मध्य प्रदेश: कमलनाथ सरकार ने कम्प्यूटर बाबा को नदी न्यास का अध्यक्ष बनाया

कम्प्यूटर बाबा समेत पांच संतों को राज्य मंत्री का दर्जा दिए जाने के मध्य प्रदेश की पूर्ववर्ती शिवराज चौहान सरकार के फैसले की कांग्रेस ने की थी आलोचना.

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Jabalpur: Spiritual leader Namdeo das Tyagi, popularly known as 'Computer baba' talks to the media during 'Narmade Sansad' program in Jabalpur, Thursday, Nov. 22, 2018. (PTI Photo) (PTI11_22_2018_000065B)
नामदेव दास त्यागी उर्फ़ कंप्यूटर बाबा. (फाइल फोटो: पीटीआई)

कम्प्यूटर बाबा समेत पांच संतों को राज्य मंत्री का दर्जा दिए जाने के मध्य प्रदेश की पूर्ववर्ती शिवराज चौहान सरकार के फैसले की कांग्रेस ने की थी आलोचना.

कम्प्यूटर बाबा (फोटो साभार: फेसबुक/ फैंस ऑफ कम्प्यूटर बाबा)
कम्प्यूटर बाबा. (फोटो साभार: फेसबुक/फैंस ऑफ कम्प्यूटर बाबा)

नई दिल्लीः मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार ने नामदेव त्यागी उर्फ कम्प्यूटर बाबा को ‘मां नर्मदा, मां क्षिप्रा एवं मां मंदाकिनी नदी न्यास’ का अध्यक्ष नियुक्त किया है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, नदी न्यास का अध्यक्ष नियुक्त करने का यह आदेश मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार द्वारा बीते आठ मार्च को जारी किया गया. हालांकि इस आदेश में कम्प्यूटर बाबा के दर्जे और इस नई जिम्मेदारी के साथ उनके द्वारा उठाई जाने वाली सुविधाओं को लेकर कुछ भी स्पष्ट नहीं कहा गया है.

कमलनाथ सरकार द्वारा गठित किए गए आध्यात्मिक विभाग की ओर से यह आदेश बीते 10 मार्च को सार्वजनिक किया गया.

मालूम हो कि अप्रैल 2018 में मध्य प्रदेश की तत्कालीन शिवराज सिंह चौहान सरकार ने कम्प्यूटर बाबा को राज्य मंत्री का दर्जा दे दिया था, जिसे लेकर काफी विवाद मचा था.

इसके बाद बीते साल अक्टूबर महीने में कम्प्यूटर बाबा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था और विधानसभा चुनाव में भाजपा को अधार्मिक बताते हुए पार्टी के विरोध में प्रचार करना शुरू कर दिया था. उन्होंने बुधनी निर्वाचन क्षेत्र में शिवराज सिंह चौहान के ख़िलाफ़ प्रचार भी किया था.

कम्प्यूटर बाबा के अलावा नर्मदानंद महाराज, हरिहरानंद महाराज, भय्यू महाराज और पंडित योगेंद्र महंत को भी राज्य मंत्री बनाया गया था.

उस वक़्त विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस ने कम्प्यूटर बाबा और चार अन्य धार्मिक गुरुओं को राज्य मंत्री का दर्जा दिए जाने के फैसले को लेकर तत्कालीन भाजपा सरकार की आलोचना भी की थी.

बहरहाल, कम्प्यूटर बाबा ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में बताया, ‘आचार संहिता लागू होने वाली थी. सुविधाएं और क्या दर्जा होगा इसकी घोषणा बाद में की जाएगी. अंतिम घड़ी में नियुक्ति कर उन्होंने (सरकार) समझदारी का काम किया है.’

कम्प्यूटर बाबा ने बताया कि नर्मदा में अवैध खनन रोकना और नदी किनारे रह रहे लोगों की समितियां बनाकर तीनों नदियों को साफ रखना, उनकी प्राथमिकता होगी.

कम्प्यूटर बाबा ने कहा, ‘मैंने शिवराज सिंह चौहान सरकार में पद इसलिए छोड़ा था क्योंकि वह सरकार अवैध खनन को रोकने के लिए कुछ नहीं कर रही थी. नई सरकार ने अवैध खनन को रोकने के लिए मुझ पर भरोसा जताया इसलिए मैंने इस पद को स्वीकार कर लिया.’

उन्होंने कहा कि वह कोई नेता नहीं है बल्कि नर्मदा नदी के प्रति एक समर्पित संत हैं.