उत्तर प्रदेशः मायावती के भाई की 400 करोड़ रुपये की संपत्ति ज़ब्त

दिल्ली की बेनामी निषेध इकाई ने 16 जुलाई को मायावती के भाई और बसपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आनंद कुमार और उनकी पत्नी के मालिकाना हक़ वाले सात एकड़ के भूखंड को ज़ब्त करने का आदेश जारी किया था. आयकर विभाग उनकी संपत्तियों से जुड़े मामलों की जांच कर रहा है.

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दिल्ली की बेनामी निषेध इकाई ने 16 जुलाई को मायावती के भाई और बसपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आनंद कुमार और उनकी पत्नी के मालिकाना हक़ वाले सात एकड़ के भूखंड को ज़ब्त करने का आदेश जारी किया था. आयकर विभाग उनकी संपत्तियों से जुड़े मामलों की जांच कर रहा है.

Mayawati and her brother Anand Kumar
बसपा प्रमुख मायावती और उनके भाई आनंद कुमार (फाइल फोटोः पीटीआई)

लखनऊः आयकर विभाग ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती के भाई आनंद कुमार और भाभी का नोएडा में 400 करोड़ रुपये का बेनामी प्लॉट जब्त किया है.

आधिकारिक आदेश के अनुसार, दिल्ली स्थित बेनामी निषेध इकाई (बीपीयू) ने आनंद कुमार और उनकी पत्नी विचित्र लता के लाभकारी मालिकाना हक वाले सात एकड़ के भूखंड को जब्त करने का अस्थाई आदेश 16 जुलाई को जारी किया था.

अधिकारियों के बताया कि बीपीयू ने इस प्लॉट को जब्त करने का आदेश दिया था. आनंद कुमार ने यह संपत्ति अवैध तरीके से किसी करीबी के नाम पर खरीदी थी. दो साल की जांच के बाद इस बात के पुख्ता सबूत आयकर अधिकारियों को मिल चुके हैं. इससे पहले भी आनंद को बेनामी संपत्ति के मामले में नोटिस भेजे जा चुके हैं.

बता दें कि लोकसभा चुनाव के बाद बसपा प्रमुख मायावती  ने पार्टी नेताओं के साथ बैठक कर कई बड़ी घोषणाएं की थी. मायावती ने अपने भाई आनंद कुमार को बसपा का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया था जबकि भतीजे आकाश आनंद  को नेशनल कॉर्डिनेटर की जिम्मेदारी दी थी.

इस आदेश की प्रति के अनुसार, बेनामी संपत्ति लेनदेन निषेध अधिनियम 1988 की धारा 24 (3) के तहत आदेश जारी किया गया.

आदेश के अनुसार, जब्त की गई संपत्ति को आनंद कुमार और उनकी पत्नी की बेनामी समझा जाएगा जो 28,328.07 वर्ग मीटर या करीब सात एकड़ में फैली है. जब्त की गई सम्पत्ति की कीमत 400 करोड़ रुपए है.

कानून के अनुसार, बेनामी अधिनियम का उल्लंघन करने वाले को सात साल कठोर कारावास और बेनामी संपत्ति के बाजार में कीमत का 25 फीसदी जुर्माने के तौर पर भी देना पड़ सकता है.

मोदी सरकार द्वारा 2016 में निष्क्रिय पड़े कानून को लागू करने के बाद विभाग ने एक नवंबर 2016 से नए बेनामी लेनदेन (निषेध) संशोधन अधिनियम के तहत कार्रवाई शुरू की थी.

आयकर विभाग देश में बेनामी अधिनियम को लागू करने वाला नोडल विभाग है.

नवभारत टाइम्स के अनुसार, मायावती के भाई आनंद कुमार कभी नोएडा प्राधिकरण में मामूली क्लर्क हुआ करते थे. उनके ऊपर फर्जी कंपनी बनाकर करोड़ों रुपये लोन लेने का आरोप भी लगा था.

उन्होंने पहले एक कंपनी बनाई थी और इसके बाद 2007 में मायावती की सरकार आने के बाद आनंद कुमार ने एक के बाद एक लगातार 49 कंपनियां खोलीं. देखते ही देखते 2014 में वह 1,316 करोड़ की संपत्ति के मालिक बन गए.

आनंद पर रियल एस्टेट में निवेश कर करोड़ों रुपये मुनाफा कमाने का भी आरोप है. इस मामले को लेकर इनकम टैक्स विभाग उनके खिलाफ जांच कर रहा था. इनकम टैक्स के साथ ही प्रवर्तन निदेशालय के पास भी इस मामले की जांच है.

इससे पहले आनंद कुमार नवंबर 2016 में नोटबंदी के दौरान चर्चा में आए थे. उनके खाते में अचानक 1.43 करोड़ रुपये जमा हुए थे. इतनी बड़ी रकम उनके खाते में आने के बाद से वह एक बार फिर से जांच एजेंसियों की नजर में आ गए थे. जांच एजेंसियां पहले भी कई बार उनके घर और दफ्तरों में छापेमारी कर चुकी हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)