गहलोत सरकार ने पीट-पीटकर मार दिए गए पहलू ख़ान और उनके दो बेटों को बताया गो-तस्कर

साल 2017 में गो-तस्करी के आरोप में 55 वर्षीय पहलू ख़ान को राजस्थान के अलवर में भीड़ ने पीट-पीटकर मार दिया था. मामले में पुलिस ने पहलू ख़ान द्वारा शिनाख्त किए गए सभी छह आरोपियों को क्लीनचिट दे दी थी. राजस्थान पुलिस ने इस साल 29 मई को अदालत में यह आरोप-पत्र पेश किया था.

पहलू खान

साल 2017 में गो-तस्करी के आरोप में 55 वर्षीय पहलू ख़ान को राजस्थान के अलवर में भीड़ ने पीट-पीटकर मार दिया था. मामले में पुलिस ने पहलू ख़ान द्वारा शिनाख्त किए गए सभी छह आरोपियों को क्लीनचिट दे दी थी. राजस्थान पुलिस ने इस साल 29 मई को अदालत में यह आरोप-पत्र पेश किया था.

पहलू खान
पहलू ख़ान.

जयपुर: राजस्थान पुलिस ने पहलू खान और उनके दो बेटों के खिलाफ गो-तस्करी के मामले में आरोप-पत्र दाखिल किया है. आरोप-पत्र में पहलू खान और उनके दो बेटों पर गो-तस्करी का आरोपी बनाया गया है.

साल 2017 में राजस्थान के अलवर में कथित गोरक्षकों की भीड़ ने गो-तस्करी के आरोप में पहलू खान की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी.

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, हालिया आरोप-पत्र राजस्थान में कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार आने के बाद पिछले साल 30 दिसंबर को तैयार किया गया था. इस साल 29 मई को अलवर के बहरोड़ स्थित अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में इसे पेश किया गया था. इसमें पहलू खान को मरणोपरांत आरोपी बनाया गया है.

पहलू खान और उनके दो बेटों के खिलाफ राजस्थान गोजातीय पशु (वध पर प्रतिबंध और अस्थायी प्रवासन या निर्यात का विनियमन) अधिनियम, 1995 और नियम, 1995 के तहत आरोप-पत्र दाखिल किए गए हैं.

आरोप-पत्र में शामिल किए गए पहलू खान के 25 वर्षीय बड़े बेटे इरशाद ने कहा, ‘गोरक्षकों के हमले में हमने अपने पिता को खो दिया और अब हम गो-तस्करी का आरोप लगाया गया है. हमें उम्मीद थी कि राजस्थान में नई कांग्रेस सरकार मामलों की समीक्षा करेगी और उन्हें वापस लेगी लेकिन अब हमारे खिलाफ ही आरोप-पत्र दाखिल किया गया है. सरकार बदलने के बाद हमें न्याय की उम्मीद थी लेकिन वह नहीं हुआ.’

खान के छोटे बेटे आरिफ का भी नाम आरोप-पत्र में शामिल किया गया है.

पिछले साल राज्य की पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने इसी तरह का आरोप-पत्र अजमत और रफीक के खिलाफ दाखिल किया था. ये दोनों पहलू खान के सहयोगी थे और भीड़ ने उन पर भी हमला किया था. इसके साथ ही भीड़ ने ट्रक ड्राइवर अर्जुन पर भी हमला किया था.

इस आरोप-पत्र में पिकअप ट्रक के मालिक का नाम भी डाला गया है. इस पिकअप ट्रक का इस्तेमाल 1 अप्रैल, 2017 को किया गया था जब बहरोड़ के पास भीड़ हिंसा की यह घटना हुई थी.

पिकअप के मालिक जगदीश प्रसाद पर भी अधिनियम की धारा 6 के तहत आरोप लगाए गए थे.

अलवर के बहरोड़ पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर संख्या 253/17 के तहत दायर किए गए आरोप-पत्र के अनुसार, मामले में पूरी जांच के बाद, आरोपी इरशाद, आरिफ और पहलू खान के खिलाफ धारा 5, 8, 9 आरबीए अधिनियम के तहत अपराध साबित हुआ है, जबकि आरोपी खान मोहम्मद के खिलाफ धारा 6 आरबीए अधिनियम के तहत अपराध साबित हुआ है.

साल 2017 में राजस्थान गोजातीय पशु अधिनियम के तहत दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज किए गए थे क्योंकि उस दिन दो अलग-अलग हमले किए गए थे. एक हमला जगदीश की ट्रक पर किया था जिसे अर्जुन चला रहा था. जबकि दूसरा ट्रक खान मोहम्मद का था जिस पर पहलू खान और उनके बेटे सवार थे.

एक केस अजमत, रफीक, अर्जुन और बाद में जगदीश के खिलाफ दर्ज किया गया जिसमें आरोप-पत्र पिछले साल दायर किया गया था. वहीं एक अन्य एफआईआर पहलू खान और उनके बेटों के खिलाफ दर्ज किया गया था.

दूसरे मामले में खान मोहम्मद को भी तब आरोपी बनाया गया जब पुलिस ने पाया कि पहलू खान जिस पिकअप में सवार थे, उसके मालिक खान मोहम्मद थे.

राजस्थान गोजातीय पशु (वध पर प्रतिबंध और अस्थायी प्रवासन या निर्यात का विनियमन) अधिनियम, 1995 और नियम, 1995 की धारा 5 हत्या के उद्देश्य से गोजातीय पशुओं के निर्यात पर प्रतिबंध और अस्थायी प्रवासन के नियमन या अन्य उद्देश्यों के लिए निर्यात से संबंधित है.

धारा 6 के अनुसार, ट्रांसपोर्टर भी इसका दोषी है और अपराध करने वाले व्यक्ति के समान दंड के लिए उत्तरदायी है. धारा 8 ऐसे अपराध के मामलों में जुर्माने का प्रावधान करता है जबकि धारा 9 गोजातीय पशुओं को नुकसान पहुंचाने पर सजा का प्रावधान करता है.

मालूम हो कि एक अप्रैल, 2017 को नूह (हरियाणा) के रहने वाले 55 वर्षीय पहलू खान जयपुर से पशु खरीदकर ला रहे थे, जब बहरोड़ में कथित गोरक्षकों ने उन्हें  गो-तस्करी के शक में बुरी तरह पीटा, जिसके दो दिन बाद अस्पताल में पहलू खान ने दम तोड़ दिया.

पुलिस ने वीडियो फुटेज से नौ लोगों को पहचानने के बाद खान की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया था. मौत से पहले पहलू खान ने अस्पताल में एक पुलिस अधिकारी के सामने अपना बयान दर्ज करवाया था, जिसमें छह लोगों के नाम लिए थे.

पिछले साल सितंबर में आई एक पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक पहलू खान पर हमले के समय ये छह लोग मौका-ए-वारदात पर मौजूद नहीं थे. पुलिस ने मोबाइल लोकेशन का हवाला देते हुए इन छह लोगों को क्लीनचिट दी थी.

वहीं, आरोप-पत्र दाखिल होने पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय जनता पार्टी के नेता ज्ञानदेव आहूजा ने कहा कि पहलू खान, उनके भाई और बेटे आदतन अपराधी थे और लगातार गो-तस्करी में शामिल थे. गोरक्षक और हिंदू परिषद पर लगाए गए सभी आरोप गलत थे.

समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में ज्ञानदेव आहुजा ने कहा कि स्थानीय लोगों ने पहलू खान के वाहन को पकड़ा जिसमें वे गायों की तस्करी कर रहे थे और उन्होंने ही उन्हें रोका था. पहलू खान की मौत पुलिस हिरासत में हुई, स्थानीय लोगों ने उनकी पिटाई नहीं की थी.

मौजूदा सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाते हुए आहूजा कहते हैं कि अब जब उनके खिलाफ आरोप-पत्र दायर किया गया है, तो कांग्रेस इसका श्रेय ले रही है. लेकिन कांग्रेस ने तब पहलू खान के परिवार को वित्तीय मदद दी थी.

पहलू खान के खिलाफ आरोप-पत्र दायर होने के मामले पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि इस मामले की जांच बीजेपी सरकार में हुई थी और चार्जशीट भी उसी वक्त पेश हुई थी. अगर जांच में किसी तरह की अनियमितता पाई जाती है तो केस की दोबारा जांच होगी.

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