टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसेस (टिस) के हैदराबाद कैंपस में छात्रों का विरोध प्रदर्शन बीते हफ़्ते शुरू हुआ था. फीस में बढ़ोतरी और लड़कियों के हॉस्टल के आसपास सुरक्षा की कमी के विरोध में भूख हड़ताल पर हैं.
हैदराबादः टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टिस) के हैदराबाद कैंपस में बीते सोमवार से सभी अकादमिक गतिविधियों को तत्काल प्रभाव से अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया है. बीते कुछ दिनों से यहां के छात्रों के विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर यह फैसला लिया गया.
द न्यूज़ मिनट की रिपोर्ट के अनुसार, सभी छात्र-छात्राओं से कैंपस खाली कर देने के लिए कह दिया गया है. हॉस्टल और मेस की फीस को लेकर कैंपस में भूख हड़ताल के साथ ही पिछले कुछ दिनों से छात्र-छात्राओं का प्रदर्शन जारी था.
टिस की कार्यकारी उपनिदेशक प्रोफेसर विंध्या ने बताया, ‘छात्र बीते एक सप्ताह से हमें कैंपस में घुसने नहीं दे रहे हैं. हमारी उनसे बैठक हुई और हमने कहा था कि हम इस माहौल में बात नहीं कर सकते. इसलिए हमारे मुंबई प्रशासन ने अनिश्चितकाल के लिए सभी शैक्षणिक गतिविधियां बंद कर दी हैं. अनिश्चितकाल के लिए कैंपस बंद कर दिया गया है, एक बार परिस्थिति सामान्य होने पर कैंपस को दोबारा खोला जाएगा.’
स्क्रॉल डॉट इन की रिपोर्ट के अनुसार, छात्र हॉस्टल की बढ़ी हुई फीस और गर्ल्स हॉस्टल के पास सुरक्षा की कमी के विरोध में भूख हड़ताल पर हैं. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि हॉस्टल के पास कई महिलाओं ने उत्पीड़न का सामना किया है लेकिन कॉलेज ने किसी भी तरह की जिम्मेदारी उठाने से इनकार कर दिया क्योंकि उनका कहना है कि हॉस्टल कैंपस में नहीं है.
यूनिवर्सिटी ने सोमवार को जारी नोटिस में कहा कि हमारी बार-बार की गई अपील और बातचीत के प्रयासों के बावजूद प्रदर्शन कर रहे छात्र बाधा उत्पन्न कर रहे हैं इसलिए कैंपस में बीते पांच दिनों से कामकाज पूरी तरह से ठप है.
कॉलेज का कहना है कि विरोध प्रदर्शन नौ जुलाई को उस समय शुरू हुआ था, जब छात्रों ने फैकल्टी के सदस्यों को कॉलेज में प्रवेश नहीं करने दिया.
नोटिस में कहा गया था, ‘संस्थान द्वारा बार-बार किए गए आग्रह के बावजूद छात्रों ने अपनी अवैध, अनैतिक, गैर-वाजिब गतिविधियां और काम में बाधा डालना जारी रखा. संस्थान ने बाद में आशंका जताई थी कि स्थिति आगे और खराब हो सकती है और कैंपस के भीतर सभी तरह के व्यवधानों की संभावना है.’
कॉलेज ने कहा कि संस्थान इन व्यवधानों के बीच इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि छात्रों, शिक्षकों और नॉन टीचिंग स्टाफ सभी के लिए कैंपस के भीतर सामान्य शैक्षणिक गतिविधियों को जारी रखना सुरक्षित और व्यावहारिक नहीं है.
स्क्रॉल डॉट इन की रिपोर्ट के अनुसार, इस बीच राज्यसभा सांसद इलामारम करीम ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को पत्र लिखकर उनसे इस मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया.
करीम ने कहा कि छात्रों की चिंता का मुख्य कारण हॉस्टल की बढ़ी हुई फीस है. छात्रों ने आरोप लगाया है कि कॉलेज ने बिना टेंडर जारी किए अनैतिक रूप से हॉस्टल की सेवाओं को किसी निजी सेवा प्रदाता को आउटसोर्स किया है.
करीम ने कहा कि कॉलेज बीते तीन सालों में अपना कैंपस तीन बार शिफ्ट कर चुका है और मौजूदा समय में यह एक निजी स्कूल की इमारत में है, जहां कोई सुरक्षा नहीं है.
उन्होंने कहा, ‘मैं चाहता हूं कि आप इस मामले में हस्तक्षेप करें और टिस के छात्र-छात्राओं द्वारा उठाए गए सभी मामलों के निपटारे के लिए संबद्ध प्रशासन को निर्देश दें और जल्द से जल्द छात्रों की मांगों को स्वीकार करें.’