केरल में भारी बारिश की संभावना. राज्य के छह ज़िलों में रेड अलर्ट जारी. असम का काज़ीरंगा राष्ट्रीय उद्यान का 90 प्रतिशत हिस्सा जलमग्न.
नई दिल्ली/पटना/लखनऊ/गुवाहाटी/तिरुवनंतपुरम: बिहार और असम में बाढ़ का कहर जारी है और दोनों राज्यों में इसके कारण मरने वालों की संख्या बीते मंगलवार तक बढ़कर 55 हो गई. इस बीच उत्तर प्रदेश में भी वर्षाजनित हादसों में 14 लोगों की मौत हो गई.
वहीं, केरल में बेहद भारी बारिश की भविष्यवाणी के बाद रेड अलर्ट जारी किया गया है. मौसम विभाग ने राज्य में बेहद भारी बारिश की संभावना जताई है.
एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, उत्तर प्रदेश में वर्षाजनित हादसों में मंगलवार को 14 लोगों की मौत हो गई. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संबंधित जिला मजिस्ट्रेटों को पीड़ितों के परिजन को तत्काल चार-चार लाख रुपये मुहैया कराने का आदेश दिया है.
उत्तर भारत की बात करें तो पंजाब और हरियाणा में भी भारी बारिश जारी है जबकि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में लगातार दूसरे दिन हल्की बारिश हुई.
बिहार में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की करीब 19 टीमों को तैनात किया गया है. केंद्र ने राज्य सरकार को हरसंभव मदद का भरोसा दिया है. राज्य में अब तक 33 लोगों की मौत हो चुकी है और 16 जिलों में 25.71 लाख लोग प्रभावित हुए हैं.
अधिकारियों के अनुसार, नेपाल के जलक्षेत्रों में असामान्य मूसलाधार वर्षा और उसके बाद नदियों में बड़े पैमाने पर पानी छोड़े जाने के कारण बिहार में बाढ़ आई है. यहां एक लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है.
#Assam: People use boats for transportation as streets get flooded in Dhubri. pic.twitter.com/LDXCz6mJTe
— ANI (@ANI) July 17, 2019
असम के 33 जिले भी बाढ़ की चपेट में हैं, जिनमें 17 लोगों की मौत हुई है और 45 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं.
मौसम विभाग के बुलेटिन के अनुसार, केरल के छह जिलों में 24 घंटे के भीतर 204 मिलीमीटर तक बहुत भारी बारिश होने की संभावना है.
राज्य के इडुक्की, मलप्पुरम, वायनाड, कन्नूर, एर्नाकुलम और त्रिशूर जिलों में 18-20 जुलाई के दौरान बेहद भारी वर्षा होने की संभावना है.
असम में आई बाढ़ से काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में 150 से अधिक शिकार रोकथाम शिविर प्रभावित हुए हैं. हालांकि इस राष्ट्रीय उद्यान में शिकार पर लगाम लगाने के लिए अधिकारी 24 घंटे काम कर रहे हैं. कांजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थलों में शामिल है.
बिहार: बाढ़ के कारण 33 लोगों की मौत
बिहार के 12 जिलों में आई बाढ़ के कारण अब तक 33 लोगों की मौत हो चुकी है और 26 लाख 79 हजार 936 लोग प्रभावित हुए है .
आपदा प्रबंधन विभाग से मंगलवार को प्राप्त जानकारी के मुताबिक बिहार के 12 जिलों शिवहर, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, मधुबनी, दरभंगा, सहरसा, सुपौल, किशनगंज, अररिया, पूर्णिया एवं कटिहार में अब तक 33 लोगों की मौत होने के साथ 26 लाख 79 हजार 936 लोग प्रभावित हुए है.
बिहार में बाढ़ के कारण मरने वाले लोगों में सीतामढ़ी के 11, अररिया के नौ, शिवहर के सात, किशनगंज के चार और सुपौल दो लोग शामिल हैं.
बाढ़ प्रभावित 12 जिलों में कुल 185 राहत शिविर चलाए जा रहे हैं, जहां 1,12,653 लोग शरण लिए हुए हैं. उनके भोजन की व्यवस्था के लिए 812 सामुदायिक रसोई चलाई जा रही हैं.
बाढ़ प्रभावित इलाके में राहत एवं बचाव कार्य के लिये एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की कुल 26 टीमों और 796 लोगों को लगाया गया है तथा 125 मोटरबोट का इस्तेमाल किया जा रहा है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को पटना से बाल्मीकिनगर तक गंडक नदी के संवेदनशील तटबंधों का हवाई सर्वेक्षण किया.
हवाई सर्वेक्षण के क्रम में मुख्यमंत्री ने विशेषकर गोपालगंज के निकट रूपनछाप एवं समहरा धार के निकट तटबंधों की विशेष निगरानी और आवश्यकतानुसार उनके सुदृढ़ीकरण का निर्देश दिया.
मुख्यमंत्री ने साथ ही बगहा शहर में नदी के किनारे रिवेटमेंट का भी हवाई सर्वेक्षण किया और जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव निर्देश को उसके सुदृढ़ीकरण का दिया.
उन्होंने इसके बाद पश्चिम चम्पारण जिले के चनपटिया, नरकटियागंज तथा पूर्वी चम्पारण जिला के रमगढ़वा, सुगौली एवं बंजरिया इलाकों का भी हवाई सर्वेक्षण किया. इन इलाकों में नेपाल की तराई से निकलने वाली मसान, तिलावे, तिमर एवं मुख्यतः सिकरहना नदियों के पानी के कारण बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है.
हवाई सर्वेक्षण से लौटने के बाद मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव, जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव, आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव के साथ पश्चिम चम्पारण एवं पूर्वी चम्पारण में बाढ़ की स्थिति पर समीक्षा की.
मुख्यमंत्री ने आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव को निर्देश दिया कि वह पश्चिम चम्पारण एवं पूर्वी चम्पारण के जिलाधिकारियों के साथ हवाई सर्वेक्षण करें ताकि जिलाधिकारी अपने जिले में बाढ़ की स्थिति से पूरी तरह अवगत हो सकें.
उन्होंने बिना देर किए राहत कार्य चलाए जाने का निर्देश दिया. साथ ही बाढ़ पीड़ितों को आवश्यकतानुसार निर्धारित सहायता राशि उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया.
हवाई सर्वेक्षण के दौरान मुख्यमंत्री के साथ मुख्य सचिव दीपक कुमार एवं जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह भी मौजूद थे.
केंद्रीय जल आयोग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक बिहार की कई नदियां गंडक, बूढी गंडक, बागमती, अधवारा समूह, कमला बलान, कोसी, महानंदा और परमान नदी विभिन्न स्थानों पर मंगलवार सुबह खतरे के निशान से ऊपर बह रही थीं.
भारत मौसम विभाग के अनुसार बिहार की सभी नदियों के जलग्रहण क्षेत्रों में बुधवार की सुबह तक हल्की बारिश की संभावना जताई गई है.
काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान का 90 फीसदी हिस्सा जलमग्न, शिकार रोकथाम शिविर प्रभावित
काजीरंगा: असम में आई बाढ़ से काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में 150 से अधिक शिकार रोकथाम शिविर प्रभावित हुए हैं. हालांकि इस राष्ट्रीय उद्यान में शिकार पर लगाम लगाने के लिये अधिकारी 24 घंटे काम कर रहे हैं. काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थलों में शामिल है.
उन्होंने बताया कि उद्यान के कर्मचारी और सुरक्षाकर्मी किसी भी संभावित घटना से निपटने के लिये देसी और मशीनीकृत नौकाओं की मदद से अपनी ड्यूटी कर रहे हैं.
असम के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, राज्य के गोलाघाट और नगांव जिलों में स्थित काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान का 90 फीसदी हिस्सा अब तक जलमग्न है.
काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान (केएनपी) के संभागीय वन अधिकारी रोहिणी बल्लभ सैकिया ने कहा कि वन सुरक्षाकर्मियों के अलावा राज्य आपदा राहत बल (एसडीआरएफ) की टीम भी उद्यान के संवेदनशील स्थानों पर असम पुलिस के साथ तैनात है.
प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार केएनपी में 199 शिकार रोकथाम शिविर में से 155 बाढ़ के पानी से प्रभावित हैं.
काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में एक सींग वाले भारतीय गैंडे की दुनिया में सबसे अधिक आबादी है. यहां बाघ, हाथी, भालू (स्लॉथ बियर), बंदर और कस्तूरी हिरन जैसे अन्य जानवर भी हैं.
बयान के अनुसार, कुछ जानवरों ने उद्यान के अंदर स्थित ऊंचे स्थानों पर शरण ली है और कई राष्ट्रीय राजमार्ग 37 को पार कर कार्बी आंगलोंग में ऊंचाई वाली जगहों पर चले गए हैं.
काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान का 90 प्रतिशत हिस्सा जलमग्न है, हालांकि उद्यान के अंदर जलस्तर और पास के एनएच-37 से कुछ हद तक पानी घटा है, जिससे राजमार्ग पर मंगलवार को भारी वाहनों की आवाजाही बहाल हो गयी.
सैकिया ने कहा कि यात्री बसों को उद्यान से होकर जाने की अभी अनुमति नहीं है.
बयान के अनुसार, राष्ट्रीय राजमार्ग पर अभी तक छह हादसों की जानकारी मिली है जिनमें पांच हिरण और एक चीतल की मौत हुई है.
इसमें कहा गया है कि बाढ़ के दौरान विभिन्न कारणों से घायल हुए पांच अन्य जानवरों की भी मौत हुई है.
प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन्य बल के प्रमुख एएम सिंह ने उद्यान के कई इलाकों का दौरा किया और स्थिति का जायजा लिया. अन्य प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं मुख्य वन्यजीव वार्डन रंजना गुप्ता भी अभियान का जायजा ले रही हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल से बात की और केएनपी समेत राज्य में बाढ़ की स्थिति का जायजा लिया तथा हर संभव मदद का आश्वासन दिया.
उत्तर प्रदेश: आंधी-तूफान और बारिश की वजह से गई 14 लोगों की जान
उत्तर प्रदेश में आंधी-तूफान, बारिश और आकाशीय बिजली गिरने जैसी घटनाओं में 14 लोगों की मौत हो गई है. राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि मंगलवार को प्राप्त सूचना के अनुसार, जनपद उन्नाव एवं बलिया में आंधी-तूफान से एक-एक, बरेली, मुजफ्फरनगर व प्रतापगढ़ में अतिवृष्टि से एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई.
उनके अनुसार, शाहजहांपुर में आकाशीय बिजली से एक एवं मुरादाबाद में दो, आंबेडकरनगर व प्रतापगढ़ में सर्पदंश से एक-एक, पीलीभीत में दो तथा प्रयागराज में नदी में डूबने से एक व आजमगढ़ में जंगली सुअर के हमले में एक व्यक्ति की मृत्यु हुई है.
प्रवक्ता ने कहा, ‘इस प्रकार कुल 14 लोगों की मृत्यु हुई है.’
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विभिन्न जनपदों में आपदा की घटनाओं में 14 लोगों की मृत्यु पर गहरा शोक व्यक्त किया है.
योगी ने इन आपदाओं में दिवंगत लोगों की शांति की कामना करते हुए उनके परिजनों के प्रति संवेदनाएं भी व्यक्त की हैं.
प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने संबंधित जिलाधिकारियों को दैवीय आपदाओं में दिवंगत लोगों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये की राहत राशि तत्काल वितरित करने के निर्देश दिए हैं.
उन्होंने कहा कि राहत कार्यों में किसी भी प्रकार की शिथिलता क्षम्य नहीं होगी. संकट की इस घड़ी में राज्य सरकार पीड़ितों के साथ है और उनकी हर सम्भव मदद के लिए तत्पर है.
केरल में बेहद भारी वर्षा की संभावना, छह जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी
मौसम विभाग द्वारा केरल में 18 जुलाई से अगले कुछ दिनों तक बेहद भारी वर्षा की संभावना जताने के बाद इडुकी और मलप्पुरम समेत राज्य के छह जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है.
इडुक्की, मलप्पुरम, वायनाड, कन्नूर, एर्नाकुलम और त्रिशूर जिलों में 18-20 जुलाई के दौरान बेहद भारी वर्षा होने की संभावना है.
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के एक बुलेटिन के अनुसार 24 घंटे में 204 मिलीमीटर से अधिक वर्षा होने का अनुमान है.
केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सूत्रों ने बताया कि दक्षिण पश्चिम मानसून का दूसरा दौर बुधवार को शुरू हो रहा है तथा बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है.
मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने फेसबुक पर लिखा, ‘चूंकि बाढ़ और भूस्खलन की संभावना है, ऐसे में लोगों को खुद को सुरक्षित रखने के लिए सतर्क रहने और जरूरी एहतियात बरतने को कहा गया है.’
अधिकारियों से तालुका स्तर पर नियंत्रण कक्ष खोलने को कहा गया है. पश्चिम दिशा से तेज हवाएं चलने के कारण मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी गयी है. केरल और लक्षद्वीप तटों और उसके आसपास 40-50 किलोमीटर प्रति घंटे की दर से तेज हवा चलने की संभावना है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)