इस हफ़्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, नगालैंड और त्रिपुरा के प्रमुख समाचार.
गंगटोक: सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) के प्रतिनिधिमंडल ने अपने अध्यक्ष प्रेम सिंह तमांग उर्फ गोले के नेतृत्व में शनिवार को राज्यपाल गंगा प्रसाद से मुलाकात की और राज्य में अगली सरकार बनाने का दावा पेश किया. हालांकि, एसकेएम नेताओं ने विधायक दल के नेता के नाम को लेकर चुप्पी साधे रखी.
एसकेएम की स्थापना साल 2013 में हुई थी और उसने 32 सदस्यीय सिक्किम विधानसभा में 17 सीटें जीतते हुए बहुमत हासिल किया. सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंड (एसडीएफ) ने 15 सीटों पर जीत दर्ज की है.
32 सदस्यीय सिक्किम विधानसभा में बहुमत के लिए 16 सीटें चाहिए होती हैं.
राज्यपाल से मुलाकात करने के बाद राज भवन परिसर में मीडिया से बात करते हुए गोले ने कहा कि उनकी पार्टी ने प्रसाद से एसकेएम को सिक्किम में अगली सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करने का अनुरोध किया.
यह पूछे जाने पर कि मुख्यमंत्री कौन बनेगा, उन्होंने कहा कि इसके बारे में जल्द ही फैसला लिया जाएगा.
एसकेएम सूत्रों ने बताया कि उनके विधायक दल ने मुख्यमंत्री के मुद्दे पर फैसले लेने का जिम्मा गोले को सौंपा है. सूत्रों ने बताया कि गोले ने चुनाव नहीं लड़ा, लेकिन पार्टी रैंक उन्हें अगला मुख्यमंत्री बनाना चाहती है.
बताया जा रहा है कि राज्यपाल मुख्यमंत्री की शपथ लेने के लिए गोले को आमंत्रित करने प्रभावों के बारे में कानूनी विशेषज्ञों की राय ले रहे हैं.
गोले को भ्रष्टाचार के एक मामले में एक साल की जेल की सजा सुनाई गई थी और उन्होंने जेल की सजा काटी थी. उन्हें 2017 में विधायक पद से अयोग्य भी घोषित किया गया था.
एसकेएम ने पांच बार मुख्यमंत्री रहे पवन कुमार चामलिंग के नेतृत्व वाली सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) को सत्ता से बाहर किया.
24 साल बाद पवन चामलिंग का दौर ख़त्म, विपक्षी नेता की भूमिका निभाने के लिए तैयार
24 साल तक सिक्किम के मुख्यमंत्री रहे पवन कुमार चामलिंग ने 25 मई को कहा कि वह जनादेश का सम्मान करते हैं और विपक्षी नेता की भूमिका निभाने को तैयार हैं.
चामलिंग 12 दिसंबर 1994 से राज्य के मुख्यमंत्री पद पर काबिज थे. हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट को सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) के हाथों हार का सामना करना पड़ा था.
चामलिंग ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा, ‘मैं लोकतंत्र का सिपाही हूं. लोग जहां भी मुझे रखेंगे, मैं वहां रहूंगा. इस बार वह मुझे विपक्ष में रखना चाहते हैं और मैं इस आदेश का सम्मान करता हूं.’
पवन कुमार चामलिंग ने विधानसभा चुनावों में स्पष्ट बहुमत प्राप्त करने पर बीते 24 मई को प्रतिद्वंद्वी सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) को बधाई दी और राज्य की जनता को धन्यवाद दिया था.
चामलिंग ने फेसबुक पर लिखा था, ‘सिक्किम के मेरे प्रियजनों लगातार पांच बार आपकी सेवा करने का अवसर देने पर मैं आपको धन्यवाद देता हूं और आभार प्रकट करता हूं.’
उन्होंने कहा था, ‘मैं इस बार जनादेश प्राप्त करने पर सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) पार्टी और इसके नेतृत्व को बधाई देता हूं. मैं आशा करता हूं कि यह जनता की सरकार होगी और उनकी आशाओं एवं आकांक्षाओं को पूरा करेगी.’
चामलिंग ने अपनी सरकार के कामकाज पर संतोष जताया और कहा था कि सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) ने सिक्किम की जनता के कल्याण के लिए पूरे दिल से काम किया है.
अरुणाचल प्रदेश: अज्ञात हमलावरों द्वारा मार दिए गए विधायक अबोह को भी मिली जीत
ईटानगरः अरुणाचल प्रदेश के खोंसा पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से नेशनल पीपुल्स पार्टी के प्रत्याशी तिरोंग अबोह चुनाव जीत गए हैं. उनकी हत्या अज्ञात हमलावरों ने बीते 21 मई को कर दी थी. हत्या के पीछे एनएससीएन के उग्रवादियों का हाथ होने की आशंक जताई गई है.
तिरप जिले के 12 माइल क्षेत्र में अबोह की हत्या 10 अन्य लोगों के साथ कर दी गई थी. इस हमले में मरने वालों में अबोह के बेटे भी शामिल थे. चुनाव आयोग के परिणाम के अनुसार अबोह ने भाजपा के उम्मीदवार फवांग लोवांग को 1,055 वोटों से हराया.
अबोह की वजह से ही एनपीपी पहली बार अरुणाचल प्रदेश के चुनावी परिदृश्य में शामिल हुई लेकिन अबोह की जीत बस कम ही समय के लिए है क्योंकि चुनाव आयोग शीघ्र ही इस सीट पर उपचुनाव की घोषणा करेगा.
गौरतलब है कि अरुणाचल प्रदेश के तिरप जिले में एनएससीएन (आईएम) के अज्ञात हमलावरों ने नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के विधायक तिरोंग अबोह, उनके बेटे, दो सुरक्षाकर्मियों सहित 11 लोगों की मंगलवार को गोली मारकर हत्या कर दी थी.
41 वर्षीय अबोह (41) ने अरुणाचल प्रदेश के तिरप जिले की खोंसा पश्चिम विधानसभा सीट से 2014 में जीत दर्ज की थी और वह नेशनल पीपल्स पार्टी (एनपीपी) के टिकट पर इस बार भी चुनाव लड़ रहे थे.
जब हमला हुआ तब अबो असम से अपने विधानसभा क्षेत्र खोंसा पश्चिम लौट रहे थे. हमला तिरप ज़िले के बोगापानी गांव के पास हुआ था. डिब्रूगढ़ के दिनजान में रक्षा सूत्रों ने हत्याकांड में उग्रवादी संगठन एनएससीएन (आईएम) की संलिप्तता की पुष्टि की है और कहा कि हमले में 10-15 आतंकवादी शामिल थे.
तिरप जिले में हाल फिलहाल में यह दूसरी ऐसी घटना है. इससे पहले मार्च में एनएससीएन (आईएम) के आतंकवादियों ने अबोह के दो समर्थकों की हत्या कर दी थी.
अरुणाचल प्रदेश: विधानसभा चुनाव में भाजपा को 60 में से 41 सीट मिलीं
ईटानगर: अरुणाचल प्रदेश की 60 सदस्यीय विधानसभा के लिए हुए चुनाव में भाजपा को 41 सीट मिली हैं. बीते 25 मई को घोषित अंतिम चुनाव परिणाम के मुताबिक पार्टी ने तीन सीटों पर निर्विरोध और 38 सीटों पर मतदान के बाद जीत हासिल की है.
केंद्र में राजग के सहयोगी दल जद (यू) को सात, नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) को पांच, कांग्रेस को चार, पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल को एक तथा निर्दलीयों को दो सीट मिली हैं.
Thank you people of Arunachal for your trust in @BJP4Arunachal and voting back the party. We have together made history by electing the first @BJP4India govt in Arunachal with total seat of 41. Congratulations to all! With double engine ka sarkar, good days are ahead! pic.twitter.com/bgXlLoTlx8
— Pema Khandu པདྨ་མཁའ་འགྲོ་། (@PemaKhanduBJP) May 25, 2019
अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार को अपर सुबनसिरि जिले की दापोरिजो, दुम्पोरिजो और रागा सीटों पर गिनती में देरी हुई. दापोरिजो सीट पर 25 मई की सुबह घोषित परिणाम में भाजपा के तानिकी सोकी ने कांग्रेस के तोगाम तमिम को हराया.
विधानसभा चुनाव जीतने वाले प्रमुख भाजपा नेताओं में मुक्तो सीट से मुख्यमंत्री पेमा खांडू, चोवखाम सीट से उपमुख्यमंत्री चोवना मेन और मिआओ सीट से मंत्री कामलुंग मोसांग शामिल हैं.
अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने उनकी सरकार की नीतियों और प्रदर्शन में भरोसा बनाए रखने और हाल ही में विधानसभा चुनाव में भाजपा के 41 विधायकों को चुनने के लिए राज्य के लोगों का आभार जताया.
खांडू ने बीते 25 मई को ईटानगर में एक बयान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों को मजबूत करते हुए भारी अंतर से दो भाजपा सांसदों को चुनने के लिए भी लोगों का आभार जताया.
उन्होंने कहा, ‘यह नरेंद्र मोदी का सुशासन और नीतियां हैं जिसने हमारे लोगों के विचारों को प्रज्ज्वलित किया और ‘फिर एक बार मोदी सरकार’ के लिए वोट किया.’
सिर्फ तीन महिला उम्मीदवारों की जीत: अरुणाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में मतदाताओं की संख्या के मामले में भले ही महिलाओं ने पुरुषों को पीछे छोड़ दिया हो, लेकिन 60 सदस्यीय विधानसभा के लिये सिर्फ तीन महिलाएं ही चुनी जा सकी हैं.
इस संबंध में एक चुनाव अधिकारी ने कहा कि इस बार राज्य के कुल 7,94,162 मतदाताओं में 4,01,601 महिलाएं तथा 3,92,561 पुरुष थे.
इस बार 11 महिलाओं ने चुनाव लड़ा, जबकि 2014 में सात महिलाएं चुनाव मैदान में थीं.
इस बार चुनाव जीतकर आईं तीनों महिलाएं सत्तारूढ़ भाजपा से हैं. इनमें से दो महिलाओं ने लगातार दूसरी बार चुनाव जीता है.
चुनाव जीतने वालों में दामबुक से मौजूदा विधायक गम तयेंग, पूर्व मुख्यमंत्री कलिखो पुल की पत्नी दसांगलू पुल और पहली बार चुनाव जीतने वाली जुम्मन एटे देवरी शामिल हैं.
असमः भाजपा ने अपने प्रदर्शन में किया सुधार, सीटों पर जीत दर्ज की
गुवाहाटी: लोकसभा चुनाव में पूरे देश में बहुत बड़ी ताकत के रूप में उभरी भाजपा ने असम में कुल 14 में से नौ सीटें जीतकर न केवल अपनी सीटें बढ़ाईं बल्कि जीत के अंतर को भी बढ़ाया है.
Euphoric scenes from @BJP4Assam HQ in Guwahati, as I joined Assam Pradesh President Shri @RanjeetkrDass along with our hardworking karyakartas to celebrate our historic victory in #LokSabhaElections2019.
Here's to PM Shri @narendramodi ji and for a #VijayiBharat. pic.twitter.com/O4ZQVijCGT
— Sarbananda Sonowal (@sarbanandsonwal) May 23, 2019
राज्य में कांग्रेस ने तीन सीटों पर जीत हासिल की. हालांकि, वह दो सीटें हार गई लेकिन उनके स्थान पर दो अन्य सीटें जीत गईं. ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के खाते में एक सीट गई. वह एक-एक सीट क्रमश: कांग्रेस और भाजपा के हाथों हार गई. एक निर्दलीय सांसद ने भी अपनी सीट बचा ली.
भाजपा दस सीटों पर चुनाव लड़ी. उसने छह सीटें बरकरार रखीं, तीन सीटें दूसरे दलों से झटक ली और वह एक सीट नौगोंग कांग्रेस के हाथों हार गई. उसने अपनी सहयोगी असम गण परिषद (अगप) और बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ) के लिए क्रमश: तीन और एक सीट छोड़ी थी लेकिन वे जीत नहीं पाईं.
पिछली लोकसभा में राज्य की सात सीटें जीतने वाली भाजपा ने इस बार दो निवर्तमान सांसदों को टिकट दिया था जबकि पांच अन्य सीटों पर उसने ननए उम्मीदवार उतारे थे. इन पांचों में एक को छोड़कर बाकी चार विजयी रहे.
कांग्रेस ने कलियाबोर सीट बरकरार रखी है लेकिन सिलचर और स्वशासी जिला भाजपा के हाथों गंवा बैठी. कांग्रेस ने नौगोंग सीट भाजपा से और बरपेटा सीट एआईयूडीएफ से हथिया ली.
लोकसभा चुनाव जीतने वाले भाजपा उम्मीदवार लखीमपुर, डिब्रूगढ़, स्वशासी जिला, गौहाटी, मंगलदोई, तेजपुर, कलियाबोर,बरपेटा में जीत का अंतर उल्लेखनीय रूप से तथा सिलचर में मामूली रूप से बढ़ाने में कामयाब रहे.
भगवा पार्टी ने डिब्रूगढ़ में भी शानदार जीत हासिल की, जहां से उसके मौजूदा सांसद रामेश्वर तेली ने कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री पबन सिंह घाटोवार को सबसे अधिक 3,46,083 मतों के अंतर से हराया.
लखीमपुर में, भाजपा सांसद प्रदान बरुआ ने कांग्रेस के उम्मीदवार अनिल बोरगोहेन को 3,50,551 वोटों से हराया. जीत का यह दूसरा सबसे बड़ा अंतर है.
प्रतिष्ठित गौहाटी सीट पर, भाजपा की क्वीन ओजा और गुवाहाटी की पूर्व मेयर ने कांग्रेस उम्मीदवार बबीता शर्मा को 3,45,606 मतों से हराया. उन्होंने पार्टी की जीत का अंतर बढ़ाया है.
पिछले आम चुनाव में भाजपा की विजया चक्रवर्ती 3,15,784 वोटों के अंतर से जीती थीं.
मंगलदोई में भाजपा के दिलीप सैकिया ने कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य भुवनेश्वर कलिता को 1,38,545 वोटों के अंतर से हराया. पिछली बार भाजपा सांसद रमन डेका 22,884 मतों के अंतर से जीते थे.
तेजपुर में राज्य के श्रम मंत्री पल्लब लोचन दास ने कांग्रेस के उम्मीदवार एमजीवीके भानु को 2,42,841 मतों से हराया. पिछली बार सांसद आर पी शर्मा 86,020 वोटों के अंतर विजयी रहे थे.
भगवा पार्टी ने स्वशासी जिला (सु) में भी जीत हासिल कर सबको चौंकाया. भाजपा उम्मीदवार होरेन सिंह बे ने तीन बार के कांग्रेस सांसद बीरेन सिंह एंगती को 2,39,626 मतों से हराया.
भाजपा के राजदीप राय ने कांग्रेस की महिला शाखा की प्रमुख सुष्मिता देव को 81,596 वोटों के अंतर से हराकर सिलचर सीट छीन ली.
कांग्रेस ने 2014 में यह सीट 35,241 वोटों से जीती थी. कांग्रेस के विजयी उम्मीदवारों में निवर्तमान सांसद गौरव गोगोई ने कलियाबोर में अगप के मोनिमाधब महंत को 2,09,994 से हराया.
अरुणाचल प्रदेश: असम राइफल्स और तटरक्षक बल ने संबद्धता चार्टर पर हस्ताक्षर किया
शिलॉन्ग: असम राइफल्स और भारतीय तटरक्षक बल ने अभियान प्रशिक्षण, खेल और साहसिक कार्य के लिए एक-दूसरे की संपत्ति का इस्तेमाल करने के वास्ते एक संबद्धता चार्टर (चार्टर ऑफ एफिलिएशन) पर बीते 22 मई को हस्ताक्षर किया.
असम राइफल्स के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल सुखदीप सांगवान और भारतीय तटरक्षक के महानिदेशक राजेंद्र सिंह ने अपने संबंधित बलों का प्रतिनिधित्व करते हुए शिलॉन्ग स्थित असम राइफल (एआर) मुख्यालय में संबद्धता चार्टर पर हस्ताक्षर किया.
अर्द्धसैनिक बलों के बीच पहली संबद्धता वाले ऐतिहासिक चार्टर पर हस्ताक्षर के बाद सांगवान ने कहा, ‘असम राइफल्स की तीसरी (नगा हिल्स) बटालियन और भारतीय तट रक्षक जहाज ‘शौर्य’ के बीच संबद्धता समझौता हुआ है.’
उन्होंने कहा कि इस पहल से अभियान प्रकृति की व्यापक समझ, एक-दूसरे से सर्वश्रेष्ठ कार्यप्रणाली का आदान-प्रदान, सौहार्द बनाना, प्रशिक्षण, खेल और साहसिक कार्य के लिए एक-दूसरे की संपत्ति का इस्तेमाल करने की सुविधा मिलेगी.
असम: गायक ज़ुबिन ने प्रतिबंधित संगठन उल्फा-आई को पत्र लिखकर शांति की अपील की
गुवाहाटी: असमिया गायक ज़ुबिन गर्ग ने प्रतिबंधित संगठन उल्फा-आई को एक खुला पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने शांति का आह्वान किया है. उन्होंने कहा कि निर्दोष लोगों की हत्या से कुछ भी हासिल नहीं होगा.
विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर खुलकर बोलने वाले इस गायक-अभिनेता-निर्माता ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि भय पैदा करने से राष्ट्र का निर्माण नहीं हो सकता है, बल्कि मेहनत और कड़ा परिश्रम करने से ही यह साकार हो सकता है.
ज़ुबिन ने इस पोस्ट में कहा, ‘उल्फा से कहना चाहता हूं, मुझे एक क्रांति की आवश्यकता है. मुझे बदलाव की क्रांति की आवश्यकता है. निर्दोष लोगों को मारने से कुछ भी हासिल नहीं होगा. भय किसी राष्ट्र का निर्माण नहीं कर सकता. श्रम कर सकता है. कठिन परिश्रम कर सकता है.’
उन्होंने कहा कि आतंकवाद उन अधिकारों को कोई मायने नहीं दे सकता, जिसके लिए परेश बरुआ के नेतृत्व वाला संगठन लड़ रहा है. उन्होंने कहा कि यह काम शिक्षा कर सकती है, विकास कर सकता है, प्रगति कर सकती है.
फिल्म गैंगस्टर के या अली रहम अली… सहित बॉलीवुड में कई सुपरहिट गाने देने वाले इस गायक ने कहा, ‘हमारे बच्चों को सिखाएं कि कैसे खेती करें. उन्हें अभाव में भी बीज उगाना सिखाएं. उन्हें अपने सपनों को आकार देना सिखाएं.’
ज़ुबिन ने कहा कि अगर वे कुछ बनाना चाहते हैं, तो वे माजुली का निर्माण कर सकते हैं और अगर वे कुछ खत्म करना चाहते हैं, तो वे काजीरंगा पर मंडराने वाले खतरों को खत्म कर सकते हैं. माजुली जिले पर भू-कटान से प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है.
उन्होंने कहा, ‘हमें बाढ़ के खिलाफ लड़ने के लिए एक क्रांति की आवश्यकता है. हमें एक क्रांति की जरूरत है जो हमें मुख्यधारा का हिस्सा बना पाए.’
‘असम की स्वतंत्रता’ की उल्फा की मांग का उल्लेख करते हुए ज़ुबिन ने लिखा, ‘स्वतंत्रता का मतलब अपने बूते खड़ा होना है. आप भय के माहौल में आजाद नहीं हो सकते. अराजकता कोई बदलाव नहीं ला सकती है. हम लोगों से राष्ट्र बनता है. यदि कोई जीवित ही नहीं बचेगा, तो फिर इसका क्या होगा.
उनकी यह पोस्ट ऐसे समय में आयी है जब 15 मई को गुवाहाटी में जू रोड पर हुये ग्रेनेड विस्फोट में 12 लोग घायल हो गये थे. परेश बरुआ ने तब स्थानीय टेलीविजन चैनलों से कहा था कि यह क्षेत्र में गश्ती कर रहे सुरक्षाकर्मियों को निशाना बना कर किया गया था.
इससे पहले गर्ग ने इसी प्रकार का पत्र विवादित नागरिकता (संशोधन) विधेयक के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल को भी लिखा था.
मणिपुरः लोकसभा चुनाव में भाजपा और एनपीएफ को एक-एक सीट मिली
इंफालः लोकसभा चुनाव में मणिपुर की दो सीटों में से एक-एक सीट पर भाजपा और नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) ने जीत हासिल है, जबकि कांग्रेस के खाते में कुछ नहीं आया.
भाजपा के आरके रंजन ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के ओ नबकिशोर को 16,830 मतों के अंतर से हराकर आंतरिक मणिपुर सीट पर अपनी जीत दर्ज की.
रंजन को 2,61,802 वोट मिले जबकि नबकिशोर के खाते में 2,45,877 वोट पड़े.
बाहरी मणिपुर सीट पर एनपीएफ के उम्मीदवार लोरहो एस. फोजे ने भाजपा के एच. शोखोपाओ माटे को 73,782 मतों के अंतर से हराया. फोजे को 3,89,745 वोट मिले जबकि माटे को 2,89,745 मत प्राप्त हुए.
साल 2014 के चुनाव में राज्य की दोनों सीटें जीतने वाली कांग्रेस तीसरे स्थान पर रही.
सिक्किम: एकमात्र लोकसभा सीट पर एसकेएम ने जीत हासिल की
गंगटोकः सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) के उम्मीदवार इंद्रा हंग सुब्बा ने राज्य की एकमात्र लोकसभा सिक्किम सीट पर जीत दर्ज की है.
एसकेएम के सुब्बा को 1,54,999 वोट मिले. उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) के डेक बहादुर कटवाल को 11,000 से अधिक मतों से पराजित किया. कटवाल को 1,43,414 वोट मिले. इस सीट के लिए 11 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे.
नागरिकता (संशोधन) विधेयक के विरोध के बाद भी पूर्वोत्तर में खिला कमल
नई दिल्ली: पूर्वोत्तर में नागरिकता (संशोधन) विधेयक को लेकर इस साल की शुरुआत में हुए विरोध प्रदर्शनों को देख ऐसा लग रहा था कि लोकसभा चुनाव में भाजपा को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा लेकिन जो परिणाम आए हैं, वह इस अनुमान को गलत साबित करते हैं.
पूर्वोत्तर राज्यों की 25 लोकसभा सीटों में से 18 सीटें भाजपा और उसके सहयोगी दल अपनी झोली में डालने में सफल रहे. नागरिकता विधेयक को लेकर असम, नगालैंड, मणिपुर और मिजोरम में विरोध प्रदर्शन हुए थे.
कांग्रेस अपनी झोली में सिर्फ चार ही सीट कर पाई, जबकि उसके सहयोगी दो सीट पर जीतने में सफल रहे. लोकसभा की एक सीट निर्दलीय उम्मीदवार की झोली में गई.
नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2016 लाने की केंद्र सरकार की योजना को पूर्वोत्तर के लोगों ने यहां के मूल निवासियों के हितों के खिलाफ बताया था. कई राजनीतिक टिप्पणीकारों का मानना था कि पूर्वोत्तर में इस मुद्दे की वजह से भाजपा को लोकसभा चुनाव में नुकसान पहुंच सकता है.
इस विधेयक में मुस्लिम बहुल बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के हिंदुओं, सिखों, ईसाइयों, बौद्धों, जैनों और पारसियों को नागरिकता देने का प्रस्ताव रखा गया था.
इसको देखते हुए असम, मणिपुर, मिजोरम, मेघालय और त्रिपुरा में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे और केंद्र सरकार को इस विधेयक को राज्यसभा में पेश करने की अपनी योजना से पीछे हटना पड़ा था.
असम में भाजपा को नौ सीटें मिलीं. 2014 में भाजपा को सात सीटों पर जीत मिली थी.
वहीं, कांग्रेस को तीन सीटें मिली. वह 2014 में भी इतनी ही सीटें जीती थी. कांग्रेस की सहयोगी ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) को एक सीट पर जीत मिली. उसे 2014 में तीन सीटों पर जीत मिली थी. एक सीट निर्दलीय उम्मीदवार की झोली में गई.
अरुणाचल प्रदेश में केंद्रीय गृहराज्य मंत्री किरन रिजिजू के नेतृत्व में भाजपा ने चुनाव लड़ा और वह दोनों ही सीटें अपनी झोली में करने में कामयाब रही.
असम के वित्त मंत्री और भाजपा नेता हिमंत बिस्व शर्मा ने कहा कि क्षेत्र में राजग की जीत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हुए बेहतरीन विकास का नतीजा है.
मणिपुर में भाजपा और नगा पीपुल्स फ्रंट ने क्रमश: आंतरिक मणिपुर और बाह्य मणिपुर सीटों पर जीत हासिल की. यह दोनों ही सीटें 2014 में कांग्रेस के पास थी.
भाजपा ने त्रिपुरा के दोनों संसदीय क्षेत्र त्रिपुरा पूर्व और त्रिपुरा पश्चिम पर जीत हासिल की. यह दोनों ही सीटें 2014 में माकपा ने जीती थी.
वहीं, सिक्किम में राजग के सहयोगी सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा ने सिक्किम की एक मात्र सीट पर भी सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट के उम्मीदवार को हराकर जीत दर्ज की.
मिजोरम में राजग के सहयोगी मिजो नेशनल फ्रंट के उम्मीदवार सी लालरोसांगा ने निर्दलीय उम्मीदवार को हराया. राज्य में एक मात्र लोकसभा सीट है. इससे पहले यह सीट कांग्रेस के पास थी.
नगालैंड की एक सीट भी भाजपा के सहयोगी डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी ने जीती है.
मेघालय की शिलांग सीट हालांकि कांग्रेस के खाते में गई लेकिन राजग के सहयोगी नेशनल पीपुल्स पार्टी ने तूरा में जीत हासिल की.
इस जीत को देखते हुए भाजपा यह दावा कर सकती है कि पूर्वोत्तर में कमल खिल चुका है.
त्रिपुरा: विधायक के ख़िलाफ़ बलात्कार और धोखाधड़ी का मामला दर्ज
अगरतला: पश्चिम त्रिपुरा जिले में इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) के एक विधायक के ख़िलाफ़ एक महिला से शादी का वादा करके उसे धोखा देने और उससे बलात्कार करने का मामला दर्ज किया गया है. पुलिस के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी.
हालांकि आरोपी विधायक धनंजय त्रिपुरा ने कहा कि उन्हें मामले में फंसाया गया है और विपक्षी दल उनकी छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं.
महिला ने अपनी शिकायत ने कहा कि वह रिमावैली विधानसभा क्षेत्र से विधायक धनंजय से सामाजिक रूप से जुड़ी थीं.
अधिकारी ने कहा, ‘शिकायतकर्ता ने कहा कि वह विधायक के साथ रिश्ते में थीं. उन्होंने यह भी कहा कि आरोपी के उसके साथ अंतरंग संबंध थे, लेकिन बाद में विधायक ने विवाह करने से इनकार कर दिया. विधायक के खिलाफ महिला से बलात्कार करने और उन्हें धोखा देने का मामला दर्ज किया गया है. हमनें अगरतला में महिला पुलिस थाने को शिकायत बढ़ा दी है.’
पुलिस महानिरीक्षक (कानून एवं व्यवस्था) पुनीत रस्तोगी ने कहा कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है.
उन्होंने कहा कि पुलिस को विधायक धनंजय त्रिपुरा के खिलाफ शिकायत मिली थी. पुलिस मामले की जांच कर रही है और शिकायत के आधार पर कार्रवाई की जाएगी.
विधायक ने अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि वह आवश्यकता पड़ने पर उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे.
आईपीएफटी के प्रवक्ता मंगल देबबर्मा ने कहा, ‘मैंने हमारे एक विधायक के खिलाफ दर्ज शिकायत के बारे में सुना है, लेकिन इस पर टिप्पणी करने के लिए मेरे पास इसकी विस्तृत जानकारी नहीं है.’
आतंकी संगठन जेएमबी पूर्वी राज्यों में स्थायी ठिकाने बनाने की योजना बना रहा है: गृह मंत्रालय
अगरतला: गृह मंत्रालय ने जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) की पूर्वी राज्यों त्रिपुरा, असम और पश्चिम बंगाल में भारत-बांग्लादेश सीमा के दस किलोमीटर के दायरे के भीतर स्थायी ठिकाने बनाने की योजनाओं को लेकर अलर्ट जारी किया है.
गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव पीयूष गोयल द्वारा बीते 23 मई को जारी गजट अधिसूचना में कहा गया है कि आतंकवादी संगठन की भारतीय उपमहाद्वीप में स्थायी ठिकाना स्थापित करने के उद्देश्य के साथ दक्षिण भारत में अपना नेटवर्क फैलाने की भी योजनाएं हैं.
अधिसूचना में कहा गया है कि जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश या जमात-उल-मुजाहिदीन इंडियन या जमात-उल-मुजाहिदीन हिंदुस्तान उन 41 आतंकवादी संगठनों की सूची में शामिल हैं, जिन्हें पहले ही गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून, 1967 के तहत प्रतिबंधित किया जा चुका है.
इसमें कहा गया है कि जेएमबी युवाओं की भर्ती करने और आतंकवादी गतिविधियों के लिए निधि जुटाने, विस्फोटकों, रसायनों को खरीदने और आईईडी जुटाने में भी शामिल पाया गया है.
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने दो अक्टूबर 2014 को बर्द्धमान बम विस्फोट और 19 जनवरी 2018 को बोधगया धमाकों में जेएमबी आतंकवादियों के शामिल होने की पुष्टि की थी.
नगालैंड: भारत-म्यांमार सीमा पर मुठभेड़ में असम राइफल्स के दो कर्ममारियों की मौत
नई दिल्ली: नगालैंड में शनिवार को भारत-म्यांमार सीमा पर मौन इलाके में उग्रवादियों के एक समूह के साथ मुठभेड़ में असम राइफल्स के दो कर्मचारियों की मौत हो गई और चार अन्य घायल हो गए.
सैन्य सूत्रों ने बताया कि दो वाहनों पर सवार असम राइफल्स के एक दल का सामना 25 मई की दोपहर करीब डेढ़ बजे एक आईईडी विस्फोट से हुआ.
विस्फोट के बाद असम राइफल्स के जवानों और उग्रवादियों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई, जिसमें दो कर्मचारी मारे गए.
सूत्रों ने बताया कि असम राइफल्स के चार जवान गोली लगने से घायल भी हो गए. उन्हें तत्काल उपचार मुहैया कराया गया. अब वे स्थिर हैं.
मारे गए दो कर्मचारियों में एक जूनियर कमीशंड अधिकारी (जेसीओ) शामिल है.
सूत्रों के अनुसार घटना भारत-म्यांमार सीमा पर सीमा स्तंभ संख्या 147 और 148 के पास घटी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)