त्रिपुरा यूनिवर्सिटी के कुलपति ने एबीवीपी का झंडा फहराया, सांस्कृतिक संगठन बताया

त्रिपुरा यूनिवर्सिटी के कुलपति विजयकुमार लक्ष्मीकांतराव धारुरकर का कहना है कि एबीवीपी एक सामाजिक एवं सांस्कृतिक संगठन है और यह किसी भी पार्टी से संबंधित नहीं है.

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त्रिपुरा यूनिवर्सिटी के कुलपति विजयकुमार धारुरकर (फोटो साभारः फेसबुक)

त्रिपुरा यूनिवर्सिटी के कुलपति विजयकुमार लक्ष्मीकांतराव धारुरकर का कहना है कि एबीवीपी एक सामाजिक एवं सांस्कृतिक संगठन है और यह किसी भी पार्टी से संबंधित नहीं है.

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त्रिपुरा यूनिवर्सिटी के कुलपति विजयकुमार धारुरकर (फोटो साभारः फेसबुक)

नई दिल्लीः त्रिपुरा यूनिवर्सिटी के कुलपति विजयकुमार लक्ष्मीकांतराव धारुरकर ने एक कार्यक्रम के दौरान कैंपस में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) का झंडा फहराया.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने कहा कि एबीवीपी एक सामाजिक एवं सांस्कृतिक संगठन है और किसी भी पार्टी से संबंधित नहीं है. यह कार्यक्रम 10 जुलाई को कैंपस परिसर में हुआ था.

धारुरकर ने कहा कि स्वामी विवेकानंद के शिकागो में दिए उनके भाषण की 125वीं वर्षगांठ के मौके पर एबीवीपी ने यह कार्यक्रम आयोजित किया था.

उन्होंने कहा, ‘मैं कार्यक्रम में गया था क्योंकि मुझे आमंत्रित किया गया था और मैं क्यों नहीं जाता? जिस संगठन की आप बात कर रहे हैं, वह राष्ट्रविरोधी और आतंकवादी संगठन नहीं है. यह सामाजिक और सांस्कृतिक संगठन है, जो जनसंघ के आने से बहुत पहले ही अस्तित्व में आ गया था. यह किसी पार्टी से जुड़ा हुआ नहीं है.’

एबीवीपी का झंडा फहराने के सवाल पर धारुरकर ने कहा, ‘वहां  पर भाषण हुए थे और पौधरोपण भी हुआ था. यह कार्यक्रम स्वामी विवेकानंद के शिकागो भाषण से जुड़ा हुआ था.’

धारुरकर (65) ने कहा कि बीते कई सालों से वह देशभर के हजारों संगठनों से जुड़े हुए हैं और उन्हें कुलपति के नाते एबीवीपी के कार्यक्रम में शिरकत करने में कुछ गलत नजर नहीं आता.

यह पूछने पर कि क्या वह स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) जैसे छात्र संगठनों का भी झंडा फहराते. इस पर धारुरकर ने कहा, ‘मैं चीन और रूस का स्कॉलर हूं. मैं कार्ल मार्क्स और माओ-त्से तुंग के विचारों से परिचित हूं. मैं बहुत ही खुले विचारों का आदमी हूं और सभी छात्र संगठनों का समर्थन करता हूं.’

त्रिपुरा यूनिवर्सिटी एक सेंट्रल यूनिवर्सिटी है. इस यूनिवर्सिटी में कुलपति के पद पर नियुक्ति से पहले धारुरकर औरंगाबाद में डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर मराठवाड़ा यूनिवर्सिटी में मास कम्युनिकेशन एंड जर्नलिज्म विभाग के प्रमुख थे.