असम के ग्यारह ज़िलों में दो लाख से ज़्यादा लोग प्रभावित. अरुणाचल प्रदेश और मेघालय में भारी बारिश और भूस्खलन के चलते जनजीवन अस्त-व्यस्त.
गुवाहाटी/शिलॉन्ग/इटानगर: असम में वर्षा और बाढ़ जनित घटनाओं में तीन लोगों की मौत हो गयी और 11 जिलों में दो लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं.
भारी बारिश के बाद असम में ब्रह्मपुत्र समेत कई नदियां उफान पर है. राज्य आपदा प्रबधंन प्राधिकरण (एएसडीएमए) ने बताया कि धेमाजी, लखीमपुर, बिस्वनाथ, दरांग, बारपेटा, नलबाड़ी, चिरांग, गोलाघाट, माजुली, जोरहाट और डिब्रूगढ़ जिले के करीब 530 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं.
इलाके में 2,07,100 लोग बाढ़ का सामना कर रहे हैं. वहीं गोलाघाट, धेमाजी और कामरूप जिले में वर्षा और बाढ़ जनित घटनाओं में चार लोगों की मौत हो गयी है. चार जिले में प्रशासन 13 राहत शिविर और वितरण केंद्र चला रहा है और इन शिविरों में 249 लोगों ने शरण ली है.
एनडीटीवी की खबर के अनुसार धेमाजी और लखीमपुर जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. इस बीच बारिश के चलते राज्य में- गोलाघाट, धेमाजी और गुवाहाटी में तीन लोगों की मौत हो गयी है.
जोरहाट के निमातीघाट में ब्रह्मपुत्र नदी, नुमारीगढ़ में धनसिरी और सोनितपुर में जिआ भराली खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. बारपेटा में बेकी नदी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है.
सेंट्रल वॉटर कमीशन के सूत्रों के अनुसार ब्रह्मपुत्र, दो जगहों पर- निमातीघाट और तेजपुर में और इसकी पांच सहायक नदियां भी खतरे के निशान के ऊपर चल रही हैं.
असम राज्य आपदा मोचन प्राधिकरण (एएसडीएमए) ने बताया कि 13,267 हेक्टेयर फसल क्षेत्र पानी में डूबा हुआ है, जबकि 249 लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाया गया है.
भूस्खलन में एक की मौत
गुवाहाटी में मूसलाधार बारिश के बाद हुए भूस्खलन में एक व्यक्ति की मौत हो गई जबकि जोरहाट जिले में एक व्यक्ति घायल हो गया. अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी.
भारी बारिश से शहर के कुछ निचले इलाकों में पानी भी भर गया है. पुलिस ने कहा कि बुधवार को भूस्खलन के चलते पहाड़ी से एक चट्टान और कीचड़ नारायण साहा (56) के घर पर गिरी, जिसमें उनकी मौत हो गई.
उन्होंने कहा कि मंगलार को असम-मेघालय सीमा पर जोराबाट पुलिस चौकी के अंतर्गत ग्यारहवें माइल क्षेत्र में भूस्खलन की चपेट में आने से 60 वर्षीय हेमेश्वर बोरा गंभीर रूप से घायल हो गए.
पड़ोसी राज्यों में भी बाढ़ का खतरा
असम के अलावा अरुणाचल प्रदेश और मेघालय में भी लगातार हो रही भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त है. अरुणाचल प्रदेश में चार जिलों से संपर्क टूट गया है, वहीं मेघालय में नदियों का जल स्तर धीरे-धीरे बढ़ रहा है.
अरुणाचल में बाढ़ और भूस्खलन के चलते पूर्व और पश्चिम कामेंग, पापुम परे, लोअर सुबनसिरी और दिबांग घाटी जिले प्रभावित हैं. भारत-चीन सीमा के पास के तवांग जैसे शहरों को जाने वाली सड़कें बंद हैं.
मौसम विभाग ने नौ से 12 जुलाई के दौरान पूर्वोत्तर राज्यों तेज बारिश की संभावना जताई है. विभाग ने असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा के दूर-दराज के इलाकों में भारी बारिश होने का अनुमान जताया है.
पिछले पांच दिनों से जारी मूसलाधार बारिश से मेघालय में कई स्थानों पर अचानक बाढ़ आ गई है और भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं. इसके कारण कई जगहों पर बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा है और जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है.
राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री किरमेन शायला ने समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा को बताया कि कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. जिला प्रशासनों को तत्काल कार्रवाई के लिए आपातकालीन अभियान संचालन केंद्र स्थापित करने के लिए कहा गया है.
शायला ने बताया कि क्षेत्रीय मौसम विभाग ने अगले दो-तीन दिनों में भारी बारिश की चेतावनी भी जारी की है. ईस्ट खासी हिल्स की जिला उपायुक्त मत्सिउदोर वार नोंगबरी ने कहा कि जलजमाव के कारण कई निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है.
उन्होंने बताया कि पिछले हफ्ते आयी बाढ़ में सड़कें क्षतिग्रस्त होने के चलते जिले के कई गांव शिलॉन्ग से कट गए हैं. उन्होंने कहा कि मलबा हटाने और सामान्य स्थिति बहाल करने के प्रयास जारी हैं. मेघालय सरकार ने गारो हिल्स और पूर्वी खासी हिल्स के लोगों को बाढ़ के बाद पानी या तालाब आदि के पास न जाने की हिदायत दी है.
मौसम विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि सोहरा (चेरापूंजी) में पिछले चार दिनों में लगभग 1,000 मिलीमीटर बारिश हुई है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)