नजमा दिल्ली की किसी केंद्रीय यूनिवर्सिटी की पहली महिला वाइस चांसलर हैं. वह इससे पहले एनआईईपीए में शैक्षणिक प्रशासन विभाग के प्रमुख के पद पर थीं.
नई दिल्लीः नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशनल प्लानिंग एंड एडमिनिस्ट्रेशन (एनआईईपीए) की प्रोफेसर नजमा अख़्तर को गुरुवार को जामिया मिलिया इस्लामिया की पहली महिला वाइस चांसलर नियुक्त किया गया है.
1920 में जामिया के गठन के बाद, नजमा इसकी पहली महिला वाइस चांसलर हैं.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, नजमा जामिया की 16वीं वाइस चांसलर और दिल्ली की किसी केंद्रीय यूनिवर्सिटी की पहली महिला वाइस चांसलर हैं. नजमा ने तलत अहमद की जगह ली है, जो अब कश्मीर यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर हैं.
जामिया के पीआरओ अहमद अज़ीम ने जारी बयान में कहा, ‘यह शैक्षणिक नेतृत्व के इतिहास में प्रगतिशील कदम है और जामिया मिलिया इस्लामिया के लिए गर्व का पल है. पूरे जेएमआई बिरादरी ने इस फैसले का गर्मजोशी से स्वागत किया है और पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया है.’
इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति जाकिर हुसैन, दिल्ली के पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग और इतिहासकार दिवंगत मुशीरुल हसन भी जामिया के वाइस चांसलर रह चुके हैं.
अख़्तर एनआईईपीए में शैक्षणिक प्रशासन विभाग के प्रमुख के पद पर थीं, जहां उन्होंने 15 वर्षों तक अपनी सेवाएं दीं.
नजमा अख़्तर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में कई विभिन्न महत्वपूर्ण वैधानिक पदों जैसे अकादमिक प्रोग्राम विभाग में कंट्रोलर ऑफ एग्जामिनेशन और निदेशक के पद पर रहते हुए प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों के मामलों का प्रबंधन भी किया.
उन्होंने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) में कई राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के डिस्टेंस एजुकेटर्स के लिए कैपेसिटी बिल्डिंग पाठ्यक्रमों की अगुवाई भी की है.
अख़्तर ने ब्रिटेन के यूनिवर्सिटी ऑफ वॉरविक और नॉटिंघम और पेरिस के आईआईईपी-यूनेस्को जैसे संस्थानों में शिक्षा हासिल की है.
उन्होंने यूनेस्को, यूनिसेफ, डानिडा (डैनिश इंटरनेशनल डेवलपमेंट एजेंसी) और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ काम किया है. एनआईईपीए के मुताबिक, वह अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से गोल्ड मेडेलिस्ट हैं और उन्होंने कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी से पीएचडी (एजुकेशन) की डिग्री ली है.
अज़ीम ने कहा, ‘उनके नेतृत्व में जेएमआई विस्तृत, समृद्ध और सुरक्षित होगा और साथ में सीखने का माहौल और बेहतर होगा, जिससे देश और विदेश के छात्र यहां का रुख करेंगे. नए नेतृत्व के तहत जामिया मिलिया इस्लामिया दुनिया के श्रेण विश्वविद्यालयों में से एक का दर्जा हासिल करने का प्रयास करेगा.’