निषाद पार्टी ने सपा-बसपा-रालोद गठबंधन का साथ छोड़ा, पार्टी प्रमुख योगी आदित्यनाथ से मिले

समाजवादी पार्टी ने गोरखपुर से राम भुवाल निषाद को बनाया अपना प्रत्याशी. निषाद पार्टी के मीडिया प्रमुख के मुताबिक, समाजवादी पार्टी से उत्तर प्रदेश की महराजगंज लोकसभा सीट को लेकर मतभेद था.

बीते शुक्रवार को लखनऊ में निषाद पार्टी के प्रमुख संजय निषाद ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की. (फोटो साभार: एएनआई)

समाजवादी पार्टी ने गोरखपुर से राम भुवाल निषाद को बनाया अपना प्रत्याशी. निषाद पार्टी के मीडिया प्रमुख के मुताबिक, समाजवादी पार्टी से उत्तर प्रदेश की महराजगंज लोकसभा सीट को लेकर मतभेद था.

बीते शुक्रवार को लखनऊ में निषाद पार्टी के प्रमुख संजय निषाद ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की. (फोटो साभार: एएनआई)
बीते शुक्रवार को लखनऊ में निषाद पार्टी के प्रमुख संजय निषाद ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की. (फोटो साभार: एएनआई)

गोरखपुर/लखनऊ: सपा-बसपा-रालोद गठबंधन में शामिल होने के महज़ तीन दिन बाद निषाद पार्टी शुक्रवार रात अचानक महागठबंधन से अलग हो गई और एक घंटे के अंदर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करके राजनीतिक गलियारों में नई बहस को जन्म दे दिया.

निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद और पार्टी के अन्य नेताओं की लखनऊ में शुक्रवार देर रात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के बाद किसी भी तरफ़ से कोई भी बयान सामने नहीं आया है.

सपा, बसपा और रालोद के गठबंधन को बड़ा झटका देते हुए शुक्रवार को निषाद पार्टी ने अपनी राहें जुदा करते हुए कहा कि वह अन्य विकल्पों पर विचार कर रहे हैं.

ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि निषाद पार्टी आसन्न लोकसभा चुनाव में भाजपा का दामन थाम सकती है.

गोरखपुर में निषाद पार्टी के मीडिया प्रमुख निक्की निषाद उर्फ रितेश निषाद ने कहा, ‘निषाद पार्टी और समाजवादी पार्टी के बीच महराजगंज लोकसभा सीट को लेकर मतभेद था, निषाद पार्टी इसे अपने चुनाव चिह्न पर लड़ना चाहती है जबकि समाजवादी पार्टी इसके लिये तैयार नहीं है.’

उन्होंने कहा कि निषाद पार्टी के कार्यकर्ता समाजवादी पार्टी के चुनाव चिह्न पर चुनाव लड़ने को तैयार नहीं थे और उन लोगों ने पार्टी से इस्तीफ़ा देना शुरू कर दिया था.

उन्होंने बताया, ‘हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद गुरुवार शाम को लखनऊ गए और उसके बाद यह स्पष्ट हो गया कि निषाद पार्टी अब इस गठबंधन का हिस्सा नहीं है.’

उनसे पूछा गया कि क्या सांसद प्रवीण निषाद ने भी समाजवादी पार्टी छोड़ दी है, इस पर उन्होंने कहा, ‘मुझे इस बारे में जानकारी नहीं है.’

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक पार्टी प्रमुख संजय निषाद ने बीते शुक्रवार को कहा था, ‘आज निषाद पार्टी ने एक फैसला ले लिया है. हम गठबंधन के साथ नहीं हैं. हम लोकसभा चुनाव स्वतंत्र रूप से लड़ सकते हैं और दूसरे विकल्पों पर भी विचार कर सकते हैं. पार्टी अब स्वतंत्र है.’

इस बारे में जब समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि उन्हें निषाद पार्टी के ऐसे किसी फैसले के बारे में कोई जानकारी नहीं है.

अभी तीन दिन पहले निषाद (निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल) पार्टी ने बीते 26 मार्च को लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस में घोषणा की थी कि वह प्रदेश में सपा, बसपा और रालोद गठबंधन का हिस्सा होगी.

निषाद पार्टी के प्रमुख संजय निषाद हैं और उनके पुत्र प्रवीण निषाद ने 2018 में सपा के टिकट पर गोरखपुर से लोकसभा उपचुनाव जीता था. यह जीत इसलिए मायने रखती थी क्योंकि यह सीट उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अपनी लोकसभा सीट थी और वह पहले कई बार इस सीट से सांसद रह चुके है.

निषाद पार्टी के सूत्रों ने बताया कि उनकी भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के साथ गोरखपुर समेत अन्य सीटों के बारे में बात हो रही है.

गोरखपुर से राम भुवाल निषाद होंगे सपा उम्मीदवार

निषाद पार्टी के महागठबंधन से अलग होने और योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करने के बाद समाजवादी पार्टी ने शनिवार को राम भुवाल निषाद को गोरखपुर से अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है.

पार्टी की ओर से जारी एक प्रेस रिलीज़ में इस बात की जानकारी दी गई है. राम भुवाल दो बार विधायक रह चुके हैं. पहली बार वह कौड़ीराम सीट से विधायक रहे और अभी वह गोरखपुर ग्रामीण विधानसभा सीट से विधायक हैं. साल 2007 में मायावती की सरकार में वह मत्स्य पालन मंत्री रह चुके हैं.

इसके अलावा सपा ने कानपुर सीट से रामकुमार को अपना प्रत्याशी बनाया है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)