हालिया गिरफ़्तारी उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से हुई है. यहां पर पीर मोहम्मद और राम प्रसाद नाम नाम के दो लोगों को गिरफ़्तार किया गया है.
गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ कथित आपत्तिजनक पोस्ट को लेकर दो और लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इसके अलावा एक व्यक्ति को हिरासत में लिया गया है.
इस तरह पिछले तीन दिनों में सोशल मीडिया पर योगी आदित्यनाथ के खिलाफ टिप्पणी करने को लेकर कुल पांच लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. हालिया गिरफ्तारी गोरखपुर से हुई है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक पीर मोहम्मद नाम के एक स्क्रैप डीलर को कथित रूप से योगी आदित्यनाथ का मजाक उड़ाने वाले सोशल मीडिया पोस्ट को शेयर करने के कारण गिरफ्तार किया गया. इस पोस्ट को धरमवीर भारती नाम के एक और शख्स ने शेयर किया था.
एक ट्विटर यूजर की शिकायत मिलने पर, जिले के गोला पुलिस स्टेशन ने मोहम्मद और भारती दोनों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 503 (आपराधिक धमकी) और 505 (सार्वजनिक दुर्व्यवहार वाला बयान) एवं सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम की धारा 65-66 के तहत मामले दर्ज किया.
एनडीटीवी की खबर के मुताबिक गोला पुलिस को ट्विटर पर ही पोस्ट के खिलाफ शिकायत मिली थी. गिरफ्तार किए गए दोनों व्यक्ति गोरखपुर के मूल निवासी हैं. हालांकि, ओमान के मस्कट में काम करते हैं, इसलिए कथित अपराध के आरोप में हिरासत में लिया गया है.
इसके अलावा राम प्रसाद नाम के एक नर्सिंग होम मैनेजर को भी इसी तरह के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.
बता दें कि स्वतंत्र पत्रकार कनौजिया को उनके ट्वीट के लिए गिरफ्तार किया गया था, जिसमें उन्होंने आदित्यनाथ की प्रेमिका होने का दावा करने वाली और उनके साथ अपना जीवन बिताने की इच्छा जताने वाली एक महिला का वीडियो साझा किया था.
हालांकि, मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने उनके रिहाई का आदेश दिया. कोर्ट ने कहा कि नागरिक की स्वतंत्रता पवित्र है और इससे समझौता नहीं किया जा सकता है. इसे संविधान द्वारा सुनिश्चित किया गया है और इसका उल्लंघन नहीं किया जा सकता है.
प्रशांत को बीते शनिवार को उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा मंडावली स्थित उनके घर से हिरासत में लिया गया था.
वहीं, इशिका सिंह और अनुज शुक्ला को उनके चैनल नेशन लाइव पर एक कार्यक्रम के लिए गिरफ्तार किया गया. इस कार्यक्रम में आदित्यनाथ की प्रेमिका होने का दावा करने वाली और उनके साथ अपना जीवन बिताने की इच्छा जताने वाली महिला का वीडियो प्रसारित किया गया था.
इन पत्रकारों की गिरफ्तारी का विरोध करते हुए सोमवार को नई दिल्ली के प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में पत्रकारों ने शांतिपूर्ण प्रोटेस्ट मार्च भी निकाला था. प्रोटेस्ट मार्च में पत्रकारों की गिरफ्तारी को मनमाना बताते हुए कहा गया कि उन्हें तत्काल रिहा किया जाए और उनके खिलाफ लगाए गए आपराधिक मानहानि के मामले को भी वापस लिया जाए.
इस मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस की कार्रवाई का विरोध करते हुए एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया सहित देश के कई पत्रकार संगठनों ने गिरफ्तारी को ‘कानून का दुरुपयोग’ और प्रेस को डराने का प्रयास बताया.
एडिटर्स गिल्ड ने रविवार को कहा था, ‘पुलिस की कार्रवाई कठोरतापूर्ण, मनमानी और कानूनों के अधिकारवादी दुरुपयोग के समान है.’ बयान में कहा गया कि गिल्ड इसे प्रेस को डराने-धमकाने तथा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का गला घोंटने के प्रयास के तौर पर देखती है.
उसने कहा, ‘महिला के दावे में जो भी सच्चाई हो, इसे सोशल मीडिया पर डालने और एक टीवी चैनल पर प्रसारित करने के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज करना कानून का खुल्लम-खुल्ला दुरुपयोग है.’