नेपाल के सर्वोच्च न्यायालय ने संसद की ओर से लाए गए महाभियोग प्रस्ताव पर रोक लगाई.
नेपाल के सर्वोच्च न्यायालय ने देश की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की की बहाली का आदेश दिया और संसद को निर्देश दिया कि वह उनके ख़िलाफ़ लाए गए महाभियोग प्रस्ताव को स्थगित करे.
न्यायालय के आदेश के कुछ घंटों बाद प्रधान न्यायाधीश सुशीला ने पदभार फिर से संभाल लिया. न्यायमूर्ति सीएस राणा ने शुक्रवार को आदेश जारी करते हुए कहा कि महाभियोग का क़दम नेपाल के संविधान की मूलभावना के ख़िलाफ़ था.
उनका आदेश सुशीला कार्की के ख़िलाफ़ महाभियोग प्रस्ताव को चुनौती देते हुए दायर रिट याचिका पर आया है. संसद में महाभियोग प्रस्ताव पंजीकृत होने के बाद न्यायमूर्ति सुशीला कार्की को निलंबित कर दिया गया था.
सुशीला कार्की के ख़िलाफ़ लाए गए महाभियोग प्रस्ताव में प्रशासकों के काम में ‘हस्तक्षेप’ करने और ‘पक्षपातपूर्ण’ फैसला देने का आरोप उन पर लगाया गया था.
इस प्रस्ताव के बाद सरकार को समर्थन दे रही राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी (आरपीपी) ने गठबंधन तोड़ लिया था. गठबंधन सरकार में आरपीपी चौथा बड़ा दल है. 593 सदस्यों वाली संसद में इसके 37 सदस्य शामिल हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)