पेमा खांडू ने अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली

भाजपा नेता पेमा खांडू के अलावा 11 विधायकों को राज्यपाल ने दिलाई शपथ. शपथ ग्रहण समारोह में असम, नगालैंड, मणिपुर, त्रिपुरा और मेघालय के मुख्यमंत्री भी शामिल हुए.

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अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर में बुधवार को पेमा खांडू ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. (फोटो साभार: ट्विटर)

भाजपा नेता पेमा खांडू के अलावा 11 विधायकों को राज्यपाल ने दिलाई शपथ. शपथ ग्रहण समारोह में असम, नगालैंड, मणिपुर, त्रिपुरा और मेघालय के मुख्यमंत्री भी शामिल हुए.

अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर में बुधवार को पेमा खांडू ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. (फोटो साभार: ट्विटर)
अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर में बुधवार को पेमा खांडू ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. (फोटो साभार: ट्विटर)

ईटानगर: भाजपा के वरिष्ठ नेता पेमा खांडू ने बुधवार को अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण की. राज्यपाल ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) बीडी मिश्रा ने राजधानी ईटानगर दोरजी खांडू कन्वेंशन सेंटर में पेमा खांडू को पद एवं गोपनीयता की शपथ ग्रहण कराई.

उनके अलावा चौना मेइन समेत मंत्रिमंडल के 11 मंत्रियों ने भी शपथ ग्रहण की.

शपथ ग्रहण समारोह में असम, नगालैंड, मणिपुर, त्रिपुरा और मेघालय के मुख्यमंत्री भी शामिल हुए.

खांडू के नेतृत्व में भाजपा ने 60 सदस्यीय विधानसभा में 41 सीटों पर जीत दर्ज की है. अरुणाचल प्रदेश में लोकसभा चुनाव के साथ ही विधानसभा चुनाव 11 अप्रैल को हुए थे.

बीते 25 मई को घोषित अंतिम चुनाव परिणाम के मुताबिक पार्टी ने तीन सीटों पर निर्विरोध और 38 सीटों पर मतदान के बाद जीत हासिल की है. बीते 25 मई को घोषित अंतिम चुनाव परिणाम के मुताबिक भाजपा ने तीन सीटों पर निर्विरोध और 38 सीटों पर मतदान के बाद जीत हासिल की थी.

केंद्र में राजग के सहयोगी दल जद (यू) को सात, नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) को पांच, कांग्रेस को चार, पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल को एक तथा निर्दलीयों को दो सीट मिली थी.

विधानसभा चुनाव जीतने वाले प्रमुख भाजपा नेताओं में मुक्तो सीट से मुख्यमंत्री पेमा खांडू, चोवखाम सीट से उपमुख्यमंत्री चोवना मेन और मिआओ सीट से मंत्री कामलुंग मोसांग शामिल थे.

इससे पहले पेमा खांडू 17 जुलाई 2016 से 16 सितंबर 2016 तक कांग्रेस के सहयोग से मुख्यमंत्री रहे. उसके बाद 16 सितंबर 2016 से 31 दिसंबर 2016 तक पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल के सहयोग से मुख्यमंत्री रहे और फिर 31 दिसंबर से 2019 के विधानसभा चुनाव होने तक भाजपा के सहयोग से मुख्यमंत्री रहे.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)