जम्मू कश्मीर: 28 साल पुराने मामले में उर्दू अख़बार के संपादक गिरफ़्तार

श्रीनगर से निकलने वाले उर्दू दैनिक आफ़ाक़ के संपादक और मालिक ग़ुलाम जिलानी क़ादरी को सोमवार देर रात उनके घर से गिरफ़्तार किया गया. पुलिस का कहना है कि 1992 में हुए एक मामले के संबंध में टाडा कोर्ट के समन पर ऐसा किया गया, वहीं क़ादरी के परिजनों का कहना है कि इसका उद्देश्य उन्हें प्रताड़ित करना है.

श्रीनगर से निकलने वाले उर्दू दैनिक आफ़ाक़ के संपादक और मालिक ग़ुलाम जिलानी क़ादरी को सोमवार देर रात उनके घर से गिरफ़्तार किया गया. पुलिस का कहना है कि 1992 में हुए एक मामले के संबंध में टाडा कोर्ट के समन पर ऐसा किया गया, वहीं क़ादरी के परिजनों का कहना है कि इसका उद्देश्य उन्हें प्रताड़ित करना है.

Ghulam Jeelani-Qadri Greater Kashmir
उर्दू दैनिक आफ़ाक़ के संपादक ग़ुलाम जिलानी क़ादरी (फोटो साभार: ग्रेटर कश्मीर)

श्रीनगर से निकलने वाले उर्दू दैनिक आफ़ाक़ के संपादक और मालिक ग़ुलाम जिलानी क़ादरी को सोमवार देर रात उनके घर से गिरफ्तार कर लिया गया.

द हिन्दू की खबर के अनुसार, 28 साल पुराने के मामले के संबंध में उन्हें टेररिस्ट एंड डिसरप्टिव एक्टिविटीज (टाडा) कोर्ट के समन पर गिरफ्तार किया गया है.

62 वर्षीय क़ादरी सोमवार रात करीब 11:30 बजे अपने काम से घर लौटे थे, जब पुलिस उनके घर पहुंची और उन्हें नजदीकी थाने ले गई.

डेली एक्सेलसियर के मुताबिक एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि उन्हें 1992 में हुए एक मामले के संबंध में गिरफ्तार किया गया है. यह पूछे जाने पर कि गिरफ़्तारी आधी रात को क्यों हुई, उन्होंने कहा, ‘दिन में पुलिस व्यस्त थी.’

द हिन्दू से बात करते हुए क़ादरी के छोटे भाई मोरिफ़ात क़ादरी ने बताया, ‘उन्हें घर के अंदर आने या कपड़े तक बदलने नहीं दिए गए. अगर कोई समन होता तो वे खुद ही पुलिस के सामने पेश हो गए होते. जिस तरह से गिरफ्तारी की गई, उससे लगता है कि इसका मकसद बेवजह उन्हें और उनके परिवार को प्रताड़ित करना है.’

श्रीनगर के एसएसपी डॉ. हसीब मुग़ल ने ग्रेटर कश्मीर को बताया कि क़ादरी को ‘एक बहुत पुराने मामले’ में गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने कहा, ‘टाडा कोर्ट ने उनके खिलाफ वारंट जारी किया था लेकिन उन्होंने सहयोग नहीं किया. उन्हें मंगलवार को अदालत में पेश किया जायेगा.’

पुलिस ने परिवार को बताया है कि 1992 में क़ादरी और 8 अन्य पत्रकारों को एक स्थानीय न्यूज़ एजेंसी जेएके (जम्मू एंड कश्मीर) न्यूज़ चलाने से जुड़े मामले में गिरफ्तार किया गया था. मामले में उन्हें अब तक ‘फरार’ बताया गया है. उनके अलावा तीन अन्य पत्रकार, जिनके खिलाफ मामला दर्ज था, उनकी मृत्यु हो चुकी है.

इस बारे में क़ादरी के भाई का कहना है, ‘इतने सालों से वे रोज दफ्तर आ-जा रहे हैं. उन्हें ‘फरार’ कैसे दिखाया जा सकता है? इसके अलावा, इस मामले में जिन दो पत्रकारों पर यही आरोप थे उन्हें राजकीय पुरस्कार मिले और वे विधायक बन गए.’

क़ादरी को मंगलवार को अदालत में पेश किये जाने की संभावना है. मंगलवार सुबह कई पत्रकार क़ादरी के समर्थन में अदालत के परिसर में इकठ्ठा हुए थे.