उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के ख़िलाफ़ कथित आपत्तिजनक टिप्पणियों को लेकर तीन पत्रकारों को गिरफ़्तार करने पर राहुल गांधी ने कहा कि योगी आदित्यनाथ मूर्खतापूर्ण व्यवहार कर रहे हैं. पत्रकारों को तत्काल रिहा किया जाए.
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से संबंधित कथित आपत्तिजनक वीडियो के मामले में पत्रकार प्रशांत कनौजिया, इशिका सिंह और अनुज शुक्ला की गिरफ्तारी की निंदा करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री मूर्खतापूर्ण व्यवहार कर रहे हैं और गिरफ्तार किए गए पत्रकारों को तत्काल रिहा किए जाने की जरूरत है.
राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए कहा कि अगर हर उस पत्रकार को जेल में डाला जाए जो झूठी रिपोर्ट करते हैं या आरएसएस/भाजपा प्रायोजित अफवाह पर मेरे खिलाफ फर्जी और दुष्प्रचार वाली खबरें चलाते हैं तो अधिकतर अखबारों या समाचार चैनलों में कर्मचारियों की भारी कमी हो जाएगी.
If every journalist who files a false report or peddles fake, vicious RSS/BJP sponsored propaganda about me is put in jail, most newspapers/ news channels would face a severe staff shortage.
The UP CM is behaving foolishly & needs to release the arrested journalists. https://t.co/KtHXUXbgKS
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 11, 2019
इससे पहले पत्रकारों की गिरफ्तारी का विरोध करते हुए कांग्रेस पार्टी ने कहा था, एक राज्य के अधिकारी की खराब छवि पेश करने वाले एक वीडियो साझा करने के लिए एक पत्रकार को हिरासत में लेना अवैध और मनमाना है और उन सिद्धांतों का उल्लंघन करता है जो हमारे देश में स्थापित हैं.
बता दें कि स्वतंत्र पत्रकार कनौजिया को उनके ट्वीट के लिए गिरफ्तार किया गया है, जिसमें उन्होंने आदित्यनाथ की प्रेमिका होने का दावा करने वाली और उनके साथ अपना जीवन बिताने की इच्छा जताने वाली एक महिला का वीडियो साझा किया था.
प्रशांत को बीते शनिवार को उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा मंडावली स्थित उनके घर से हिरासत में लिया गया था.
वहीं, इशिका सिंह और अनुज शुक्ला को उनके चैनल नेशन लाइव पर एक कार्यक्रम के लिए गिरफ्तार किया गया. इस कार्यक्रम में आदित्यनाथ की प्रेमिका होने का दावा करने वाली और उनके साथ अपना जीवन बिताने की इच्छा जताने वाली महिला का वीडियो प्रसारित किया गया था.
इन पत्रकारों की गिरफ्तारी का विरोध करते हुए सोमवार को नई दिल्ली के प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में पत्रकारों ने शांतिपूर्ण प्रोटेस्ट मार्च भी निकाला था. प्रोटेस्ट मार्च में पत्रकारों की गिरफ्तारी को मनमाना बताते हुए कहा गया कि उन्हें तत्काल रिहा किया जाए और उनके खिलाफ लगाए गए आपराधिक मानहानि के मामले को भी वापस लिया जाए.
इस मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस की कार्रवाई का विरोध करते हुए एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया सहित देश के कई पत्रकार संगठनों ने गिरफ्तारी को ‘कानून का दुरुपयोग’ और प्रेस को डराने का प्रयास बताया.
एडिटर्स गिल्ड ने रविवार को कहा था, ‘पुलिस की कार्रवाई कठोरतापूर्ण, मनमानी और कानूनों के अधिकारवादी दुरुपयोग के समान है.’ बयान में कहा गया कि गिल्ड इसे प्रेस को डराने-धमकाने तथा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का गला घोंटने के प्रयास के तौर पर देखती है.
उसने कहा, ‘महिला के दावे में जो भी सच्चाई हो, इसे सोशल मीडिया पर डालने और एक टीवी चैनल पर प्रसारित करने के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज करना कानून का खुल्लम-खुल्ला दुरुपयोग है.’
एनडीटीवी के अनुसार, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गढ़ गोरखपुर में रविवार की शाम दो अन्य लोगों को भी गिरफ्तार कर लिया गया.
पुलिस के ट्वीट के अनुसार, ‘एक व्यक्ति की ट्विटर पर शिकायत मिली थी जिसके बाद उसे गिरफ्तार किया गया. उसे भाजपा नेता के खिलाफ आपत्तिजनक कंटेंट पोस्ट करने के लिए गिरफ्तार किया गया है.’