आरोप है कि मुंबई के बीवाईएल नायर अस्पताल में रेजिडेंट डॉ. पायल सलमान तड़वी ने अपने वरिष्ठ डॉक्टरों की प्रताड़ना से तंग आकर 22 मई को आत्महत्या कर ली थी. आरोप है कि वरिष्ठ डॉक्टर उन पर जातिसूचक फब्तियां कसते थे.
मुंबईः महाराष्ट्र के बीवाईएल नायर अस्पताल में रेजिडेंट डॉ. पायल सलमान तड़वी आत्महत्या मामले में तीनों आरोपी डॉक्टरों को गिरफ्तार कर लिया गया है.
बीवाईएल नायर अस्पताल की इन तीनों डॉक्टरों भक्ति महिरे, हेमा आहुजा और अंकिता खंडेलवाल पर प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की दूसरे वर्ष की छात्रा पायल को लगातार प्रताड़ित करने और जातिसूचक टिप्पणियां करने का आरोप है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इन सभी के ख़िलाफ़ अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अधिनियम, आत्महत्या के लिए उकसाने के लिए आईपीसी की धारा और रैंगिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है.
मुंबई की अग्रीपाड़ा पुलिस का कहना है कि इन्हें बुधवार को अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा.
Mumbai doctor suicide: All 3 accused arrested, likely to be produced in court today
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— ANI Digital (@ani_digital) May 29, 2019
इन डॉक्टरों ने उत्पीड़न के आरोपों से इनकार करते हुए महाराष्ट्र एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स (मार्ड) को लिखे पत्र में कहा, ‘अगर काम के बोझ को रैगिंग का नाम दिया जा रहा है तो हम सभी की भी रैगिंग हुई हैं.’
इससे पहले मार्ड ने तीनों आरोपी डॉक्टरों, हेमा आहुजा, डॉ.भक्ति महिरे और डॉ. अंकिता खंडेलवाल की सदस्यता निरस्त कर दी थी.
अग्रीपाड़ा के सहायक पुलिस आयुक्त दीपक कुडंल ने कहा था, ‘हमने अनूसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अत्याचार अधिनियम, एंटी रैगिंग अधिनियम और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 306 के तहत मामला दर्ज कर लिया है.’
शुरुआती जांच में पता चला है कि मौत से कुछ घंटे पहले ऑपरेशन थियेटर में तड़वी को मरीज और अन्य कर्मचारियों के सामने डांट लगाई गई थी. इसके बाद उन्हें वहां से रोते हुए निकलते देखा गया था.
पायल के पति सलमान और मां आबेदा सलीम ने आरोप लगाए कि पायल के सीनियर्स अनुसूचित जाति (एसटी) कोटे के तहत दाखिला लेने के लिए उसका उत्पीड़न करते थे और उसकी प्रतिभा पर भी सवाल खड़े करते थे.
उन्होंने कहा कि इस बारे में अस्पताल प्रशासन से तीन बार शिकायत की गई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.
परिवार का कहना है कि 13 मई को पायल के पति डॉ. सलमान तड़वी ने अस्पताल के यूनिट प्रमुख डॉ. यी चिंग लिंग से मौखिक शिकायत की थी, जिसके बाद पायल के सीनियर डॉक्टर ने उससे दो दिन तक बात नहीं की. तीसरे दिन इनमें से एक ने घटिया काम के लिए कथित तौर पर पायल के मुंह पर फाइल फेंकी.
परिवार के अनुसार, अगले दिन पायल को धमकी दी गई कि उसे साल पूरा नहीं करने दिया जाएगा. वह हर दिन रोती थी. उसने कहा था कि उसने यूनिट हेड से शिकायत की है लेकिन कुछ नहीं हुआ इसके बजाए उत्पीड़न रोजाना बढ़ता गया.
परिवार ने यह भी कहा कि पायल ने इन तीनों सीनियर डॉक्टर की आपस की बातचीत भी सुन ली थी, जिसमें इन्होंने कहा था कि इस जाति के लोगों को कोई जानकारी नहीं होती, ये सिर्फ कोटे के दम पर दाखिला ले लेते हैं.
हालांकि बीवाईएल नायर अस्पातल के डीन डॉ. रमेश भरमाल ने प्रशासन से शिकायत किए जाने के आरोपों को खारिज करते हुए कहा, ‘डॉ. पायल की मां का कहना है कि उनकी बेटी को कथित तौर पर प्रताड़ित किए जाने को लेकर उन्होंने अस्पताल प्रशासन से इसकी शिकायत की थी लेकिन उनका यह दावा सही नहीं है. हमें इस मुद्दे पर अभी तक कोई शिकायत नहीं मिली.’
भारमल का कहना है कि उन्हें इस मामले में कभी कुछ नहीं बताया गया. उन्होंने कहा, हमने एक एंटी रैगिंग सेल बनाया है लेकिन दुखद है कि तड़वी ने कभी इस सेल से संपर्क नहीं किया.
मालूम हो कि 22 मई को डॉ. पायल तड़वी ने हॉस्टल के कमरे में आत्महत्या कर ली थी. डॉक्टर पायल तड़वी बीवाईएल नायर हॉस्पिटल से एमडी की पढ़ाई कर रही थीं. परिजनों का आरोप है कि आरोपी डॉक्टर्स उनकी बेटी का मानसिक उत्पीड़न के साथ ही जातिसूचक टिप्पणी भी करते थे. सीनियर्स के इस व्यवहार से पायल बेहद परेशान रहती थी और इसी वजह से उसने ये कदम उठाया.