वाराणसी: मोदी के ख़िलाफ़ चुनाव लड़ेंगे बीएसएफ से बर्ख़ास्त जवान तेज बहादुर यादव

तेज बहादुर यादव ने कहा कि मेरा उद्देश्य जीत या हार नहीं है. मेरा मक़सद लोगों के सामने यह लाना है कि किस तरह से इस सरकार ने सेनाओं, ख़ासकर अर्धसैनिक बलों को निराश किया है. पीएम मोदी हमारे जवानों के नाम पर वोट मांगते हैं लेकिन उनके लिए कुछ नहीं करते हैं.

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बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव (फोटो साभार: फेसबुक/तेज बहादुर यादव)

तेज बहादुर यादव ने कहा कि मेरा उद्देश्य जीत या हार नहीं है. मेरा मक़सद लोगों के सामने यह लाना है कि किस तरह से इस सरकार ने सेनाओं, ख़ासकर अर्धसैनिक बलों को निराश किया है. पीएम मोदी हमारे जवानों के नाम पर वोट मांगते हैं लेकिन उनके लिए कुछ नहीं करते हैं.

बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव (फोटो साभार: फेसबुक/तेज बहादुर यादव)
बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव (फोटो साभार: फेसबुक/तेज बहादुर यादव)

रेवाड़ी: बीएसएफ से बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी से चुनान लड़ने का ऐलान किया है. हरियाणा के रेवाड़ी निवासी तेज बहादुर ने शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत में इसकी घोषणा की.

नवभारत टाइम्स के अनुसार, इस दौरान प्रधाननमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलेत हुए तेज बहादुर ने कहा, ‘मोदी भ्रष्टाचार मुक्त भारत की बात तो करते हैं लेकिन जब उन्होंने बीएसएफ में घटिया खाना मिलने को लेकर आवाज उठाई तो उन्हें बर्खास्त कर दिया गया.’

उन्होंने कहा, ‘यही कारण है कि वह प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ वाराणसी से चुनाव लड़ेंगे और भ्रष्टाचार मुक्त भारत के मुद्दे पर प्रचार करेंगे.’

तेज बहादुर ने बताया, ‘वह कई महीनों से चुनाव की तैयारी कर रहे हैं. वाराणसी के एक हजार से अधिक लोग उनके संपर्क में हैं. उन्होंने बनारस की वोटर लिस्ट में नाम भी दर्ज करवा लिया है. वह जल्द ही अपनी टीम के साथ बनारस के लिए रवाना होंगे.’

इससे पहले गुरुवार को एक ट्वीट कर भी उन्होंने चुनाव लड़ने की अपनी मंशा जाहिर की थी और अपने प्रशंसकों से उनकी राय मांगी थी.

उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘जय हिंद, मैं सोच रहा हूं, क्यों ना बनारस से चुनाव लड़ा जाए, मोदीजी के खिलाफ…निर्दलीय. मैं किसी पार्टी की गुलामी तो कर नहीं सकता.’

हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, ‘तेज बहादुर ने दावा किया कि कई पार्टियों ने अपनी पार्टी में शामिल करने के लिए उनसे संपर्क किया लेकिन उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने का फैसला किया. उन्होंने कहा, चुनाव लड़कर वे सेनाओं में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाएंगे.’

उन्होंने कहा, ‘मेरा उद्देश्य जीत या हार नहीं है. मेरा मकसद लोगों के सामने यह लाना है कि किस तरह से इस सरकार ने सेनाओं, खासकर अर्धसैनिक बलों को निराश किया है. पीएम मोदी हमारे जवानों के नाम पर वोट मांगते हैं लेकिन उनके लिए कुछ नहीं करते हैं. हाल ही में पुलवामा में हमारे अर्धसैनिक जवान (सीआरपीएफ जवान) मारे गए लेकिन इस सरकार ने उन्हें शहीद का दर्जा तक नहीं दिया.’

उन्होंने कहा, ‘मैंने जो भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया था कम से कम सरकार को तो उस पर काम करना चाहिए था. मेरी आवाज़ को दबाने के लिए इसकी कार्रवाई से ही पता चलता है कि यह सरकार सेनाओं में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने वाली पार्टी है.’

बता दें कि तेज बहादुर ने बीएसएफ में मिल रहे खाने को घटिया बताते हुए वीडियो बनाए थे. सोशल मीडिया पर आने के बाद वे सभी वीडियो वायरल हो गए थे.

इसी वीडियो को लेकर तेज बहादुर सुर्खियों में आ गए थे. इस मामले पर काफी विवाद हुआ था. बाद में पीएमओ ने इस मामले का संज्ञान लिया था. वहीं, बीएसएफ ने अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए तेज बहादुर को बर्खास्त कर दिया था.

अपनी बर्खास्तगी को तेज बहादुर ने कोर्ट में चुनौती दी है जो कि अभी ट्रायल स्टेज में है. बता दें कि उत्तर प्रदेश के वाराणसी में 19 मई (आखिरी चरण) को चुनाव होगा.