झारखंड के गुमला ज़िले में गोहत्या के संदेह में भीड़ ने आदिवासियों पर हमला कर दिया था. इससे एक व्यक्ति की मौत हो गयी थी और तीन लोग घायल हो गए थे.
नई दिल्लीः झारखंड के गुमला जिले में गोहत्या के शक़ में आदिवासी समुदाय के एक शख्स की पीट-पीटकर हत्या करने और तीन अन्य के घायल होने के कुछ दिनों बाद शुक्रवार को पुलिस ने तीनों घायलों के खिलाफ ही एफआईआर दर्ज कर ली है.
लोगों को शक़ था कि ये लोग बैल को मारकर उसका मांस काट रहे थे.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, जुरमू गांव में बुधवार को अद्रानिस कुजूर नाम के एक शख्स के एक बैल की प्राकृतिक कारणों से मौत हो गई थी. लगभग 35 गांव वाले मरे हुए बैल का मांस काटने के लिए आए लेकिन जल्द ही रॉड और छड़ियों के साथ भीड़ मौके पर पहुंची. भीड़ ने कहा कि आदिवासी ग्रामीणों ने बैल को मारा है.
कुजूर ने बताया, ‘शाम को मुझे पता चला कि मेरी बैल की मौत हो गई है. वह बैल बहुत बूढ़ा हो गया था और बीते 20 सालों से मेरे साथ था. मैंने मृत बैल को अपने खेत में छोड़ दिया और गांव वालों को इस बारे में बताया. मैं उस समूह का हिस्सा नहीं था, जो इसे काटने गया था.’
भीड़ के हमले में कुछ लोग भागने में कामयाब रहे थे लेकिन प्रकाश लाकड़ा की लोगों ने पीट-पीटकर हत्या कर दी जबकि तीन घायल हो गए.
भीड़ के हिंसक हमले के बाद भीड़ चार लोगों को डुमरी पुलिस थाने ले गई. उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां लाकड़ा को मृत घोषित कर दिया गया.
एक अन्य शख्स ने बताया, ‘अचानक कुछ लोग आए और हमें रॉड और जो कुछ उनके हाथ में था, उससे बेरहमी से पीटने लगे और हमें इसका कारण भी नहीं पता था. लोग नारे लगा रहे थे और हम अपनी जिंदगी की भीख मांग रहे थे.’
छोटा नागपुर रेंज के डीआईजी ओमकर अमोल वेणुकांत ने बताया, ‘जैरागी से कुछ गांववाले छत्तीसगढ़ लौट रहे थे. उन्होंने कुछ लोगों को मरे हुए बैल का मांस काटते देखा. उन्होंने सोचा कि ये लोग बैल को मारकर उसका मांस काट रहे हैं. उन्होंने इन लोगों की पिटाई करनी शुरू कर दी. जैरागी के गांव वाले इन चारों लोगों को डुमरी पुलिस थाने ले आए जहां इनमें से एक की हालत बिगड़ गई और उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया.’
वेणुकांत ने कहा कि गांव वाले मरे हुए बैल का मांस काट रहे थे. शुक्रवार को मॉब लिंचिंग के आरोपियों की शिकायत के बाद पुलिस ने उनके खिलाफ पशुवध के मामले में एफआईआर दायर कर ली.
एमएल मीणा एडीजी (ऑपरेशंस) ने कहा, ‘हमने झारखंड गोजातिय पशुवध निषेध अधिनियम के तहत तीनों घायलों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है.’
मॉब लिंचिंग के मामले में सात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. ये सभी पड़ोस के जैरागी गांव के हैं, जिनमें महेंद्र साहू, शिवा साहू, जीवन साहू, संजय साहू, सत्येंद्र साहू, संतोष साहू और संदीप साहू हैं. इनमें से दो को गिरफ्तार कर लिया गया है.
मानवाधिकार संगठन झारखंड जनाधिकार मंच ने ट्वीट कर कहा कि हमारे प्रतिनिधि रविवार को मॉब लिंचिंग के दो पीड़ितों से मिले.
संगठन ने कहा, ‘भीड़ आदिवासियों को पीटते समय जय श्री राम और जय हनुमान के नारे लगा रही थी. हमलावरों ने आदिवासियों की और भी ज्यादा पिटाई की क्योंकि वे उनके साथ नारे नहीं लगा रहे थे. पुलिस ने पीड़ितों को अस्पताल ले जाने से पहले उन्हें रात के समय खुले आसमान में इंतजार कराया.’