरों ने उन्हें अटारी-वाघा सीमा पर भारतीय अधिकारियों को सौंप दिया.
मालूम हो कि बुधवार 27 फरवरी को पाकिस्तान ने दावा किया था कि उसने अपने हवाई क्षेत्र में दो भारतीय सैन्य विमानों को मार गिराया और दो भारतीय पायलटों को हिरासत में लिया गया.
हालांकि बाद में पाकिस्तान की ओर से एक बयान जारी कर कहा गया कि उसके क़ब्ज़े में सिर्फ एक ही भारतीय पायलट है. इस पायलट की पहचान विंग कमांडर अभिनंदन के रूप में हुई.
बृहस्पतिवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने संसद में बताया था कि शांति का संदेश देने के लिए पाकिस्तान भारतीय पायलट को रिहा करेगा.
गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने 14 फरवरी को सीआरपीएफ के काफिले पर आत्मघाती हमला किया था. इसमें 40 जवान शहीद हो गए थे, जिसके बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव व्याप्त है.
अभिनंदन की रिहाई रोकने की याचिका पाकिस्तानी अदालत ने की खारिज
इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने भारतीय वायुसेना के पायलट विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान की रिहाई रोकने के लिए दायर याचिका शुक्रवार को ख़ारिज कर दी.
पाकिस्तान के एक नागरिक ने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर अभिनंदन की होने वाली रिहाई रोकने की मांग करते हुए कहा था कि उन्होंने देश (पाकिस्तान) के ख़िलाफ़ अपराध किया है और उन पर यहां मुकदमा चलना चाहिए.
याचिका में अनुरोध किया गया था कि अदालत भारतीय वायुसेना के पायलट को भारत को सौंपने के इमरान खान सरकार के फैसले पर रोक लगाए.
याचिका दायर करने वाले ने कहा कि भारतीय पायलट ने देश (पाकिस्तान) में बम गिराने के लिए उसके हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया और उन्होंने पाकिस्तान के ख़िलाफ़ अपराध किया है. इसलिए उनके ख़िलाफ़ सुनवाई यहीं होनी चाहिए.
मामले की सुनवाई करते हुए इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने याचिका को ख़ारिज कर दिया.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)