शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा, ‘मैं भारी मन और बेहद दर्द के साथ आख़िरकार अपनी पुरानी पार्टी से विदा ले रहा हूं. भाजपा वन मैन शो और टू मैन आर्मी बन गई है.’
नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात के एक हफ्ते बाद बागी भाजपा नेता शत्रुघ्न सिन्हा शनिवार को लोकसभा चुनावों से ठीक पहले कांग्रेस में शामिल हो गए. बता दें कि आज भाजपा का स्थापना दिवस भी है.
उन्होंने कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल, मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला तथा कुछ अन्य नेताओं की मौजूदगी में शनिवार को पार्टी की सदस्यता ग्रहण की.
इससे पहले ट्वीट करते हुए सिन्हा ने कहा, ‘मैं 6 अप्रैल को भारी मन और बेहद दर्द के साथ आखिरकार अपनी पुरानी पार्टी से विदा ले रहा हूं, जिसके कारण हम सभी को अच्छी तरह से पता हैं. आज ही बीजेपी का स्थापना दिवस भी है.’
It's with a heavy heart and immense pain that I finally bid adieu to my old party, for reasons best known to all of us, on 6th April, which also happens to be the Sansthapna Diwas of BJP.
I don't hold any ill will for our people as they were like my family and I was groomed in— Shatrughan Sinha (@ShatruganSinha) April 6, 2019
उन्होंने कहा, ‘अपने लोगों के लिए मेरे मन में कोई बुरी भावना नहीं है क्योंकि वे मेरे परिवार की तरह थे और मुझे भारत रत्न नानाजी देशमुख, स्वर्गीय और महान पीएम अटल बिहारी वाजपेयी और हमारे दोस्त, फिलॉसफर, नेता, गुरु और मार्गदर्शक श्री लालकृष्ण आडवाणी के मार्गदर्शन में बेहतर बनाया गया.’
इसके साथ ही उन्होंने कहा, ‘मैं उन लोगों का भी जिक्र करना चाहूंगा जो उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे और जो अन्याय और लोकशाही को तानाशाही में बदलने के जिम्मेदार हैं. मैं इस वक्त (उन्हें) माफ करता हूं और भूल जाता हूं. पार्टी के कुछ मौजूदा लोगों और नीतियों से मेरे जो मतभेद हैं, उन्होंने मेरे पास पार्टी से रास्ते अलग करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं छोड़ा है.’
उन्होंने कहा, ‘उन्हें उम्मीद है कि कांग्रेस उन्हें एकता, समृद्धि, प्रगति, विकास और महिमा के मामले में लोगों, समाज और राष्ट्र की सेवा करने का अवसर प्रदान करेगी.’
एनडीटीवी के अनुसार कांग्रेस में शामिल होने के लिए शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा, ‘मैं सिर्फ और सिर्फ लालू प्रसाद यादव के कहने पर ही कांग्रेस में शामिल हुआ हूं. उन्होंने मुझे कहा कि आप जाओ और कांग्रेस पार्टी को मजबूत करो. मैं इसके लिए लालू यादव का धन्यवाद देता हूं.’
भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए शत्रुघ्न सिन्हा ने भारतीय जनता पार्टी पर आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी ‘वन मैन शो’ और ‘टू मैन आर्मी’ बन गई है.
उन्होंने कहा कि इस बार पटना साहिब से वह पिछली बार से ज्यादा वोटों से जीतेंगे. सिन्हा ने गत 28 मार्च को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की थी और उसी समय उनका पार्टी में शामिल होना लगभग तय हो गया था.
सिन्हा पिछले लोकसभा चुनाव में पटना साहिब से भाजपा के टिकट पर चुनाव जीते थे.
हालांकि, उन्होंने पिछले कुछ वर्षों से बागी रुख़ अख़्तियार कर रखा था.
पिछले दिनों भाजपा ने उनकी जगह कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद को पटना साहिब से अपना उम्मीदवार घोषित किया.
हाल के कुछ महीनों में सिन्हा ने कई मौकों पर कांग्रेस अध्यक्ष की तारीफ़ की थी. उन्होंने न्यूनतम आय योजना (न्याय) के कांग्रेस के चुनावी वादे को ‘मास्टर स्ट्रोक’ बताया था.
कांग्रेस में सिन्हा का स्वागत करते हुए वेणुगोपाल ने कहा, ‘सिन्हा एक बेहतरीन नेता हैं. पहले गलत पार्टी में थे, अब सही पार्टी में आए हैं. हम उनका स्वागत करते हैं. चुनाव में इससे वे ताक़तें और मज़बूत होंगी जो भारत की एकजुटता के लिए लड़ रही हैं.’
कांग्रेस के बिहार प्रभारी गोहिल ने कहा, ‘जब कोई झूठ बोलता है तो सिन्हा कहते हैं खामोश, लेकिन जब सच बोलने की बात आती है तो वह खामोश नहीं हो सकते हैं. वह स्टार प्रचारक के रूप में देश में घूमेंगे. इससे हमें फायदा होगा.’
रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, ‘वैचारिक, बौद्धिक और आध्यात्मिक रूप से सिन्हा का लगाव कांग्रेस की विचारधारा से रहा है. वह अपनी बेबाक शैली, सत्य बोलने, सत्ता को सच का आईना दिखाने के संकल्प, छोटों को स्नेह और अपने से बड़ों को आदर देने वाले व्यक्ति हैं.’
भाजपा में लोकतंत्र अब तानाशाही में बदल गया: शत्रुघ्न सिन्हा
भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए शत्रुघ्न सिन्हा ने शनिवार को दावा किया कि भाजपा में लोकतंत्र को तानाशाही बदल दिया गया जिसकी वजह से उन्हें इस पार्टी से अलग होना पड़ा.
सिन्हा यह भी कहा कि वह उस कांग्रेस में शामिल हुए हैं जिसका देश की आज़ादी में सबसे बड़ा योगदान है.
उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को देश का भविष्य क़रार देते हुए कहा कि गांधी एक बहुआयामी और दूरदर्शी नेता के तौर पर सामने आए हैं.
कांग्रेस में शामिल होने के बाद सिन्हा ने संवाददाताओं से कहा, ‘भाजपा में मेरी परवरिश हुई. धीरे-धीरे मैं आगे बढ़ता गया. बाद में परिवर्तन शुरू हुआ, लेकिन वह परिवर्तन अच्छा नहीं था. धीरे-धीरे भाजपा में लोकतंत्र तानाशाही में बदल गया.’
उन्होंने कहा कि बड़े महारथियों को मार्गदर्शकमंडल में डाल दिया जिसकी कोई बैठक नहीं हुई. यशवंत सिन्हा, मुरली मनोहर जोशी, सुमित्रा महाजन और अरुण शौरी के साथ क्या किया गया, सबको पता है.
सिन्हा ने कहा कि आज तक उनके ऊपर किसी तरह आरोप ख़ासकर भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा. इसके बावजूद उनसे दूरी बनाई गई.
नोटबंदी और जीएसटी को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘100 स्मार्ट सिटी का वादा किया लेकिन एक भी स्मार्ट नहीं दिखा सकते. मैंने देश हित की बात की थी. कभी राफेल या किसी दूसरे मामले में कमीशन नहीं मांगा. कोई डील नहीं की.’
उन्होंने दावा किया कि ‘वन मैन शो’ और ‘टू मैन आर्मी’ वालों के पैमाने पर जो खरा नहीं उतरा उसे किनारे लगा देते हैं. अब तो आडवाणी जी को भी ब्लॉग लिखना पड़ा.
सिन्हा ने कहा, ‘पूरे सम्मान के साथ कहना चाहूंगा कि प्रचार पर हज़ारों करोड़ रुपये खर्च करने की जगह अगर विकास पर ध्यान दिया होता बहुत कुछ हो जाता.’ उन्होंने कहा, ‘मैं राहुल जी से सहमत हूं कि नोटबंदी सबसे बड़ा घोटाला है.’ सिन्हा ने यह भी कहा कि उन्हें लालू प्रसाद का भी सहयोग मिला. मैं उनका आभारी हूं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)