पीएम किसान योजना के तहत करीब 1.2 लाख किसानों के खाते में पैसे डालकर वापस लिए गए

राज्यसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि पीएम किसान योजना के तहत 1,19,743 किसानों के खाते में पैसे डालने के बाद उसे वापस कर लिया गया था.

The Prime Minister, Shri Narendra Modi addressing at the launch of the PMKISAN scheme, at Gorakhpur, in Uttar Pradesh on February 24, 2019.

राज्यसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि पीएम किसान योजना के तहत 1,19,743 किसानों के खाते में पैसे डालने के बाद उसे वापस कर लिया गया था.

The Prime Minister, Shri Narendra Modi addressing at the launch of the PMKISAN scheme, at Gorakhpur, in Uttar Pradesh on February 24, 2019.
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में 24 फरवरी 2019 को पीएम-किसान योजना को लॉन्च करते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. (फोटो साभार: पीआईबी)

नई दिल्ली: मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) के तहत करीब एक लाख 20 हजार किसानों के खाते में डाले गए पैसे वापस कर लिए गए थे. बीते 21 जून को राज्यसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने ये जानकारी दी.

कांग्रेस सांसद सैयद नाजिर हुसैन द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में कृषि मंत्री ने कहा कि 1,19,743 लाभार्थियों के खाते में पीएम किसान योजना के तहत पैसे डालने के बाद उसे वापस कर लिया गया था. इस तरह प्रति खाते से वापस किए गए 2000 रुपये के मुताबिक, कुल 23.95 करोड़ रुपये वापस हुए हैं.

पीएम किसान योजना के तहत दो हेक्टेयर या इससे कम ज़मीन के मालिक किसानों को 2000 रुपये की तीन किश्त में एक साल में 6,000 रुपये देने का प्रावधान रखा गया था. हालांकि, लोकसभा चुनाव जीतने के बाद सरकार ने ऐलान किया कि अब सभी किसानों को इस योजना का लाभ दिया जाएगा.

नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि राज्य सरकारों से इस योजना के तहत पात्र लाभार्थियों की सूची देने के लिए कहा गया था, जिसके बाद प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के जरिए इन लाभार्थियों के खाते में पैसे भेजे जाने थे.

कृषि मंत्री ने कहा, ‘लेकिन भुगतान के दौरान कुछ मामलों में देखा गया कि राज्य सरकार द्वारा दिए गए लाभार्थियों के नाम और बैंक खाताधारक के नाम में अंतर है. इसके बाद राज्य सरकारों को कहा गया कि वे इन विसंगतियों को सत्यापित करें. इस पर राज्य सरकारों ने मांग की कि 2,69,605 किसानों को भुगतान न किया जाए.’

तोमर ने सदन में बताया कि राज्यों द्वारा कहने पर भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) से कहा गया कि वे 2,69,605 किसानों के खाते में पैसे न डालें. हालांकि इसमें से 1,19,743 लाभार्थियों के खाते में पैसे पहले ही डाले जा चुके थे, इसलिए बैंकों और एनपीसीआई ने इन किसानों के खाते से पैसे वापस कर लिए.

कृषि मंत्री ने कहा कि पीएम किसान योजना की पहली किश्त के दौरान ऐसी समस्या आने के बाद पूरी प्रक्रिया को मजबूत बनाया गया है. लेकिन, मंत्री ने ये नहीं कहा कि जिनके खाते से पैसे वापस हुए हैं, उनके खाते में दोबारा पैसे डाले जाएंगे.

द वायर ने 30 अप्रैल 2019 को ही आरटीआई के जरिए प्राप्त जानकारी के आधार पर अपनी रिपोर्ट में बताया था कि किस तरह पीएम किसान योजना के तहत किसानों को जारी की गई रकम में से करोड़ों रुपये उनके खातों से वापस ले लिए गए हैं. नरेंद्र सिंह तोमर ने राज्यसभा में दिए अपने बयान में कहा कि सरकार ने ऐसी रिपोर्टों का संज्ञान लिया है और मामले की जांच की है.

हालांकि चिंता की बात ये है कि सरकार अभी तक ये बात नहीं कह रही है कि जिनके खाते से पैसे वापस हुए हैं, उन्हें दोबारा दिया जाएगा. द वायर ने उस समय जौनपुर के किसानों से बात की थी. किसानों ने बताया था कि वे इस योजना के लिए पात्र हैं और पैसे कटने के बाद दोबारा पैसे आने की आस लगाए हुए हैं.

कृषि मंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 86,314 लाभार्थियों के खाते से पैसे वापस किए. इसके बाद दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र है. यहां पर 32,897 किसानों के खाते से पीएम किसान योजना का पैसा वापस कर लिया गया. तीसरे नंबर पर हिमाचल प्रदेश है, जहां 346 लाभार्थियों के पैसे वापस हुए.

इसी तरह उत्तराखंड के 78, हरियाणा के 55, झारखंड के 22, जम्मू कश्मीर के 29 और असम के दो किसानों के पैसे वापस किए गए हैं.