ई. श्रीधरन लखनऊ मेट्रो के साथ मुख्य सलाहकार के रूप में जुड़े हुए थे. उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के व्यक्तिगत आग्रह पर यह जिम्मेदारी संभाली थी.
लखनऊ: देश के ‘मेट्रो मैन’ कहे जाने वाले ई. श्रीधरन ने लखनऊ मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (एलएमआरसी) के मुख्य सलाहकार पद से इस्तीफा दे दिया है. उनके साथ ही कुछ अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी एलएमआरसी के साथ अपना अनुबंध खत्म करने का फैसला किया है.
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, सूत्रों ने बताया कि 87 वर्षीय श्रीधरन ने बढ़ती उम्र और खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए इस्तीफा दिया है.
वहीं, इस बात की पुष्टि करते हुए एलएमआरसी के प्रबंध निदेशक कुमार केशव ने कहा, ‘उन्होंने हमारे साथ अपना अनुबंध समाप्त करने का फैसला किया है और उनके इस्तीफे को राज्य सरकार के पास भेज दिया गया है.’
बता दें कि श्रीधरन को फरवरी, 2024 तक के लिए लखनऊ मेट्रो का मुख्य सलाहकार नियुक्त किया गया था.
भारतीय रेलवे सर्विस ऑफ इंजीनियर्स (आईआरएसई) के सेवानिवृत्त अधिकारी श्रीधरन शुरू में इस जिम्मेदारी के लिए तैयार नहीं थे लेकिन तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के व्यक्तिगत आग्रह पर उन्होंने इस प्रतिष्ठित परियोजना की जिम्मेदारी संभाली थी.
ई. श्रीधरन को कोंकण रेलवे और दिल्ली मेट्रो को बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला माना जाता है. भारत में सार्वजनिक परिवहन का चेहरा बदलने के कारण उन्हें 2001 में पद्म श्री और 2008 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया जा चुका है.
इस बीच, एलएमआरसी के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी महेंद्र कुमार ने एलएमआरसी में रेलवे के डिब्बे और इंजन के निदेशक की अपनी भूमिका से हटने का फैसला किया है. वे लखनऊ मेट्रो की कार्यप्रणाली से इसकी शुरुआत से ही जुड़े हुए थे.
सूत्रों का कहना है कि जिस तरह के आधुनिक कोचों का इस्तेमाल लखनऊ मेट्रो में किया जा रहा है, उसकी रूपरेखा उन्होंने ही तैयार की थी. कुमार 30 जून को लखनऊ मेट्रो के साथ अपना अनुबंध खत्म कर देंगे.
बता दें कि, इससे पहले लखनऊ मेट्रो में नागरिक सेवाओं के निदेशक दलजीत सिंह ने साथ छोड़ दिया था.
एलएमआरसी के सूत्रों का कहना है कि लखनऊ मेट्रो के दूसरे चरण (चारबाग से वसंत कुंज) का काम पूरा करने में हो रही देरी वरिष्ठ अधिकारियों के इस्तीफों का कारण हो सकती है.