कश्मीरी युवक को मानव ढाल बनाने वाले मेजर गोगोई की वरिष्ठता में कमी, घाटी से बाहर भेजा जाएगा

श्रीनगर की एक स्थानीय महिला से दोस्ती रखने के दोषी मेजर लीतुल गोगोई के कोर्ट मार्शल की प्रक्रिया इस साल मार्च में पूरी हुई थी. 2017 में एक युवक को सेना की जीप के बोनट पर बांधकर घुमाने की वजह से गोगोई विवादों में आए थे.

लीतुल गोगोई (फोटो: पीटीआई)

श्रीनगर की एक स्थानीय महिला से दोस्ती रखने के दोषी मेजर लीतुल गोगोई के कोर्ट मार्शल की प्रक्रिया इस साल मार्च में पूरी हुई थी. 2017 में एक युवक को सेना की जीप के बोनट पर बांधकर घुमाने की वजह से गोगोई विवादों में आए थे.

लीतुल गोगोई (फोटो: पीटीआई)
लीतुल गोगोई (फोटो: पीटीआई)

श्रीनगर: साल 2017 में ‘मानव ढाल विवाद’ को लेकर चर्चा में आए मेजर लीतुल गोगोई को वरिष्ठता में कटौती का सामना करना पड़ेगा और उन्हें कश्मीर घाटी से बाहर भेजा जाएगा क्योंकि सेना मुख्यालय ने उनके एक स्थानीय महिला से दोस्ती करने के मामले में कार्रवाई की पुष्टि कर दी है. अधिकारियों ने यह जानकारी रविवार को दी.

सेना के सूत्रों के मुताबिक, गोगोई को कड़ी फटकार के साथ केवल पेंशन के लिए उनकी वरिष्ठता में 6 महीने की कटौती की गई है.  इसके अलावा उन पर लगे डीवी प्रतिबंध को हटा लिया गया है. साथ ही उन्हें नॉर्मल पोस्टिंग के तहत कश्मीर घाटी से बाहर तैनात किया जाएगा.

गौरतलब है कि उन्हें आरआर यूनिट में मार्च 2016 में पोस्टिंग मिली थी और अक्टूबर 2018 के बाद से उन्हें इन्क्वायरी और कार्रवाई के लिए भी फोर्स में तैनात किया गया था.

सेना के अधिकारियों ने कहा कि कोर्ट मार्शल में गोगोई और उनके चालक समीर मल्ला को दो आरोपों-निर्देशों के विपरीत एक स्थानीय महिला से दोस्ती करने और ‘अभियान क्षेत्र में रहने के दौरान अपनी ड्यूटी की जगह से दूर रहने’ में दोषी पाया था.

मल्ला की यूनिट के कंपनी कमांडर को उन पर कार्रवाई करने पर फैसला लेने के लिए अधिकृत किया गया है जिसमें उसे कड़ी फटकार लगाई जा सकती है. मल्ला पर अनधिकृत रूप से अनुपस्थित रहने का आरोप था. वर्ष 2017 में मल्ला प्रादेशिक सेना में भर्ती हुआ था और वह जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद रोधी अभियान में शामिल राष्ट्रीय राइफल्स के 53 सेक्टर में तैनात था.

अधिकारियों ने बताया कि कोर्ट मार्शल की प्रक्रिया की सेना मुख्यालय ने पुष्टि की जिसके बाद गोगोई को कश्मीर घाटी से बाहर भेजने का फैसला किया गया. उन्होंने बताया कि अंतिम आदेश बिल्कुल हाल में प्राप्त हुए.

अधिकारियों ने बताया कि फरवरी की शुरुआत में मेजर गोगोई और उनके चालक के खिलाफ ‘समरी ऑफ एवीडेंस’ के पूरा होने के बाद कोर्ट मार्शल की प्रक्रिया शुरू हुई थी. उन्होंने बताया कि सैन्य अदालत ने दोनों आरोपियों तथा गवाहों के बयान दर्ज किए थे और कार्रवाई की है जिसकी विवेचना सेना मुख्यालय ने की है.

मेजर गोगोई और उनके चालक को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पिछले साल 23 मई को तब पकड़ा था जब उनका होटल स्टाफ से विवाद हो गया था. गोगोई 18 वर्षीय एक महिला के साथ होटल में कथित प्रवेश की कोशिश कर रहे थे और इसी बात को लेकर होटल के कर्मचारियों से उनका झगड़ा हुआ था.

महिला ने कोर्ट मार्शल की प्रक्रिया के दौरान गवाही देने के प्रति अनिच्छा जताई थी और सेना के अधिकारियों को सूचित किया था कि उसने मैजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दिया था तथा इसे ही उसका अंतिम रुख माना जाए.

महिला ने यह भी कहा था कि वह मेजर गोगाई के साथ अपनी मर्जी से गई थी. महिला ने खुलासा किया था कि वह सेना अधिकारी के उबैद अरमान नाम से बने उनके फर्जी फेसबुक प्रोफाइल के जरिए उनकी दोस्त बनी थी.

आर्मी कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी (सीओआई) ने पिछले साल 23 मई को श्रीनगर के एक होटल में हुई घटना में मेजर गोगोई और उनके चालक को दोषी ठहराने के बाद मेजर के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा की थी.

मालूम हो कि साल 2017 में 9 अप्रैल को श्रीनगर-बडगाम संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के उपचुनाव के दौरान मेजर लीतुल गोगाई ने अपनी जीप के आगे फ़ारूक़ अहमद डार को मानव ढाल के तौर पर बांधकर तकरीबन 28 गांवों में घुमाया था.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)