जेएनयू के एमएससी बायोटेक्नोलॉजी के प्रथम वर्ष के छात्र नजीब अहमद 15 अक्टूबर 2016 को जेएनयू कैंपस से लापता हो गए थे. तब से उनका कुछ पता नहीं चल सका है.
नई दिल्लीः दिल्ली की एक अदालत ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्र नजीब अहमद के लापता होने के मामले में जांच बंद करने की रिपोर्ट संबंधी सभी बयान और दस्तावेजों की प्रतियां दो सप्ताह के भीतर उनकी मां को मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं.
मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट नवीन कुमार कश्यप ने सीबीआई को निर्देश दिया है कि वह नजीब की मां को क्लोजर रिपोर्ट की हार्ड कॉपी दें या इन्हें इलेक्ट्रॉनिक प्रारूप में मुहैया कराएं.
मामले में जांच करने वाले अधिकारियों को सात मई को निजी तौर पर पेश होने के लिए भी कहा है.
इस मामले में सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट के ख़िलाफ़ नजीब अहमद की मां फातिमा नफीस की ओर से दायर की गई याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने यह आदेश दिया.
नजीब अहमद की मां की ओर से पेश वकील ने दलील दी कि उन्हें गवाहों के बयान मुहैया नहीं कराए गए.
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इन दस्तावेज़ों में फोन कॉल रिकॉर्ड, गवाहों के बयान और अन्य दस्तावेज शामिल हैं. सीबीआई पहले इन दस्तावेजों को फातिमा को मुहैया कराने से इनकार कर चुकी है. 28 मार्च को सीबीआई ने कहा था कि इन दस्तावेजों को मुहैया कराने का कानून में कोई प्रावधान नहीं है.
नजीब अहमद के छोटे भाई हसीब अहमद ने कहा, ‘नजीब के लापता होने के बाद से यह पहली उम्मीदों भरी ख़बर है, जो हमें मिली है. अब हमें उम्मीद है कि मेरा भाई जल्द वापस आएगा और उसकी गुमुशुदगी के जिम्मेदार लोग सलाखों के पीछे होंगे.’
नजीब की मां फातिमा ख़राब स्वास्थ्य की वजह से सुनवाई के दौरान पेश नहीं हो ससकीं.
गौरतलब है कि जेएनयू के एमएससी बायोटेक्नोलॉजी के प्रथम वर्ष के छात्र नजीब अहमद 15 अक्टूबर 2016 को जेएनयू कैंपस से लापता हो गए थे. इससे एक दिन पहले ही नजीब की एबीवीपी के कुछ कार्यकर्ताओं के साथ कथित तौर पर झड़प हुई थी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)