कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन के 16 विधायकों के इस्तीफे के साथ सियासी संकट पैदा हो गया है. हालांकि इनमें से एक विधायक ने अपना इस्तीफा वापस ले लिया है.
बेंगलुरु: कर्नाटक में उपजे सियासी संकट के बीच सत्तारूढ़ कुमारस्वामी सरकार को गुरुवार को थोड़ी राहत मिल गई है. विश्वास मत की प्रक्रिया पूरी किए बिना ही कर्नाटक विधानसभा शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी गई.
विधानसभा में गुरुवार को विश्वास मत पर साढ़े सात घंटे चली बहस के बाद स्पीकर रमेश कुमार ने सदन की कार्यवाही शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी. इसके विरोध में भाजपा ने विधानसभा में रातभर धरना देने का निर्णय किया है.
मालूम हो कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी को कांग्रेस-जेडीएस गठगबंधन सरकार के महज 14 महीने पूरे होने के बाद ही गुरुवार को विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव रखना पड़ा. सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायकों के एक वर्ग के बागी होने के बाद राज्य में सियासी संकट पैदा हो गया है.
सत्तारूढ़ गठबंधन में संख्याबल कम होने पर कुमारस्वामी एक पंक्ति का प्रस्ताव लाए और उन्होंने कहा कि सदन ने उनके नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल में विश्वास जताया.
जैसे ही प्रस्ताव लाया गया विपक्षी भाजपा नेता बीएस येद्दियुरप्पा खड़े हो गए और उन्होंने कहा कि विश्वास मत की प्रक्रिया एक ही दिन में पूरी होनी चाहिए. इस पर कुमारस्वामी ने येद्दियुरप्पा पर तंज कसते हुए कहा, ‘विपक्ष के नेता काफी जल्दबाजी में दिख रहे हैं.’
भाजपा इस बात को लेकर आशंकित है कि सत्तारूढ़ गठबंधन मतदान होने से पहले संख्याबल को मजबूत करने के अंतिम प्रयास में जितना संभव हो सके उतना समय बिताने के लिए बहस को लंबा खींचने की कोशिश करेगा.
कुमारस्वामी ने जोर दिया कि कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन के बारे में संशय पैदा किया गया है और इसे देश के सामने लाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘हमें सच बताना होगा.’
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, कर्नाटक के पूर्व स्पीकर जगदीश शेट्टार ने राज्यपाल वजूभाई वाला से कहा, मुख्यमंत्री ने आज विश्वास मत का दिन तय किया लेकिन जब प्रस्ताव लाया गया और बहस शुरू हुई तभी सिद्धारमैया, कृष्णा बायर गौड़ा और एचके पाटिल पॉइंट ऑफ ऑर्डर ले आए. हमने राज्यपाल ने अनुरोध किया है कि वे स्पीकर को विश्वास मत पर बहस कराने का निर्देश दें.
Karnataka: BJP Delegation consisting of Jagadish Shettar, Arvind Limbavali, Basavaraj Bommai, SR Vishwanath & N Ravikumar met Governor Vajubhai Vala earlier today & submitted a memorandum over vote of confidence. Governor has asked Speaker to consider trust vote by end of the day pic.twitter.com/sHy2RRQCim
— ANI (@ANI) July 18, 2019
इसके बाद राज्यपाल ने विश्वास मत की कार्यवाही पर नजर रखने के लिए अपने विशेष अधिकारी को कर्नाटक विधानसभा भेज दिया है. उन्होंने स्पीकर को एक पत्र भेजते हुए कहा कि वे आज दिन पूरा होने तक विश्वास मत की प्रक्रिया को पूरा करें.
इसके बाद कर्नाटक भाजपा प्रमुख बीएस येदियुरप्पा ने विधानसभा में कहा कि अगर रात के 12 भी बज जाते हैं तो भी विश्वास मत आज ही होना चाहिए.
Karnataka BJP chief BS Yeddyurappa in assembly: Even if it is 12 midnight, let the trust vote be held today. pic.twitter.com/TALDiB378d
— ANI (@ANI) July 18, 2019
वहीं, सदन की कार्यवाही में राज्यपाल के दखल पर सदन में मौजूद कांग्रेस सदस्यों ने आपत्ति जताई. सदन के कामकाज में राज्यपाल से दखल देने की मांग करने के लिए उन्होंने भाजपा को दोषी ठहराया.
Karnataka Congress MLA HK Patil in assembly: Governor shall not interfere in the proceedings of session as per the constitution. I request governor to not to intervene in the proceedings of the session. pic.twitter.com/cZZC5SvVcC
— ANI (@ANI) July 18, 2019
हालांकि, इस बीच स्पीकर ने कहा कि विपक्ष के पास राज्यपाल से मुलाकात करने और कुछ मुद्दों पर उनसे कदम उठाने के लिए कहने का अधिकार है. यह उनके ऊपर है कि वे मामले पर क्या फैसला लेते हैं.
शक्ति परीक्षण से एक दिन पहले उच्चतम न्यायालय ने आदेश दिया था कि कांग्रेस-जेडीएस के असंतुष्ट 15 विधायकों को राज्य विधानसभा के मौजूदा सत्र की कार्यवाही में भाग लेने के लिए बाध्य ना किया जाए.
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, मुख्यमंत्री कुमारस्वामी द्वारा पेश किए गए इस विश्वास प्रस्ताव पर विधानसभा में चर्चा होगी. यह विश्वास प्रस्ताव 6 जुलाई के बाद सत्ताधारी कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन के करीब 15 विधायकों के इस्तीफे के बाद पेश किया गया है.
बता दें कि, विश्वास मत से पहले सत्तारूढ़ गठबंधन को तब थोड़ी राहत मिली जब उनके एक बागी विधायक रामलिंगा रेड्डी वापस लौट आए, जिससे बागी विधायकों की संख्या 16 से घटकर 15 रह गई.
कुमारस्वामी ने कांग्रेस के 12 और जेडीएस के तीन बागी विधायकों पर सुप्रीम कोर्ट में उनकी ‘स्थिर’ सरकार के खिलाफ झूठा आरोप लगाने पर हमला .
इस बीच, व्हिप पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को स्पष्ट करने के बारे में पूछे जाने पर स्पीकर केआर रमेश कुमार ने कहा कि उन्होंने पार्टियों को उनके अधिकार का इस्तेमाल करने से नहीं रोका है.
सदन में विश्वास मत के दौरान अपने सदस्यों को पेश होने के लिए कांग्रेस ने व्हिप जारी किया है. अगर बागी विधायक विश्वास मत के दौरान पेश नहीं होते हैं तो उन्हें पार्टी से निकाला जा सकता है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, स्पीकर को अभी भी उन विधायकों के इस्तीफों पर फैसला लेना है.
Coalition Govt has lost the MAJORITY
According to constitution any govt that doesn't have majority should step down.
In Karnataka, Congress & JDS is holding on to power without majority. In their greed for power they have disrespected the constitution of this nation#StepDownCM— BJP Karnataka (@BJP4Karnataka) July 18, 2019
इससे पहले विश्वास मत पर बहस के दौरान कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार ने मुंबई के अस्पताल में भर्ती अपने विधायक श्रीमंत पाटिल की तस्वीरें दिखाते हुए दावा किया कि पाटिल को उनकी इच्छा के खिलाफ अस्पताल में भर्ती कराया गया था. पाटिल जिस विमान से गए थे उसके दस्तावेज दिखाते हुए शिवकुमार ने कहा कि कांग्रेस विधायक के साथ भाजपा नेता वहां मौजूद थे.
उन्होंने स्पीकर से अपने विधायकों की रक्षा करने की भी मांग की जिसके बाद सदन में हंगामा होने लगा.
वहीं, कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष दिनेश गुंडु राव ने कहा, ‘हमारे विधायकों को भाजपा जबरदस्ती उठा रही है. भाजपा हमारे विधायकों को डराने-धमकाने में सीधे शामिल है.’
इस पर स्पीकर ने राज्य के गृहमंत्री एमबी पाटिल को आदेश दिया कि वे श्रीमंत पाटिल के परिवार से संपर्क करें और कल तक विस्तृत रिपोर्ट सौंपी जाए क्योंकि यह सामान्य नहीं लग रहा है. अगर गृह मंत्री सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर पाएंगे तो मैं डीजीपी से बात करूंगा.
Karnataka Speaker KR Ramesh Kumar to Karnataka Home Minister MB Patil: Please contact the family members of Shrimant Patil (Congress MLA) immediately. Give a detailed report to me by tomorrow, it does not look natural. If Home Minister can't ensure protection, I will talk to DGP. https://t.co/aV6VYY4axU
— ANI (@ANI) July 18, 2019
वहीं, इस बीच सीने में दर्द की शिकायत लेकर मुंबई के अस्पताल में भर्ती होने वाले पाटिल को बॉम्बे हॉस्पिटल एंड मेडिकल रिसर्च सेंटर से शिफ्ट करके सेंट जॉर्ज हॉस्पिटल भर्ती करा दिया गया.
Maharashtra: Karnataka Congress MLA Shrimant Patil has been shifted to Mumbai's St. George Hospital from Bombay Hospital and Medical Research Centre for further treatment. pic.twitter.com/M6fTMwKruN
— ANI (@ANI) July 18, 2019
बता दें कि, स्पीकर अगर विधायकों का इस्तीफा स्वीकार कर लेते हैं या उन्हें अयोग्य ठहरा देते हैं तो सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायकों की संख्या बहुमत के लिए आवश्यक संख्या 113 से कम हो जाएगी. 15 विधायकों के इस्तीफे से विधानसभा में सत्तारूढ़ गठबंधन का संख्याबल 102 रह जाएगा. 224 सदस्यों वाली विधानसभा में भाजपा के पास 105 विधायक हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)