भाजपा ने ग्राम पंचायत की सभी 6,111 सीटों पर उम्मीदवारों को उतारा है. इसमें से 5,278 सीटों पर किसी अन्य पार्टी के उम्मीदवार द्वारा पर्चा दाखिल नहीं करने की वजह से पार्टी ने इन सीटों पर निर्विरोध जीत दर्ज की.
अगरतला: भाजपा द्वारा विपक्षी दलों के उम्मीदवारों को धमकी देने के आरोपों के बीच पार्टी ने त्रिपुरा के पंचायत चुनाव में 86 फीसद सीटें निर्विरोध जीत ली हैं. राज्य में पंचायत चुनाव के लिए 27 जुलाई को मतदान होना है.
राज्य चुनाव आयोग के सचिव प्रसेनजीत भट्टाचार्य ने शनिवार को कहा, ‘ग्राम पंचायतों, पंचायत समितियों और जिला परिषदों की कुल 6646 सीटों में से भाजपा ने 5,652 सीटें निर्विरोध जीत ली हैं.’
उन्होंने कहा कि अब ग्राम पंचायतों की 850 , पंचायत समितियों की 85 और जिला परिषदों की 80 सीटों के लिए मतदान होगा. त्रिपुरा में 591 ग्राम पंचायतों में 6111 सीटें, 35 पंचायत समितियों में 419 सीटें और आठ जिला परिषदों में 116 सीटें हैं.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक भाजपा ने ग्राम पंचायत की सभी 6,111 सीटों पर उम्मीदवारों को उतारा है. इसमें से 5,278 सीटों पर किसी अन्य पार्टी के उम्मीदवार द्वारा पर्चा दाखिल नहीं करने की वजह से पार्टी ने इन सीटों पर निर्विरोध जीत दर्ज की है.
नाम वापस लेने की अंतिम तारीख 11 जुलाई थी और मतगणना 31 जुलाई को होगी. विपक्षी माकपा और कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि उनके उम्मीदवारों को भाजपा कार्यकर्ताओं ने कथित रूप से धमकी दी और उन पर हमला किया.
भाजपा ने इन आरोप को खारिज किया है. पार्टी के प्रवक्ता नवेंदु भट्टाचार्य ने कहा कि इन दोनों विपक्षी दलों के उम्मीदवारों ने पर्चा ही नहीं भरा क्योंकि वे अपना जनाधार गंवा बैठे हैं.
अखबार के मुताबिक, राज्य चुनाव आयुक्त जी. कामेश्वरा राव ने कहा कि किसी भी पार्टी ने हिंसा को लेकर कोई आधिकारिक शिकायत दर्ज नहीं कराई है. राव ने कहा कि माकपा नेता एक बार उनसे मिले थे, लेकिन उन्होंने कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई.
वहीं, राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी माकपा का आरोप है कि जब एक जुलाई से आठ जुलाई तक के लिए नामांकन प्रक्रिया चल रही थी, उस समय भाजपा के लोगों ने कथित रूप से उम्मीदवारों को नामांकन पत्र लेने रोका और पर्चा दाखिल नहीं करने दिया.
राज्य चुनाव आयुक्त जी. कामेश्वरा राव ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि माकपा ने ग्राम पंचायत सीट के लिए कुल 369 सही नामांकन दाखिल किया था, जिसमें से 64 नामांकन वापस ले लिए गए. वहीं, कांग्रेस ने 708 नामांकन दाखिल किया, जिसमें से 97 वापस ले लिए गए.
मालूम हो कि भाजपा ने भी पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव को लेकर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) पर इसी तरह के आरोप लगाए थे. मई 2018 में हुए ग्राम पंचायत के चुनाव में टीएमसी ने 34.2 फीसदी सीटें निर्विरोध जीत ली थी. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने गंभीर चिंता जताई थी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)