लोकसभा चुनाव के सपा-बसपा गठबंधन में निषाद पार्टी समेत तीन अन्य दल शामिल

लोकसभा चुनाव राउंडअप: राहुल गांधी ने सूरतगढ़ में एक सभा में कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव दो विचारधाराओं की लड़ाई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो हिंदुस्तान बनाने की कोशिश कर रहे हैं जिसमें एक हिंदुस्तान अमीरों का और दूसरा गरीबों का होगा.

/
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डाॅ0 संजय निषाद, जनवादी पार्टी (सोशलिस्ट) के राष्ट्रीय अध्यक्ष डाॅ0 संजय चौहान एवं राष्ट्रीय समानता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मोतीलाल कुशवाहा.

लोकसभा चुनाव राउंडअप: राहुल गांधी ने सूरतगढ़ में एक सभा में कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव दो विचारधाराओं की लड़ाई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो हिंदुस्तान बनाने की कोशिश कर रहे हैं जिसमें एक हिंदुस्तान अमीरों का और दूसरा गरीबों का होगा.

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डाॅ0 संजय निषाद, जनवादी पार्टी (सोशलिस्ट) के राष्ट्रीय अध्यक्ष डाॅ0 संजय चौहान एवं राष्ट्रीय समानता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मोतीलाल कुशवाहा.
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डाॅ. संजय निषाद, जनवादी पार्टी (सोशलिस्ट) के राष्ट्रीय अध्यक्ष डाॅ. संजय चौहान एवं राष्ट्रीय समानता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मोतीलाल कुशवाहा (फोटो साभार: समाजवादी पार्टी)

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश में निषाद पार्टी, राष्ट्रीय समानता दल और जनवादी सोशलिस्ट पार्टी के साथ गठबंधन का ऐलान किया. सभी पार्टियां चुनाव में एक-दूसरे के उम्मीदवारों का सहयोग करेंगी.

अमर उजाला के अनुसार, इस मौके पर अखिलेश ने कहा कि गोरखपुर लोकसभा उपचुनाव में भी हमने ऐसा गठबंधन किया था, जिस समीकरण को प्रदेश के बाबा मुख्यमंत्री भी समझ नहीं पाए थे.

बता दें कि सपा, बसपा व रालोद का उत्तर प्रदेश में पहले ही गठबंधन हो चुका है.

उन्होंने कहा कि यह यूपी का सबसे बड़ा गठबंधन है. प्रदेश में 74 सीटें जीतने का वादा करने वालों को अब सोचना पड़ेगा कि उनका खाता कहां खुलेगा.

आपको बता दें कि गोरखपुर संसदीय सीट पर पिछले साल हुए उपचुनाव में निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद के बेटे प्रवीण निषाद को सपा ने अपने चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ाया था.

हालांकि, अखिलेश ने ये भी कहा कि निषाद पार्टी की सीट पर अभी फैसला नहीं लिया गया है.

सपा कार्यालय पर आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में अखिलेश यादव ने बताया कि हम घोषणा पत्र पर काम कर रहे हैं. हमारी कोशिश है कि समाज के हर तबके को उसका हक मिले.

चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद एक पखवाडे़ में लगभग 143 करोड़ रुपये की नकदी जब्त

लोकसभा चुनाव के लिए दस मार्च को चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद चुनाव आयोग ने पिछले एक पखवाड़े में देश के विभिन्न भागों से 143 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की है.

आयोग द्वारा मंगलवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, देश में अब तक 143.47 करोड़ रुपये की नकदी के अलावा 89.64 करोड़ रुपये मूल्य की शराब, 131.75 करोड़ रुपये मूल्य के नशीले पदार्थ, 162.93 करोड़ रुपये मूल्य के आभूषण और 12.20 करोड़ रुपये मूल्य का अन्य सामान बरामद किया.

मतदाताओं को प्रलोभन देने के लिये अवैध रूप से पैसा और शराब सहित अन्य वस्तुओं के वितरण को रोकने के मकसद से आयोग द्वारा गठित निगरानी दलों की कार्रवाई में विभिन्न राज्यों से यह जब्ती हुई है.

इस सामग्री की सर्वाधिक जब्ती तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश से हुयी है. वहीं इस मामले में दिल्ली का रिपोर्ट कार्ड अब तक सबसे बेहतर रहा जहां कोई जब्ती नहीं हुई.

आयोग के आंकड़ों के अनुसार, तमिलनाडु में की गयी 107.24 करोड़ रुपये कीमत की विभिन्न वस्तुओं की जब्ती में 36 करोड़ रुपये नकदी के अलावा 68 करोड़ रुपये के आभूषण जब्त हुये हैं. इसके बाद उत्तर प्रदेश में जब्त की गयी सामग्री की कुल कीमत 104.53 करोड़ रुपये आंकी गई है.

इसमें 59.04 करोड़ रुपये कीमत के आभूषण, 22.56 करोड़ रुपये कीमत की अवैध शराब, 14.68 करोड़ रुपये कीमत के मादक द्रव्य और 8.26 करोड़ रुपये की नकदी पकड़ी गई.

आंध्र प्रदेश में जब्त सामग्री की कुल कीमत 103.04 करोड़ रुपये आंकी गयी है. इसमें 55 करोड़ रुपये की नकदी, 30 करोड़ रुपये के आभूषण और 12 करोड़ रुपये कीमत की अवैध शराब शामिल है.

विभिन्न एजेंसियों के अधिकारियों की मौजूदगी वाले आयोग के निगरानी दलों द्वारा सभी राज्यों में की गयी छापेमारी के दौरान 25 मार्च तक जब्त की गयी अवैध सामग्री की कुल कीमत 539.99 करोड़ रुपये आंकी गई है.

केरल के लोग चाहते हैं, जलवायु परिवर्तन अहम राजनीतिक मुद्दा बने

केरल में पिछले साल आई विनाशकारी बाढ़ की यादें अब भी लोगों के ज़ेहन में ताज़ा हैं. लोग चाहते हैं कि इस बार के लोकसभा चुनाव में जलवायु परिवर्तन एक अहम मुद्दा हो.

केरल सरकार के मुताबिक, अगस्त 2018 में आई बाढ़ ने 483 लोगों की जान ले ली थी. यह एक सदी में आया सबसे भीषण सैलाब था.

केरल सरकार ने बताया कि सैलाब और उससे संबंधित घटनाओं में राज्य की कुल आबादी का छठवां हिस्सा सीधे-सीधे प्रभावित हुआ है.

केरलवासी अब चाहते हैं कि सियासी पार्टियां आम चुनाव में जलवायु परिवर्तन को एक अहम मुद्दे के तौर पर उठाएं.

कोच्चि में एक प्रमुख अस्पताल समूह में वरिष्ठ अधिकारी अरूण के नायर ने कहा, ‘‘ मुझे 100 फीसदी लगता है कि चुनावों में जलवायु परिवर्तन को चर्चा का एक अहम मुद्दा बनाए जाने की जरूरत है.’’

तिरूवनंतपुरम में रहने वाले लेखक के एस मनु ने कहा कि जब बाढ़ आई थी तो लोगों को सियासतदानों की अक्षमता का पता चला क्योंकि ज्यादातर पुनर्वास का काम युवा स्वयंसेवकों ने शुरू किया था.

उन्होंने कहा कि सैलाब मानव निर्मित आपदा है जो कथित रूप से ‘राजनीतिक सनक’ में लिए गए फैसलों का नतीजा है जिसके चलते एक के बाद एक 22 बांध खोले गए थे.

उन्होंने कहा कि बाढ़ की वजह से सिर्फ जनहानि ही नहीं होती बल्कि संपत्ति का भी नुकसान होता है और रोजगार के साधन भी खत्म होते हैं.

गौरतलब है कि सात चरण में होने वाले लोकसभा चुनावों का शंखनाद 11 अप्रैल से हो रहा है. अंतिम चरण का मतदान 19 मई को होगा और मतगणना 23 मई को होगी.

कांग्रेस की चुनौती: मोदी बताएं कि वह ‘न्याय’ योजना के पक्षधर या विरोधी

कांग्रेस ने ‘न्यूनतम आय योजना’ (न्याय) के तहत गरीब परिवारों को सालाना 72 हजार रुपये देने के चुनावी वादे को लेकर भाजपा के हमले पर पलटवार किया और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह स्पष्ट करना चाहिए कि क्या वह गरीबी पर वार करने वाले इस प्रस्तावित कदम के पक्षधर हैं या विरोधी.

पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह भी कहा कि 72 हजार रुपये परिवार की गृहणी के खाते में डाले जाएंगे तथा इसे लागू किए जाने के बाद मनरेगा अथवा किसी अन्य कल्याणकारी योजना को बंद नहीं किया जाएगा.

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘यह योजना महिला केंद्रित होगी. इसके तहत पैसा परिवार की गृहणी के खाते में जमा कराया जाएगा.’

सुरजेवाला ने कहा कि इस योजना से शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों को बराबर न्याय मिलेगा. उन्होंने यह भी कहा कि इस योजना के तहत सबसे गरीब, पांच करोड़ परिवारों को सालाना 72 हजार रुपये मिलेंगे.

उन्होंने कहा, ‘मोदी जी बताइए, आप न्याय के पक्षधर हैं या विरोधी? क्योंकि आपके मंत्री इसका विरोध कर रहे हैं.’

सुरजेवाला ने सवाल किया, ‘पाखण्ड का सहारा लेने वाले मोदी जी कुछ पूंजीपतियों को 3.17 लाख करोड़ रुपये दे सकते हैं, लेकिन गरीबों को 72 हजार रुपये देने में विरोध क्यों है?’

उन्होंने आरोप लगाया, ‘मोदी जी और भाजपा हमेशा गरीबों के खिलाफ खड़े रहे हैं. नरेंद्र मोदी, गरीब विरोधी.’

कांग्रेस की इस प्रस्तावित योजना की वित्त मंत्री अरूण जेटली द्वारा आलोचना किए जाने के बारे में सवाल पर उन्होंने कहा, ‘उनके बोगस ब्लॉग मंत्री जी मिथ्या प्रचार कर रहे हैं. हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि हम न्याय को लागू करने के साथ ही मनरेगा और दूसरी सभी कल्याणकारी योजनाओं को जारी रखेंगे.’

कांग्रेस के ‘न्याय’ के वादे की नीति आयोग द्वारा आलोचना किये जाने पर सुरजेवाला ने दावा किया कि नीति आयोग अब राजनीति आयोग बन गया है.

दरअसल, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव से पहले सोमवार को बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि उनकी पार्टी की सरकार बनने पर देश के 20 प्रतिशत सबसे गरीब परिवारों में से हर एक परिवार को सालाना 72 हजार रुपये दिए जाएंगे.

गांधी की घोषणा के बाद जेटली ने निशाना साधते हुए कहा था कि कांग्रेस ने हमेशा योजनाओं के नाम पर सिर्फ छल-कपट किया है. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस का इतिहास गरीबी हटाने के नाम पर सिर्फ राजनीतिक व्यवसाय करने का रहा है. कांग्रेस ने गरीबी हटाने के लिए कभी संसाधन नहीं दिए.

नोटबंदी से कालेधन वालों की मदद की मोदी ने: राहुल गांधी

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव दो विचारधाराओं की लड़ाई है. इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर नोटबंदी के जरिए काले धन वालों की मदद करने का आरोप भी लगाया.

सूरतगढ़ में पार्टी की जनसंकल्प रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो हिंदुस्तान बनाने की कोशिश कर रहे हैं जिसमें एक हिंदुस्तान अमीरों का और दूसरा गरीबों का होगा, लेकिन कांग्रेस ऐसा नहीं होने देगी.

उन्होंने कहा, ‘झंडा एक है तो देश भी एक ही होगा. हम दो हिंदुस्तान नहीं बनने देंगे.’

कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया कि उन्होंने नोटबंदी के जरिए कालेधन वालों की मदद की. उन्होंने कहा कि कांग्रेस केंद्र में सत्ता में आते ही देश के 20 प्रतिशत गरीब परिवारों की न्यूनतम मासिक आय 12000 रुपये सुनिश्चत करेगी. इसके लिये वह उनके खाते में 72 हजार रूपये सालाना डालेगी.

राहुल ने कहा कि देश में 25 करोड़ लोग आज भी गरीबी रेखा से नीचे हैं जो कि देश के लिए शर्म की बात है. उन्होंने देश के 20 प्रतिशत गरीब परिवारों को 72 हजार रूपये सालाना देने की पार्टी की घोषणा को देश में गरीबी पर ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ बताते हुए कहा कि कांग्रेस देश से गरीबी मिटाएगी. उन्होंने कहा, ‘अगर मोदी अमीरों को पैसा देते हैं तो कांग्रेस पार्टी गरीबों को पैसा देगी.’

नोटबंदी और जीएसटी को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए राहुल गांधी ने कहा कि नोटबंदी तथा जीएसटी जैसे कदमों से मोदी सरकार ने देश में बेरोजगारी बढ़ाई है. उन्होंने कहा कि मोदी ने नोटबंदी के जरिए कालेधन वालों की मदद की.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस किसानों की रक्षा और युवाओं को रोजगार देने पर ध्यान देगी. उन्होंने कहा, ‘हम गरीबों की बात करते हैं. हम न्याय चाहते हैं, हम दो हिंदुस्तान नहीं बनने देंगे.’

इससे पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने भी सभा को संबोधित किया. राहुल गांधी आज बूंदी में भी एक सभा को संबोधित करेंगे. इसके बाद वह जयपुर में कार्यकर्ता सम्मेलन में हिस्सा लेंगे.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)