पिछले साल विस्थापन एवं मानव तस्करी के विरूद्ध जागरूकता फैलाने के अभियान के तहत पांच महिलाएं झारखंड के खूंटी ज़िले के कोचांग गांव गई थीं. आरसी मिशन स्कूल से उनका अपहरण कर उनके सामूहिक बलात्कार किया गया था.
खूंटीः झारखंड के खूंटी ज़िले में एक ग़ैर सरकारी संगठन की पांच आदिवासी महिला कार्यकर्ताओं के साथ सामूहिक बलात्कार के मामले में जिला एवं सत्र अदालत ने फादर अल्फोंसो सहित सभी छह दोषियों को शुक्रवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.
अदालत ने सात मई को सभी छह आरोपियों को दोषी क़रार देते हुए सजा पर 17 मई को सुनवाई की तारीख तय की थी. इस मामले में कुल आठ लोगों को अभियुक्त बनाया गया था, जिसमें से एक अभियुक्त नोएल सांडी पूर्ति अभी भी फरार है जबकि एक नाबालिग को जुवेनाइल कोर्ट भेज दिया गया है.
Khunti gangrape case: Six convicts in the case including Father Alfonso Aind have been sentenced to life imprisonment by a district court. #Jharkhand pic.twitter.com/KtM818FGYU
— ANI (@ANI) May 17, 2019
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, सभी दोषियों को अलग-अलग मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. मामले में बाजी समद उर्फ टकला को मुख्य आरोपी माना गया जबकि फादर अल्फोंसो पर मामला दबाने और साजिश को छिपाने का आरोपी माना गया.
जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम राजेश कुमार की अदालत में जिन दोषियों को सजा सुनाई, उनमें फादर अल्फोंसो आईंद, जॉन जुनास तिडू, बलराम समद, जुनास मुंडा, बाजी समद उर्फ टकला और अयूब सांडी पूर्ति शामिल है. इसके साथ ही एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया. जुर्माने की राशि नहीं देने पर दो साल अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. इस मामले में 19 लाेगाें की गवाही हुई और अदालत ने 11 महीने के भीतर फैसला सुना दिया.
अदालत के मुताबिक, यह राशि पीड़ितों को दी जाएगी.
गौरतलब है कि पिछले साल 19 जून को विस्थापन एवं मानव तस्करी के विरुद्ध जागरूकता फैलाने के अभियान के तहत पांच महिलाएं खूंटी ज़िले के कोचांग गांव गई थीं. उनका आरसी मिशन स्कूल से कथित तौर पर अपहरण कर लिया गया और बाद में बंदूक का भय दिखाकर उनके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया. फादर पर आरोप था कि उन्होंने घटना की जानकारी पुलिस को नहीं दी जबकि उनके स्कूल परिसर से ही महिलाओं और युवतियों का हथियार के बल पर अगवा कर ले जाया गया था.
इस संबंध में दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, पीड़िताओं को रोंगटे खड़े कर देने वाले खौफनाक हालात से गुजरना पड़ा था. नुक्कड़ नाटक में शामिल पुरुष सदस्यों को पेशाब पीने तक के लिए मजबूर किया गया था, जबकि युवतियों से बेहद ही अमानवीय सलूक किया गया था. उनकी तस्वीरें उतारी जाती रही तथा वीडियो भी बनाया गया था.